प्रियंका कौशल, रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों मरवाही उपचुनाव के इर्द-गिर्द सिमटती नज़र आ रही है। हो भी क्यों न? मरवाही विधानसभा उपचुनाव पर कईंयों की प्रतिष्ठा ही नहीं जीवन भी दांव पर है। जीवन इसलिए क्योंकि मरवाही उपचुनाव के परिणाम कईंयों के जीवन की दिशा और दशा तय करेंगे। ऐसे में सबसे ज्यादा जोर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजित जोगी के पुत्र अमित जोगी लगा रहे हैं।
अमित जोगी को हाल ही पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई है। उनके बेटे का जन्म अजित जोगी के देहांत के कुछ समय बाद ही हुआ है। अब अमित जोगी ने एक पोस्टर जारी किया है। जिसमें उनके दिवंगत पिता के हवाले से लिखा है कि “मैंने जन्म ले लिया है, आपका आशीर्वाद चाहिए।”
इस पोस्टर को देखकर उनके पिता अजित जोगी की स्टाइल सहसा याद आ रही है, जिसमें वे छत्तीसगढ़ की जनता से भूत, प्रेत, पुनर्जन्म व जीवन से परे होने वाली बातों का जिक्र अपने राजनीतिक भाषणों में किया करते थे। अजित जोगी अक्सर जनता से संवाद करते वक़्त पराशक्तियों की बातें भी करते थे। इससे उनकी बातचीत दिलचस्प हो जाया करती थी और आम आदमी उनसे सहज जुड़ जाया करते थे।
अमित जोगी का ये पोस्टर इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि मरवाही उनके परिवार के अधिकार वाली सीट है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से यहां से लगातार जोगी परिवार ही जीत हासिल करता रहा है।
मरवाही का राजनीतिक इतिहास
वर्ष 1977 और 1980 के चुनाव में डॉ. भंवर सिंह पोर्ते (अब दिवंगत) ने कांग्रेस से चुनाव जीता। 1985 में दीनदयाल पोर्ते ने कांग्रेस से जीत हासिल की। 1990 में भंवर सिंह पोर्ते ने भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ा और जीते। 1993 में कांग्रेस को फिर यह सीट मिली, तब पहलवान सिंह विधायक निर्वाचित हुए। 1998 में भाजपा से रामदयाल उइके ने जीत हासिल की, जिन्होंने जोगी के लिये इस्तीफा दे दिया।
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद 2001 से लेकर अब तक मरवाही से अजित जोगी जीतते आये। 2003, 2008 और 2018 के चुनाव में अजित जोगी ने जीत का परचम लहराया। 2013 में उन्होंने अपने पुत्र अमित जोगी को लड़ाया। अमित जोगी के पास यह सीट 46 हजार 250 वोटों से जीतने का रिकॉर्ड है। पिछले चुनाव यानी 2018 में अजित जोगी की एकतरफा जीत हुई थी। उन्हें 74,041 वोट मिले, भाजपा की अर्चना पोर्ते को 27,579 और कांग्रेस के गुलाब सिंह राज को 20,040 वोट हासिल हुए। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की रितु पेन्ड्राम को 9,978 वोट मिले। इस तरह कांग्रेस पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर रही। यह जोगी का प्रभाव था।
लेकिन अब अजित जोगी इस दुनिया में नहीं है। ऐसे में पूरा दारोमदार अमित जोगी पर आ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बार सीट कांग्रेस के हाथों से नहीं जाने देना चाहेंगे। ऐसे में मुकाबला टसल भरा है।
ऐसे में अमित जोगी का ये इमोशनल ट्रिक काम आएगी या नहीं, ये देखना रोचक होगा।