भूपेश सरकार की पुरानी पेंशन योजना को सभी ने सराहा…..
छत्तीसगढ़ में भी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का फायदा मिलेगा। राज्य सरकार ने बजट में इसका प्रावधान किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने हाल में इसका ऐलान किया है। करीब 3 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा है।
छत्तीसगढ़ के लाखों कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा मिला है।नवीन अंशदायी पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना बहाल गईं है.
पुरानी पेंशन लागू होने से एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त 3 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा. साथ ही नियुक्त कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना की जगह पर पुरानी पेंशन योजना लागू होगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गई घोषणा के अनुसार राज्य शासन द्वारा नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर 01 नवम्बर 2004 से पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी गई है. इस दौरान राज्य शासन ने इसकी अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में 11 मई 2022 को प्रकाशित की गई है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बीते 9 मार्च को राज्य सरकार के साल 2022-23 का बजट प्रस्तुत करते हुए राज्य सरकार के शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की घोषणा की थी.।
दरअसल, छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत शासकीय सेवकों के वेतन से की जा रही 10 प्रतिशत मासिक अंशदान की कटौती 01 अप्रैल 2022 से समाप्त हो जाएगी. इसके साथ ही सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार मूल वेतन (परिलब्धियां) का न्यूनतम 12 प्रतिशत कटौती की जायेगी. नवीन अंशदायी पेंशन योजना के तहत नियुक्त समस्त शासकीय सेवकों का छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि लेखा, महालेखाकार कार्यालय के स्थान पर वित्त विभाग के नियंत्रण में संचालनालय, कोष, लेखा एवं पेंशन के पास (नवीन संचालनालय, पेंशन एवं भविष्य निधि की स्थापना अवधि तक होगा.कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में आएगी रकम वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने सामान्य भविष्य निधि लेखे के संधारण एवं पेंशन से संबंधित समस्त कार्यवाही करने के लिए अलग से संचालनालय, पेंशन एवं भविष्य निधि की स्थापना की जाएगी. एनएसडीएल से प्राप्त शासकीय अंशदान एवं उस पर अर्जित ब्याज की राशि को भविष्य के पेंशनरी दायित्वों के भुगतान हेतु लोक लेखे के अंतर्गत पृथक निधि में रखा जाएगा एवं प्रतिवर्ष, बीते साल के पेंशनरी दायित्वों के 4 प्रतिशत के बराबर राशि पेंशन निधि में इनवेस्ट की जाएगी. साथ ही शासकीय सेवकों के अंशदान की जमा मूल राशि को छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि खाते में अंतरित किया जाएगा एवं उस पर 01 नवम्बर 2004 से छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि नियमों के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी ब्याज दर संबंधी निर्देशों के अनुसार, ब्याज का भुगतान किया जायेगा।
“छत्तीसगढ़ी सुराज”द्वारा आयोजित परिचर्चा में भाग लेते हुए वरिष्ठ
पत्रकार प्रियंका कौसल का कहना है कि वृद्धावस्था में ज़ब मनुष्य को जीवन से संघर्ष करने जूझना पड़ता है तब छ्ग सरकार की कर्मचारियों की सेवानिवृति पर पुरानी पेंशन योजना लागू करना सराहनीय कदम है।यह भूपेश सरकार का कर्मचारियों के लिये बड़ा तोहफा है।
वरिष्ठ पत्रकार विशाल यादव ने भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने का स्वागत किया है, उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार नवम्बर 2004 से पुरानी पेंशन योजना लागू होने की तारीख के बीच में हुए रिटायर, मृत कर्मचारियों के प्रकरणों में भी पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप पात्र शासकीय सेवक, परिवारों को नियमानुसार लाभ देय होगा. ऐसे में शासकीय सेवकों, जिनको नवीन अंशदायी पेंशन योजना में रिटायर के बाद या शासकीय सेवक की मौत के मामलों में उनके परिवार को सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त हो चुके हैं, ऐसे मामलों में पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप लाभ का निर्धारण करने संबंधी दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जा सकते हैँ।
आल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के सदस्य तथा युवा सी ए रवि ग्वालानी ने भी भूपेश सरकार की पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा का स्वागत किया है.उन्होंने परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक नवम्बर 2004 से लागू नवीन अंशदायी पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला लिया है. इसके बाद अब एक नवंबर 2004 और उसके बाद भर्ती कर्मचारियों के वेतन से 10% की मासिक कटौती को समाप्त किया गया है. अब कर्मचारियों के खाते से केवल मूल वेतन का 12% सामान्य भविष्य निधि (GPF) की कटौती होगी. यह कटौती सामान्य भविष्य निधि नियम के तहत की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में पुरानी पेंशन योजना राजस्थान और छ्ग में ही लागू की गईं है।
मासिक छत्तीसगढ़ी सुराज के प्रधान संपादक शंकर पांडे ने इस परिचर्चा के समापन में कहा कि छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू हो गई है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ने पेश बजट में 2004 और इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए इसे लागू करने की घोषणा की। इस तरह से राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ पुरानी पेंशन योजना लागू करने वाला दूसरा राज्य बन गया है। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने कुछ समय पहले इस योजना को लागू करने का एलान किया था। छत्तीसगढ़ और राजस्थान दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में अब बीजेपी शासित राज्यों में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का दबाव बढ़ गया है।2004 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर नई पेंशन योजना लागू की थी। माना जाता है कि तब लोकसभा चुनाव में एनडीए की अप्रत्याशित हार की एक वजह यह भी थी। पुरानी पेंशन योजना में रिटायर्ड कर्मचारियों को तय रकम मिलती थी, जबकि नई योजना में बाजार के हिसाब से कर्मचारियों को रिटर्न मिलता है। इसलिए पुरानी पेंशन योजना को सामाजिक सुरक्षा के लिहाज से बढ़िया माना जाता था। पर बाद में पुरानी पेंशन योजना पुन:लागू करने की मांग उठने लगी थी। परिचर्चा के समापन में छत्तीसगढ़ी परिवार की तरफ से परिचर्चा में शामिल होने के लिये सभी का आभार प्रकट किया गया।