नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो से लौटे ओलंपियनों से राष्ट्रहित में 75 स्कूलों का दौरा मांगा है। पीएम ने अपने आवास पर खिलाड़ियों से कहा कि वह उनसे कुछ मांगना चाहते हैं। आजदी की 75वीं वर्षगांठ का मौका है। 15 अगस्त 2023 में दो साल बचे हैं। इन दो वर्षों में एक-एक खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों का दौरा करे। अगर कोई स्कूल नहीं बुलाना चाहता है तो खुद पहल करें और कहें वे बच्चों के साथ एक घंटा बिताना चाहते हैं। देश कुषोषण के चलते सिर उठाने की स्थिति में नहीं हैं। वे उन्हें समझा सकते हैं कि संतुलित आहार का क्या मतलब है। अध्यापक की तरह उन्हें पोषण पर लेक्चर दें। जिस देश का बचपन स्वस्थ्य न हो वह देश कभी स्वस्थ्य नहीं रह सकता। यह बड़ी सेवा होगी। साथ ही बच्चों के साथ 10 से 15 मिनट खेलें। पीएम ने ओलंपियनों से कहा कि वे कल्पना नहीं कर सकते हैं कि बच्चों के जीवन में ये कितना बड़ा दिन होगा। वे खेल के प्रति प्रेरित होंगे।
पीएम ने खिलाड़ियों से कहा कि वे व्यवस्थाओं, प्रक्रियाओं और इन्फ्रांस्ट्रक्चर में क्या बदलाव करना चाहिए इस पर उन्हें लिखकर अपनी राय दें। इससे सरकार को बहुत मदद मिलेगी। हर एक खिलाड़ी की टेबल पर जाकर उनसे संवाद कर रहे पीएम ने पदक नहीं जीतने वाले खिलाड़ियों से कहा कि जिस देश की आबादी 135 करोड़ हो। इतनी बड़ी आबादी में से महज 128 लोग ओलंपिक खेलने गए हों तो इसका मतलब यह हुआ कि ओलंपिक खेलना ही कितनी बड़ी बात है। इसलिए उन्हें दिल नहीं छोटा करना चाहिए। पीएम ने कहा कि यहां तक कहा कि इस ओलंपिक में पदक जरूर सात आए हैं, लेकिन ये ओलंपिक खेल के प्रति मां-बाप का विश्वास बढ़ाएगा। पहले मां-बाप कहते थे पढ़ाई करो, छोटे भाई को देखो, लेकिन अब बदलाव आएगा। मां बाप चाहेंगे अगर बच्चे की खेल के प्रति रुचि है तो वे उसमें उसकी मदद को आगे आएंगे।
पीएम दोस्ताना अंदाज में हुए रूबरू…
पीएम ने खिलाड़ियों के साथ दोस्ताना अंदाज में संवाद किया। उन्होंने पदक विजेताओं की जहां पीठ ठोकी तो पदक नहीं जीतने वालों को मनोबल बढ़ाया। हॉकी कोच ग्राहम रीड से उन्होंने पूछा कि उन्होंने पंजाबी बोलना सीखी या नहीं तो रूपिंदर पाल सिंह की लंबाई देखकर पूछा तुम वॉलीबाल में क्यों नहीं गए।
विनेश से कहा गुस्सा क्यों हो
खुद हाथ में माइक पकड़कर उन्होंने दीपिका से बात की तो विनेश से कहा तुम इतनी गुस्सा क्यों हो गईं। उन्होंने विनेश को परिवार सहित आने का निमंत्रण तक दे डाला। विनेश ने भी कहा कि उनके शब्द पदक नहीं जीतने वालों का मनोबल बढ़ाएंगे। भवानी देवी को तो उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई की संज्ञा दे डाली। मीराबाई की पीठ के दर्द तो बजरंग की चोट का हाल जाना। मीराबाई की ओर से ट्रक ड्राइवरों को बुलाकर उनसे मुलाकात करने की पीएम ने जमकर तारीफ की। दुती चंद से कहा कि राजनीतिज्ञ तुम्हारा भाषण सुनेंगे तो तुरंत चुनाव लड़वाएंगे तो कोरियाई कोच पार्क से पूछा कि क्या वे अयोध्या गए हैं? पीएम ने पार्क को बताया कि कोरिया की प्रथम महिला अयोध्या गई थीं।
नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधू, लवलीना और हॉकी टीम जब पीएम को अपना भाला, रैकेट, बॉक्सिंग ग्लव्स और हॉकी स्टिक भेंट कर रहे थे तो पीएम ने नीरज से पूछा इस पर उनके हस्ताक्षर हैं क्या? वे इन सभी की सेवा कार्यों के लिए बोली लगवाएंगे।
हॉकी का पदक मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि…
पीएम ने हॉकी टीम से कहा कि उनका कांस्य पदक मेजर ध्यानचंद को सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्हीं से प्रेरित होकर उन्होंने मेजर ध्यानचंद के नाम पर सर्वोच्च खेल सम्मान का नामकरण कर दिया। पीएम ने महिला हॉकी खिलाड़ियों से कहा कि दूसरे खेल जितने पदक जीत लें, लेकिन हॉकी में पदक नहीं आए तो देश को लगता ही नहीं है कि कुछ जीता है।