मुंबई : तांडव वेब सीरिज रिलीज होने के साथ ही विवादों में है। इसी बीच अब मुकेश खन्ना ने भी इसे लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने एक वीडियो के जरिए वेब सीरीज तांडव के साथ-साथ इनके कलाकारों को और ओटीटी प्लेटफार्म को आड़े हाथ लिया है।
मुकेश खन्ना ने कहा, ‘काफी समय से हमारी तरफ की चीजों को टारगेट किया जा रहा है। अब तांडव आई है। मैं शुरू से कह रहा हूं कि प्रशासन क्यों नहीं जागता, सेंसर बोर्ड क्यों नहीं जागता? हमारे देश की इंफॉर्मेशन मिनिस्ट्री क्यों नहीं इस ओर कुछ करती? ताकि आने वाले लोग ऐसा दोबारा न कर सकें, दोबारा ऐसी फिल्में या सीरीज न बन सकें। हिंदू धर्म का मजाक बनाया जाता है। उसका इस्तेमाल करने की कोशिश की जाती है।’
वहीं, ओटीटी प्लेटफार्म को लेकर कहा कि आजकल अमेजन एक ऐसा प्लेटफार्म हो गया है जो एक दुकान की तरह है, जिसमें कहा जाता है आओ आओ हमारे जरिए बेचो जो बेचना है। बाहर देश से हैं ऐसे में उनकी अपनी सोच है पॉलिसी है।
मुकेश खन्ना ने आगे कहा, ‘मैं कहना नहीं चाहता लेकिन ऐसे कंटेंट में कोई मुस्लिम एक्टर होता है तो कोई मुस्लिम डायरेक्टर होता है। मैं नहीं कहना चाहता कि ये जानबूझकर होता है लेकिन अब ये बात को साबित करना होगा कि हिंदू चुप नहीं रहेगा। इनपर सेंसर लगना चाहिए। चीन में गूगल बंद है। चीन बंद कर सकता है तो आप तो उससे ज्यादा समझदार देश हैं।’
इससे पहले मुकेश खन्ना ने कहा कि भारत डेमोक्रेसी का नुकसान उठा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने देश में टू पार्टी सिस्टम की वकालत की है। मुकेश खन्ना ने ये बातें अपने यूट्यूब चैनल पर साझा किए गए वीडियो में कही हैं। वह कहते हैं कि ‘भारत दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी मानी जाती है। सुनकर अच्छा लगता है लेकिन मुझे दुख तब होता है जब हम उस डेमोक्रेसी का फायदा नहीं नुकसान उठाते रहते हैं। आप पूछेंगे कि डेमोक्रेसी का हम नुकसान कैसे उठा सकते हैं। डेमोक्रेसी तो एक स्वतंत्रता है। हम कुछ भी बोल सकते हैं। अभिव्यक्ति की आजादी है। यह अच्छी बातें हैं लेकिन धीरे धीरे इंसान शातिर होता जाता है तो जब वह कहता है कि कानून अंधा होता है यह उसका फायदा उठाने लगते हैं। हमारे यहां कहा जाता है कि जिस दिन कानून बनता है उस कानून को कैसे तोड़ा जाए इस पर काम शुरू हो जाता है।’