नारायणपुर नक्सली हमला: शहीद जवानों को दिया गार्ड ऑफ ऑनर, बस्तर IG, PCC चीफ मोहन मरकाम रहे मौजूद

रायपुर: कांकेर/जगदलपुर, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को बुधवार को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इन जवानों को कुमारपारा के रक्षित केंद्र में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान बस्तर IG, PCC चीफ मोहन मरकाम मौजूद और विधायक चंदन कश्यप मौजूद रहे। इसके बाद जवानों को शवों को उनके गृहग्राम रवाना किया जा रहा है। हालांकि इस दौरान DGP डीएम अवस्थी और DG नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा नहीं पहुंच सके।

दरअसल, DGP डीएम अवस्थी और DG नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा BSF के हेलीकाप्टर से नारायणपुर के लिए निकले थे। इस बीच उड़ान भरने के बाद तकनीकी खराबी के चलते हेलीकाप्टर की रायपुर में आपात लैंडिंग करा दी गई। हालांकि कुछ देर में उनके पहुंचने का अनुमान था, पर संभव नहीं हो सका। संभवत: दोनों अफसर बाद में वहां पहुंचकर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और आगे की रणनीति तय होगी। DGP और DG घटना स्थल का भी दौरा कर सकते हैं।

हमले में 12 जवान घायल हुए थे, इनमें से 7 को रायपुर रेफर किया गया

जिले से करीब 40 किमी दूर कड़ेनार में मंगलवार को नक्सलियों ने IED विस्फोट कर DRG जवानों से भरी बस को उड़ा दिया था। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि जवानों से भरी बस करीब 30 फीट ऊपर उछल गई और हाईटेंशन तार से टकराकर नीचे गिरी। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए हैं। जबकि 12 जवान घायल हैं। इनमें से 3 की हालत गंभीर है। उनके साथ 7 जवानों को रायपुर रेफर किया गया है। शहीद जवानों का बुधवार को पोस्टमार्टम कराया गया।

गृहग्राम में भी पुलिस अफसर देंगे सलामी और पुष्पांजलि
पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने के बाद शहीद जवानों के शवों को उनके गृहग्राम रवाना किया जाएगा। वहां पहुंचने के बाद आमजन के दर्शन के लिए शवों को रखा जाएगा। पुलिस के स्थानीय उच्चाधिकारी शहीद जवानों को सलामी देने के साथ पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।

यह जवान हुए हैं शहीद

प्रधान आरक्षक पवन मंडावी, ग्राम बहीगांव
प्रधान आरक्षक जयलाल उईके, ग्राम कसावाही
आरक्षक सेवक सलाम, कांकेर
आरक्षक चालक करण देहारी, अंतागढ, जिला कांकेर
सहायक आरक्षक विजय पटेल, नारायणपुर
एक माह से लगातार एक्टिव हैं नक्सली

शांति वार्ता प्रस्ताव की आड़ में नक्सली पिछले एक माह से लगातार एक्टिव हैं। बस्तर के लगभग सभी जिलों में नक्सलियों ने दस्तक दी है। लगातार उनके हमले हो रहे हैं और पुलिस मुखबिरी के संदेह में आम नागरिकों की हत्या कर रहे हैं। यहां तक कि एक साल बाद नक्सली फिर केशकाल में पहुंच गए हैं। एक दिन पहले ही उन्होंने गोब्राहीन जाने वाले मार्ग और जलप्रपात कुवे जाने वाले मार्ग पर बैनर बांधकर सरकार का विरोध जताया था।

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