रायपुर। कन्हैया अग्रवाल, दिनेश शर्मा, प्रीति उपाध्याय, संतोष पाण्डेय एवं रेणु देवांगन ने निजी स्कूल फीस की समस्या पर सभी पालको से निवेदन किया कि अगर निजी स्कूलों द्वारा बच्चो को शिक्षा से वंचित करने का प्रयास किया गया तो सभी को तय एकजुट होकर शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत व भारत सरकार बाल आयोग, छत्तीसगढ़ शासन तथा हाई कोर्ट के आदेशों, इन तीनो की कॉपी लगाकर अपने अपने संबंधित थाना क्षेत्र में इसकी शिकायत दर्ज (एफआईआर) कराएं और शिक्षा से वंचित बच्चों के पालक हमसे संपर्क करें, हम सभी पालकों की हर संभव मदद करेंगे।
उन्होने कहा, कि हाई कोर्ट के आदेश में यह साफ साफ कहा गया है कि फीस को लेकर दबाव नही देना है, पालक फीस अपनी सुविधा अनुसार पटाने हेतु स्वतंत्र हैं। हर पालक अनुमोदित ट्यूशन फीस देने को तैयार हैं लेकिन ये निजी स्कूल अनुमोदित ट्यूशन फीस बताने को तैयार नही हैं और ये सिर्फ मनमानी फीस माँग रहे हैं।
निजी स्कूल अनुमोदित ट्यूशन फीस बताए, जो कि हर पालक अनुमोदित ट्यूशन फीस देने के लिए तैयार हैं ट्यूशन फीस के रूप में हाई कोर्ट के निर्देशानुसार। लेकिन इस प्रकार निजी स्कूलों द्वारा मनमाने फीस वसूलना और छात्रों को शिक्षा से वंचित करना अन्याय है। जिसके लिए हम हर जगह अभिभावकों के साथ खड़े हैं, प्रताड़ित पालक हमसे संपर्क कर सकते हैं। अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा, कि न्यायालय और राज्य सरकार की भावना के अनुरूप बच्चों को न्याय दिलाना उनकी जिम्मेदारी है । संपर्क – दिनेश शर्मा, एजुकेशन एक्टिविस्ट
Mobl. 9425213130