नोएडा : राहुल गांधी किसान आंदोलन को समर्थन देने वर्ष 2011 में भट्टा पारसौल बाइक से पहुंच गए थे और पुलिस की सारी सुरक्षा व्यवस्था धरी की धरी रह गई थी। ऐसे में पुलिस को शंका है कि इस बार भी वे हाथरस जाने के लिए यही तरीका अपना सकते हैं इसलिए पुलिस ने शुक्रवार को नोएडा-दिल्ली सीमा के साथ ही जिले में विभिन्न स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया। कमिश्नरेट पुलिस हाथरस जाने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं के बारे में पता लगाती रही।
दरअसल, पीड़िता के गांव को पुलिस ने चारों तरफ से सील कर दिया है। वहां किसी राजनीतिक दल के नेताओं या मीडिया के जाने पर प्रतिबंध है। बृहस्पतिवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के काफिले को पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे पर रोक दिया था। शुक्रवार को भी पुलिस पता लगा रही थी कि कोई हाई प्रोफाइल नेता दिल्ली से हाथरस की तरफ नोएडा होकर तो नहीं जा रहा है।
इधर, यमुना एक्सप्रेसवे पर राहुल गांधी के जमीन पर गिरने की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। साथ ही, दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन के कपड़े फाड़ने को लेकर भी सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। हालांकि, इस पर डीसीपी महिला सुरक्षा वृंदा शुक्ला ने ट्विटर पर कमिश्नरेट पुलिस का पक्ष रखा है, लेकिन इस पर भी कई लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे पर कांग्रेसियों के प्रदर्शन के कारण पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी समेत कई अन्य नेताओं के खिलाफ ग्रेनो के ईकोटेक-1 थाने में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस की एफआईआर में राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बताया गया है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कमिश्नरेट पुलिस की खिंचाई की। आलम यह है कि प्रियंका गांधी की पत्नी (पति की जगह) का नाम रोबर्ड वाड्रा गलत रूप से लिख दिया गया है। जबकि प्रियंका गांधी के पति का नाम रॉबर्ट वाड्रा है। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का नाम अधीर अरजन चौधरी लिखा गया है। इसके अलावा भी कई नेताओं के नाम लिखने में गलती की गई है।
50 अज्ञात लोगों की तलाश
यमुना एक्सप्रेसवे पर प्रदर्शन करने वाले 50 अज्ञात लोगों की पुलिस तलाश कर रही है। इसके लिए कई वीडियो व्हाट्सएप, फेसबुक व अन्य स्थानों पर चल रही फुटेज भी इकट्ठा की जा रही है। इसके आधार पर राहुल व प्रियंका के साथ चलने वालों की पहचान की जा रही है।