भोपाल। राजनीति में कब कौन किस करवट होगा ये नहीं कहा जा सकता। भोपाल में अचानक ही एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाओं ने बाज़ार गरम कर दिया है। मामला रोजा इफ्तार पार्टी का है जहां पर एक बार फिर कांग्रेस के दो दिग्गज नेता एक मंच पर नजर आए। एक वक्त था जब प्रदेश की राजनीति को कमलनाथ के नाम से असलम शेरखान ने ही गरम किया था। शेरखान ने सबसे पहले प्रदेश की राजनीति में कमलनाथ के आने और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनने का सार्वजनिक बयान दिया था। शेरखान के इस बयान के बाद कांग्रेस में हलचल मच गई थी। कई नेताओं को शेरखान के इस बयान से तब झटका लगा था। इस के बाद चुनाव भी हुए कांग्रेस की सरकार बनी और फिर गिर भी गई। लेकिन असलम अपनी राजनीति में व्यस्त रहे और कमलनाथ अपनी । लेकिन इस रोजा इफ्तार पार्टी ने एक बार फिर से गांधी परिवार के इन दो नेताओं को एक मंच पर ला दिया। चर्चा है कि दोनों नेताओं की ये मुलाकात आने वाले विधानसभा चुनाव में कुछ नया समीकरण बना सकती है। यूं भी प्रदेश में असलम के बराबर कोई अल्पसंख्यक चेहरा कांग्रेस के पास नहीं है जो पूरे प्रदेश में दिखाया जा सके। इस समय असलम अल्पसंख्यक वर्ग में कांग्रेस में सर्वमान्य नेता तो हैं। आने वाले चुनाव में यूं भी मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी के साथ ही ओवैसी की पार्टी भी दस्तक देगी ये तय माना जा रहा है। ऐसे में प्रदेश में असलम शेरखान जैसे अल्पसंख्यक नेता की जरुरत पार्टी को पढ़ना तय है ताकि इन दोनों पार्टियों को जवाब दिया जा सके। चर्चा है कि शेरखान आने वाले समय में कमलनाथ के साथ कोई नई भूमिका में दिखाई दे सकते हैं। शेरखान ही वो नेता हैं जिन्होंने सबसे पहले पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया को सख्त तेवर दिखा दिए थे।