रायपुर : नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृत 216 करोड़ के जारी फंड को रोक दिया है। यह फंड नवा रायपुर को विकसित करने के लिए जारी किया गया था, लेकिन अब केंद्र सरकार ने फंड रिलीज करने से इंकार कर दिया है। फंडिंग रोक जाने की खबर के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जमकर बिफर पड़े हैं। उन्होंने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को जहां आड़े हाथ लिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट कह कि नवा रायपुर स्मार्ट सिटी भाजपा की कमीशनखोरी का प्रोजेक्ट था। जब प्रदेश में भाजपा की सत्ता थी, तब केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 216 करोड़ की राशि को स्वीकृत कर दिया था। अब, जबकि भाजपा सत्ताहीन हो चुकी है, तो स्मार्ट सिटी के लिए जारी धनराशि राज्य के खाते में डालने से केंद्र सरकार मुंह चुरा रही है।
सीएम बघेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार नवा रायपुर को माॅडल के तौर पर विकसित करना चाहती है। राज्य सरकार वहां बसाहट के लिए तैयार है और मुख्यमंत्री निवास से लेकर मंत्रियों, अधिकारियों सहित अन्य तरह के आवास बनाए जाने की कोशिश में है, पर केंद्र सरकार स्वीकृत धनराशि रोककर विकास योजना में बाधा खड़ा करने का प्रयास कर रही है।
यदि योजना को गति नहीं दी गई, तो खंडहर में तब्दील हो जाएगा नवा रायपुर…
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह भाजपा शासन काल में प्रस्तावित योजना है। यदि योजना को गति नहीं दी गई, तो नवा रायपुर खंडहर में तब्दील हो जाएगा और अब तक खर्च किए हजारों करोड़ रुपए बर्बाद हो जाएंगे। सीएम बघेल ने कहा कि वे इसके लिए केंद्र सरकार से बात करेंगे, ताकि स्वीकृत फंड नवा रायपुर के खाता में डाला जा सके और विकास को गति दी जा सके।