एच.कारफार्मा, चिरमिरी/कोरिया जिले के चिरमिरी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले हल्दीबाड़ी सड़क दफाई मे सुबह के समय एक मासुम बच्चे को किसी विषैले जीव ने काट लिया, जिसपर मासुम बच्चे की रोने की आवाज सुनकर उसकी मां ने आकर देखा तो बच्चे का पैर सुजने लगा। इस पर परिजनों के द्वारा उसे उपचार हेतु मोटरसाइकिल पर बिठा चिकित्सीय जांच के लिए समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा बाजार चिरमिरी ले जाया गया।
जहां पर ड्यूटी में मौजूद चिकित्सक के द्वारा बच्चे को बिना परीक्षण किए उसके परिजनों को एक कागज में इंजेक्शन लिख कर दिया गया व साथ ही साथ कहा गया कि इस इंजेक्शन को नीचे जाकर नर्स से लगवा लो। इंजेक्शन लगवाने के बाद परिजनों ने जब जाकर डॉक्टर से पूछा कि इसे और कोई दवा की जरूरत है तो डॉक्टर ने साफ कह दिया कि इसे किसी भी दवा की जरूरत नहीं है आप इसे घर ले जा सकते हैं घर जाने के कुछ देर बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी तब उसे दोपहर को दोबारा अस्पताल लाने के बाद उसे दोबारा इंजेक्शन दिया गया देखते ही देखते उस बच्चे की तबीयत और बिगड़ती चली गई और थोड़ी ही देर में उस मासूम बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ गई।
आश्चर्य की बात यह है कि जहां पर डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है और डॉक्टर मरीजों की जान बचाने में सहायता करते हैं वही बात करें बड़ी बाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तो यहां की व्यवस्था लचर है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान हुए मासूम बच्चे की मौत को देखकर यह कहा जा सकता है कि डॉक्टरों की घोर लापरवाही एवं उदासीनता के कारण एक मासूम की जान चली गई।इस मामले में प्रश्नवाचक चिन्ह यह दिखता है कि अगर वाकई में किसी जहरीले जंतु के काटे जाने की बात सामने आ रही है तो इन 4 घंटों में बच्चे की जान बचाई जा सकती थी अब देखना यह है कि वरिष्ठ अधिकारी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते।