रायपुर। छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए राष्ट्रीय स्तर से आवाज़ उठने लगी है, और लगभग 8 राज्यो के संविदा कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण जल्द किये जाने की मांग की है।
अखिल भारतीय संविदा कर्मचारी महासंघ छत्तीसगढ़ राज्य के साथ पूरे भारत वर्ष में समस्त संविदा कर्मचारियों के हितों के रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।अखिल भारतीय संविदा कर्मचारी महासंघ के संज्ञान में लाया गया है कि, छत्तीसगढ़ प्रदेश में वर्तमान में लगभग 54 हज़ार संविदा अधिकारी एवं कर्मचारी, शासन के 40 से अधिक विभागों में प्रशासकीय, शासकीय प्रयोजनों में,विभिन्न राष्ट्रीय योजना परियोजना, निगम ,मंडल, कलेक्टोरेट में विगत 8 से 18 वर्षों से कार्यरत है। जिनका नियमितीकरण किये जाने का उल्लेख जनघोषणापत्र 2018 में किया गया था।
विभिन्न संगठनों एवं महासंघो ने अनियमित संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण अथवा बहाली के लिए शासन और प्रशासन से कई बार भेंट वार्ता भी किया गया और ज्ञापन भी सौंपा गया, परन्तु आज दिनाँक तक किसी प्रकार का निराकरण या नियमितीकरण कार्यवाही नही की गई।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नियमितीकरण हेतु गठित समिति भी सकारात्मक दृष्टिकोण से कार्य करते हुए नही दिख रही है। सम्भवतः उन्हें अनियमित संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में कोई रूचि नही है।
इससे प्रदेश के समस्त संविदा अधिकारी और कर्मचारी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे है, और अंदर ही अंदर काफी रोषित भी हो चुके है। जिसके कारण अब राज्य संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की घोषणा 1 नवंबर 2020 राज्योत्सव तक किये जाने की मांग मुखर हो रही है।
अखिल भारतीय संविदा कर्मचारी महासंघ छत्तीसगढ़ शासन को उनके वायदे पूरा करने के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए निम्न मांगो को बिना किसी अतिरिक्त शर्त के पूरा करने हेतु निवेदन कर रहा है
1- संविदा अधिकारी कर्मचारी पर दर्ज बलवा प्रकरण (23जुलाई 2018) को तत्काल शून्य किया जाकर केस समाप्त करवाया जाए।
2- संविदा अधिकारियों / कर्मचारियो के छटनी नही किये जाने का आदेश सामान्य प्रशासन विभाग से जारी किया जाए।
3- जिन विभागों में नियमित पदों के विरुद्ध संविदा अधिकारी/कर्मचारी कार्य कर रहे है, उनका नियमितीकरण करने की प्रक्रिया 1 नवंबर 2020 राज्योत्सव तक आरम्भ कर दिया जाए।
4- जिन विभागों में सेटअप पद स्वीकृत नही है परन्तु संविदा अधिकारी / कर्मचारी उन पदों पर कार्यरत है, भले ही किसी भी कैडर का हो, उन पदों को वित्त विभाग से स्वीकृत कराया जाए, और उन पदों में संविदा कर्मियों को नियमित करने का प्रावधान बनाया जावे।
5- विगत 3से 4 वर्षों से अभी तक सेवा से पृथक किये गए संविदा कर्मियों को बहाल किया जावे।
उपरोक्त सभी मांगो को 1 नवम्बर 2020 राज्योत्सव के अवसर तक पूरा किया जाकर घोषणा पत्र में उल्लेखित मांगो को पूरा किया जाने की घोषणा किया जाए।।