रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने केन्द्र सरकार द्वारा ख़रीफ़ विपणन वर्ष 2021-2022 में छत्तीसगढ़ के कोटे में 100 लाख टन से अधिक धान से निर्मित 61.65 लाख मीटरिक टन चावल लेने की सहमति दिए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए प्रदेश सरकार को अब केंद्र के ख़िलाफ़ मिथ्या प्रलाप से बाज आकर किसानों के हित में ईमानदारी से काम करने की नसीहत दी है। श्री साय ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से नित-नए षड्यंत्रों के जाल बुनकर किसानों को अपमानित-प्रताड़ित करती आ रही प्रदेश की कांग्रेस सरकार की अब कोई भी आनाकानी उसकी बदनीयती और किसान विरोधी चरित्र का परिचायक होगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार की मांग के मुताबिक़ इस वर्ष केंद्र सरकार ने चावल लेने पर सहमत हो गई है तो प्रदेश सरकार अब उसना चावल के नाम पर बहानेबाजी करके किसानों को परेशान करने के षड्यंत्र का नया ताना-बाना बुनने की साजिशाना सियासत के ओछेपन पर उतरने से बाज आए। श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार इधर-उधर की बातों में प्रदेश के किसानों को उलझाने के बजाय इस वर्ष 01 नवंबर से धान ख़रीदी की तैयारी शुरू करे और किसानों को राहत पहुँचाने पर ध्यान दे। समय पर धान ख़रीदी के साथ धान का समयबद्ध परिवहन और उठाव करके धान संग्रहण केंद्रों में स्थानाभाव का संकट पैदा न होने दे और समय पर कस्टम मिलिंग करा केंद्रीय पूल में समय पर चावल जमा करने की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित करे। श्री साय ने कहा कि सन् 2019-20 के ख़रीफ़ सत्र में प्रदेश सरकार ने कई बार मोहलत मांगने के बाद भी केंद्रीय पूल में चावल जमा नहीं कराया था और फिर अपने नाकारापन का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की बचकानी कोशिश की थी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि पिछले वर्ष ख़रीफ़ सत्र 2020-21 में भी प्रदेश सरकार ने एक तो धान ख़रीदी काफ़ी विलंब से शुरू की और ख़रीदी की अवधि भी कम रखी गई, जिसके कारण किसानों को अपना धान बेचने में काफ़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा। विपक्ष में रहते हुए जो कांग्रेस नेता प्रदेश में 01 नवंबर से धान ख़रीदी शुरू करने का हंगामा मचाते थे, सत्ता में आने के बाद धान ख़रीदी के नाम पर प्रदेश के किसानों को ख़ून के आँसू रुलाने पर आमादा हैं। श्री साय ने कहा कि धान ख़रीदी के दौरान बारदाना संकट का माहौल बनाकर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार पर अपनी नाक़ामी छिपाने केंद्र सरकार के विरुद्ध मिथ्या प्रलाप किया था, जबकि पर्याप्त बारदाना की व्यवस्था करना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी थी। समय पर धान उठाव नहीं होने और समयबद्ध कस्टम मिलिंग नहीं कराए जाने के कारण लाखों मीटरिक टन धान खुले में पड़ा रहा और बेमौसम बारिश के कारण सड़ गया। इस वर्ष भाजपा किसानों को प्रताड़ित और प्रदेश के अन्नदाताओं के उपजाए अन्न का अपमान नहीं करने देगी, यह बात प्रदेश सरकार अच्छी तरह ध्यान में रखे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि वोटों की फसल काटने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उत्तरप्रदेश में प्रदेश के ख़ज़ाने का करोड़ों रुपए अपनी पार्टी के राजनीतिक स्वार्थ लिए के लुटा रहे हैं जबकि प्रदेश के किसान प्रदेश सरकार की बदनीयती, कुनीतियों और तुग़लक़शाही के चलते अपनी उपज का पूरा मूल्य भी एकमुश्त पाने के लिए मोहताज़ बना दिए जाते हैं। श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार ने लगातार धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया है, लेकिन प्रदेश सरकार समंर्थन मूल्य की बढ़ोतरी का सीधा लाभ प्रदेश के किसानों को नहीं दे रही है। छल-कपट करके प्रदेश सरकार 2500 रुपए की लफ़्फ़ाजी करके किसानों के हक़ का लगभग 390 रुपए प्रति क्विंटल डकार रही है। श्री साय ने प्रदेश सरकार से केंद्र की ओर से किसानों के कल्याण के लिए बढ़ाए गए समर्थन मूल्य की अंतर राशि भी 2500 रुपए के अलावा किसानों को प्रदान करने की मांग की है।