मुंबई : कृषि कानूनों के विरोध में देश में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के भारत विरोधी टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिली है। मुंबई हाईकोर्ट ने बुधवार को निकिता की गिरफ्तारी पर तीन दिन की रोक लगा दी है।
Bombay High Court allows transit anticipatory bail application of Nikita Jacob, grants her transit bail for 3 weeks in connection with FIR by Delhi police in Toolkit matter.
In case of arrest, she will be released on a personal bond of Rs 25,000 and one surety of like amount. pic.twitter.com/2yZBhEPaYP
— ANI (@ANI) February 17, 2021
कौन है निकिता जैकब
विवाद होने पर निकिता ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया था। दावा किया जा रहा है कि तब उसने अपने प्रोफाइल में खुद का परिचय बॉम्बे हाईकोर्ट की वकील, पर्यावरणविद और आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े होना दिया था। हालांकि, नए प्रोफाइल में उन्होंने आम आदमी पार्टी से अपने संबंध की बात हटा दी है। ट्विटर यूजर विजय पटेल ने दावा किया है कि निकिता ने 30 जनवरी, 2021 को सॉलिडेरिटी विद इंडियन फार्मर्स नामक डॉक्यूमेंट तैयार किया था। दावा है कि उसने इंस्टाग्राम पर न्यूज इनफ्यूज नाम से एक अकाउंट भी बना रखा है।
निकिता ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया है। इस वेबसाइट पर उसने अपना परिचय में बताया है कि वह एक वकील है। साथ ही, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करती रहती है। वेबसाइट के मुताबिक, निकिता सही के पक्ष में खड़ा होना चाहती है लेकिन आखिर में वह अनचाहे गलती कर बैठती है। वह अपने बारे में कहती है कि उसे कोई भी आसानी से प्रभावित कर सकता है। निकिता अपने बारे में बताते हुए कहती है कि वो लेखक, गायिका और वॉइस आर्टिस्ट बनना चाहती है। फोटोग्राफी भी कर लेती है और खाना भी बना लेती है।
निकिता, शांतनु ने तैयार किया था ‘टूलकिट’
पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तार पर बवाल के बीच दिल्ली पुलिस ने सोमवार को आरोप लगाया कि दिशा ने दो अन्य संदिग्धों निकिता जैकब और शांतनु के साथ किसानों के प्रदर्शन से जुड़ा ‘टूलकिट’ तैयार किया था और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया। पुलिस का दावा है कि दिशा ने ही टेलीग्राम एप के जरिये ‘टूलकिट’ पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को भेजा था।
खालिस्तान समर्थक बैठक में हुईं थीं शामिल…
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के संयुक्त आयुक्त प्रेम नाथ ने दावा किया था कि दिशा ने ‘टूलकिट’ के प्रसार के लिए तैयार एक व्हाट्सएप ग्रुप को डिलीट कर दिया है। उन्होंने कहा कि निकिता और शांतनु ने खालिस्तान समर्थक समूह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ) द्वारा आयोजित जूम मीटिंग में भी शिरकत की थी। साथ ही निकिता भी ‘टूलकिट’ दस्तावेज एडिटरों में से एक थी। दिशा, शांतनु और निकिता ने टूलकिट तैयार किया और इसको एडिट किया। दिशा ने टेलीग्राम एप के जरिये टूलकिट ग्रेटा को भेजा। साथ ही दिशा ने एक व्हाट्सएप ग्रुप को भी डिलीट किया जिसे टूलकिट के प्रसार के लिए बनाया गया था।
धालीवाल ने जूम से इनके साथ बैठक की…
खालिस्तानी संगठन से जुड़े पीजेएफ के एमओ धालीवाल ने कनाडा में रहने वाले अपने सहयोगी पुनीत के जरिये निकिता जैकब से संपर्क किया। 11 जनवरी को गूगल जूम के जरिये एक बैठक हुई, जिसमें दिशा, निकिता, शांतनु और धालीवाल समेत करीब 70 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें तय किया गया कि किसान आंदोलन के जरिये देश का माहौल खराब किया जाए। इसके बाद टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट तैयार कर किया गया। बाद में इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर दिया गया। 26 जनवरी के बाद स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा के कहने पर टूलकिट को साझा कर दिया।
आरोपियों ने सुबूतों को नष्ट किया…
चार फरवरी को मामला जब संज्ञान में आया तो आरोपियों ने इसके सुबूत नष्ट करने शुरू कर दिए। दिशा ने व्हाट्सएप ग्रुप को डिलीट कर दिया लेकिन पुलिस ने धीरे-धीरे इनके खिलाफ सुबूत जुटा लिए। पुलिस ने मामले से जुड़े डिजिटल फुटप्रिंट जुटाए हैं। इसमें शांतनु का एक ई-मेल भी शामिल है, जिसमें टूलकिट का जिक्र किया गया है। तमाम जानकारियां जुटाने के बाद पुलिस ने पेशे से वकील निकिता के घर की तलाशी के लिए नौ फरवरी को तलाशी की अनुमति ली। 11 फरवरी को एक टीम मुंबई स्थित निकिता के घर पहुंची। वहां से पुलिस ने दो लैपटॉप और एक आईफोन बरामद किया।