छ्ग की जीवनदायिनी महानदी….जो आगे जाकर वापस लौटती है…?

(किश्त 112)

छग की जीवनदायिनी ‘महानदी’ सिहावा नगरी की पहाड़ी से निकली है,पहले कुछ दूर तक़ सीधे बहती हुई पहाड़ से दिखाई देती है फिर लौटती हुई दिखाई भी देती है?अमूमन ऐसा होता नहीं है।नदी का बहाव जिस दिशा में होता है वह उसी दिशा में ही बढ़ती जाती है।बहरहाल महानदी के पानी को अन्य नदियों से जोड़ने की पहल यदि पूरी हुई तो पानी का और भी समुचित उपयोग हो सकेगा। कुछ नदियाँ जोडऩे की महत्व पूर्ण योजना राजग सरकार के समय 2002 में तब के पीएम अटलबिहारी वाज पेयी के समय चर्चा में आई थी,तब इरादा यह था कि देश में जल संसाधन और प्रबंधन में जो असंतुलन है उसे दूर किया जाए। पानी समस्या कई तरह से है। इस देश में कुछ इलाके बाढ़ से ग्रसित होते हैँ तो दूसरे क्षेत्रों में पानी की कमी से खेत सूखते हैं।कहीं सिंचाई के साधन ही नहीं है तो कहीं बिजली नहीं है।असंतुलन से निपटने के लिए देश की कुछ नदियों को जोडऩे की योजना मोदी सरकार ने भी शुरू की,योजना में छग की महानदी,अरपा, शिवनाथ नदी को भी शामिल किया गया है।इस तरह छग की 3 नदियां केन्द्र की महत्वपूर्ण योजना का हिस्सा बनेगी? जानकारी के अनुसार केन्द्र के जलसंसाधन मंत्रालय ने नदी जोड़ो परियोजना के संबंध में कई योजनाओं का खाका तैयार किया है।हिमा लय से निकली नदियों तथा मैदानी नदियों को जोडऩे के लिये योजना तैयार की है।छत्तीसगढ़ में गंगा के नाम से प्रसिद्ध महानदी,धमतरी के ही निकट सिहावा की पहाड़ी से निकलकर दक्षिण उत्तर की ओर से बिलासपुर जिले को पार करके पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है।फिर ओड़िशा से होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है।महानदी की कुल लंबाई 851 किलोमीटर है जिसमें 286 किलोमीटर छग में ही बहती है।धमतरी जिले से निकल महासमुंद रायपुर बिलासपुर,दुर्ग,जांजगीर- चांपा,रायगढ़ और जशपुर जिले में होता है।

दो संगम भी….

महानदी के आकार को विशाल करने में सहायक नदियों का भी योगदान है।शुरुआत में राजिम में जब पैरी और सोडूर नदियों का संगम होता है।यहां से ही महानदी काआकार विशाल होता चला जाता है।प्रमुख संगम महानदी का छग की एक प्रमुख नदी शिवनाथ से शिवरीनारायण में होता है।महानदी की ही सहायक नदियां शिवनाथ,मांड,पैरी, हसदोबोरई, ईब,शंख, ब्राह्मडी,छोटी सोंढुर आदि हैं |शिवनाथ का उद्गम भी राजनांदगांव क्षेत्र के अम्बा गढ़ की 624 मीटर ऊंची पानावरम पहाड़ी से है।नदी का उद्गमस्थल से 40 किमी दूरी तकउत्तर कीओर बह कर जिले की सीमा से पूर्व की ओर बहते शिवरीनारा यण के निकट महानदी में मिलती है,शिवनाथ,राज नांदगांव क्षेत्र में 384 वर्ग किमी दुर्ग में बहती है अरपा मानियारी,हाफआगर,लीलाधर,खरखरा,खारून,जामुनिया आदि सहायक नदियां है।अरपा नदी का पेण्ड्रा-लोरमी पढार सेसखो डरी पहाड़ से उडगम हुआ है।महानदी की ही एक सहायक नदी है।अरपा तो बिलासपुर के उत्तर पश्चिम से दक्षिण होकर बलौदा बाजार में उत्तर में बरतोरी के समीप ठाकुरदेवा नामक स्थान पर शिवनाथ नदी में मिल जाती है।इसकी लंबाई 100 किमी है।छगमें इसकी लंबाई 100 किमी है।

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