नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि उनकी दादी और पिता की हत्या की गई क्योंकि वे किसी चीज के लिए खड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि ट्रोल ने उन्हें एक नेता के तौर पर खुद में सुधार लाने में मदद की। यह बातें उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दीपेश चक्रवर्ती के साथ डिजिटल बातचीत के दौरान कहीं। वंशवाद के सवाल पर राहुल ने कहा कि पिछले 30-35 साल से उनके परिवार से कोई प्रधानमंत्री नहीं बना है।
चक्रवर्ती के साथ बातचीत के दौरान राहुल ने कहा, ‘मुझे गर्व है कि मेरी दादी और पिता खड़े किसी चीज के खिलाफ खड़े हुए और उसका बचाव करते हुए उनकी हत्या कर दी गई। यह मुझे उनकी और मेरी जगह को समझने में मदद करता है और बताता है कि मुझे क्या करना चाहिए। मुझे कोई पछतावा नहीं है।’
वंशवाद राजनीति को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मेरे परिवार से आखिरी बार 30-35 साल पहले प्रधानमंत्री बने थे। संप्रग सरकार में मेरे परिवर से कोई शामिल नहीं था। मैं कुछ मूल्यों के लिए लड़ता हूं। आप यह नहीं कह सकते कि मैं राजीव गांधी का बेटा हूं तो मैं इन मूल्यों के लिए क्यों नहीं लड़ सकता।’ बता दें कि राहुल के पिता स्वर्गीय राजीव गांधी 1984-89 के बीच देश के प्रधानमंत्री थे।
अपनी राजनीतिक यात्रा के बारे में राहुल ने कहा, ‘मैं इस यात्रा में बहुत आगे बढ़ चुका हूं। वे विचार काफी अधिक स्पष्ट हो चुके हैं। अगर आप 15-20 साल पहले मुझसे पूछते कि मैं राजनीति में क्यों आना चाहता हूं तो तब मेरा जवाब आज के मुकाबले काफी अलग होता। जब मैं इसमें आगे बढ़ा तो पता चला कि यहां विचारों की लड़ाई चल रही है। जब कोई अन्य विचार मुझ पर हमला करते हैं तो इससे मुझे खुद को परिष्कृत करने में मदद मिलती है।’
राहुल गांधी को लोग सोशल मीडिया पर लगातार किसी न किसी बात के लिए ट्रोल करते रहते हैं। इसे लेकर कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘ट्रोल्स ने मेरी समझ को तेज किया कि मुझे क्या करना है। ये मेरे लिए लगभग एक मार्गदर्शक की तरह हैं, वे मुझे बताते हैं कि मुझे कहां जाना है और मुझे क्या करना है। यह एक विकास है।’