कलकत्ता : कोरोना संकट के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 10 राज्यों के मुख्यमंत्री और 54 जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं। बैठक के बाद ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी पर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सिर्फ भाजपा के कुछ मुख्यमंत्रियों ने अपनी बात रखी। बाकी राज्यों के मुख्यमंत्री चुपचाप बैठे रहे। यहां तक कि मैं भी नहीं बोल पाई। ममता ने कहा कि उन्होंने अपने डीएम को इसलिए नहीं भेजा कि वह खुद ही दवाओं और टीकाकरण की मांग रखेंगी, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया।
If states were not allowed to speak why were they called. All the Chief Ministers must protest for not being allowed to speak: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee on PM Modi's interaction with DM's of 10 States today pic.twitter.com/ipdm72K0Dd
— ANI (@ANI) May 20, 2021
ममता बनर्जी ने केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में वैक्सीन की भारी कमी है। हम तीन करोड़ टीके की मांग रखने वाले थे, लेकिन कुछ बोलने नहीं दिया गया। इस महीने 24 लाख वैक्सीन देने का वादा किया गया था, लेकिन सिर्फ 13 लाख वैक्सीन दी गईं। वैक्सीन की कमी के कारण कई टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है । ममता ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य में मांग के मुताबिक वैक्सीन नहीं भेजी इसलिए टीकाकरण की रफ्तार सुस्त पड़ी है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने 60 हजार करोड़ रुपये की वैक्सीन निजी स्तर पर खरीदी है।
ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कही ना कही संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाया है। ऑक्सीजन, दवाई, वैक्सीन कुछ भी उपलब्ध नहीं है । मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल को रेमडेसिविर इंजेक्शन भी नहीं दी गई, पीएम मोदी मुंह छुपाकर भाग गए. ममता बनर्जी ने कहा कि जब कोरोना केस बढ़े तो बंगाल में केंद्रीय टीम ने दौरा किया, लेकिन अब गंगा में शव मिलने के मामले सामने आ रहे हैं तो वहां टीम नहीं भेजी जा रही है। बंगाल में कोरोना पॉजिटिविटी की रेट कम हुई है। वहीं मृत्युदर 0.9% है।
बता दें कि कोरोना के हालात और टीकाकरण को लेकर पीएम मोदी ने गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक की । बैठक में पीएम मोदी ने जिलाधिकारियों से कोरोना से गांवों को बचा कर रखने की अपील की