नई दिल्ली : कोरोना वायरस ने देश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी है। महामारी के इस दौर में कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, वहीं कई कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की गई। बहुत से लोग हैं, जिनकी आमदनी प्रभावित हुई है। लोगों ने अपने खर्चे भी बहुत कम कर दिए हैं, लेकिन कई ऐसे खर्चें होते हैं, जो बेहद जरूरी होते हैं और उन्हें रोका नहीं जा सकता। इस बीच संक्रमितों को अचानक पैसे की जरूरत भी पड़ रही है। ऐसे में लोग पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन पर विचार कर रहे हैं। कई लोगों के मन में यह सवाल है कि पैसे की जरूरत पड़ने पर क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन लेने का विकल्प कैसा रहेगा?
आइए जानते हैं कि इस तरह लोन लेना फायदेमंद है या नहीं।
प्री-अप्रूव्ड होते हैं क्रेडिट कार्ड लोन…
अगर आपको जल्द से जल्द पैसों की जरूरत है, तो भी क्रेडिट कार्ड लोन ही बेहतर है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रेडिट कार्ड लोन प्री-अप्रूव्ड होते हैं इसलिए यह आपको जल्दी मिल जाता है। क्रेडिट कार्ड लोन आम तौर पर आवेदन करने के एक दिन के भीतर ही मिल जाता है। दूसरी ओर पर्सनल लोन के लिए आपको बैंकों की पूरी प्रक्रिया के अनुसार ही चलना पड़ता है। इसे अप्रूव होने में सात दिन तक का समय लग सकता है।
महंगा पड़ सकता है क्रेडिट कार्ड लोन…
यदि आप लंबी अवधि के लिए लोन लेना चाहते हैं, तो क्रेडिट कार्ड लोन आपको महंगा पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रेडिट कार्ड पर आपको ज्यादातर 12 फीसदी से अधिक की दर पर ही लोन मिलता है। वहीं पर्सनल लोन लेने पर आपको 10 फीसदी या 10.50 फीसदी तक ब्याज दर पर लोन मिल जाएगा। हालांकि पर्सनल लोन के लिए आपका रिकॉर्ड यानी क्रेडिट स्कोर अच्छा हो।
कितना मिलेगा लोन?
लोन की रशि की बात करें, तो क्रेडिट कार्ड लोन की अधिकतम राशि ज्यादातर कार्ड की लिमिट से कम रहती है। वहीं पर्सनल लोन की राशि 50,000 से 25 लाख रुपये तक हो सकती है। कुछ बैंक और एनबीएफसी 40 लाख तक पर्सनल लोन देने का दावा भी करते हैं।
क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन लेने के लिए आपको कहीं जाने की भी जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, इसके लिए कोई दस्तावेज भी नहीं देना होता है। इसलिए क्रेडिट कार्ड से लोन लेना और आकर्षक हो जाता है। ब्याज के मामले में पर्सनल लोन में आपको फायदा मिल सकता है, लेकिन बहुत ही मामूली।