नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को कोर्ट से बताया कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा सुपर स्पेशियलिटी (नीट एसएस 2021) के पैटर्न में इस साल कोई बदलाव नहीं किए जाएंगे। संशोधित पैटर्न को अगले साल से ही लागू किया जाएगा। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि नीट-एसएस 2021 की परीक्षा इस वर्ष मौजूदा पैटर्न के अनुसार आयोजित की जाएगी। संशोधित पैटर्न केवल शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से ही प्रभावी होगा।
Central Government and National Board of Examinations tell the Supreme Court that post-graduate National Eligibility cum Entrance Test-Super Specialty (NEET-SS) 2021 will be conducted as per the old pattern and the new pattern will come into effect from the next year. pic.twitter.com/uUlLW4dytT
— ANI (@ANI) October 6, 2021
क्या था पूरा मामला?
दरअसल केंद्र ने जनवरी 2022 तक परीक्षा स्थगित करने का फैसला किया था। नीट एसएस परीक्षा पैटर्न में अंतिम समय में किए गए बदलाव के खिलाफ 41 पीजी छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। इस पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह नए परीक्षा पैटर्न को लागू कर 10-11 जनवरी, 2022 को परीक्षा आयोजित करना चाहता। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को परीक्षा से कुछ समय पहले पैटर्न में बदलाव करने के लिए फटकार लगाते हुए अपने फैसले को स्थगित करने के लिए कहा। बता दें कि यह परीक्षा 13 और 14 नवंबर, 2021 को आयोजित की जानी थी।
कोर्ट ने क्या कहा?
बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थे। केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भट्ट पेश हुईं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल से कहा, “आप नवंबर में परीक्षा के लिए अगस्त में बदलाव की घोषणा करते हैं। जब छात्र अदालत में आते हैं, तो आप परीक्षा को जनवरी में बदल देते हैं. यह देश में चिकित्सा शिक्षा के लिए अच्छा संकेत नहीं है।” न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा विनियमन दोनों एक व्यवसाय बन गए हैं।