शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
पूरी दुनिया में कोरोना के कारण हाहाकार मचा हुआ है, भारत में लगभग सभी राज्य में कोरोना संक्रमित मरीज हैं, कहीं अस्पताल की सुविधा नहीं है तो कहीं क्वारंटाईन के प्रबंधन को लेकर दिक्कतें हैं… करीना से मृत्यु होने पर परिवार वाले अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं कुछ राज्य बाढ़ की चपेट में है… पर भारत का मीडिया पिछले कुछ दिनों से राफेल, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण, फिल्मी तथा दूरदर्शन कलाकार सुशांत राजपूत की संदिग्ध मौत तथा हाल-फिलहाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मोर को दाना चुगाने की खबर पर ही केंद्रित है बाकी की खबर लगता है गौण हो गई है?
यह दुख की बात है कि देश में 50 हजार से अधिक लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय सहित भाजपा की केंद्र सरकार इस बात की क्रेडिट लेने में व्यस्त है कि भारत को 156 दिन लगे तो अमेरिका को 23, ब्राजील को 95 दिन और मेक्सिको को 141 दिन लग गये। सवाल यह भी तो उठ रहा है कि 50 हजार लोगों की कोरोना से मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। केंद्र सरकार के नेता हमेशा रिकवरी तथा मोर्टेलिटी रेट पर बात करते हैं पर उन्हें यह भी तो बताना चाहिये कि भारत में मौत का आंकड़ा 50 हजार से अधिक का हो चुका है तो पड़ोसी राज्य पाकिस्तान में 6168, बांग्लादेश में 3625 चीन में 4634, म्यांमार में 6, श्रीलंका में 11,मालदीव में 22, इंडोनेशिया में 6071, नेपाल में 102 तो भूटान में कोई मौत नहीं हुई है। भात के 9 पड़ोसी देशों में कुल मिलाकर 20 हजार 639 लोगों की कोरोना से मौत हुई और भारत में 50 हजार यानि लगभग दो गुना से अधिक….
अब रिकवरी रेट पर भी चर्चा करें, भारत में यह 71.91 प्रतिशत है तो पाक में 92 प्रतिशत, चीन में 94 प्रतिशत, श्रीलंका में 92 प्रतिशत, म्यांमार में 86 प्रतिशत, भूटान में 75 प्रतिशत, नेपाल में 66 प्रतिशत है तो बांग्लादेश में 57 प्रतिशत है। अब कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग पर देखें तो भारत में 10 लाख की आबादी में 21213 का टेस्ट हो रहा है तो अमेरिका में 2 लाख 12 हजार 2, रूस में 2 लाख 22 हजार 691 टेस्ट प्रति 10 लाख आबादी पर औसत हो रहे हैं। चीन में प्रति 10 लाख में 62814, पाकिस्तान में 10285, नेपाल में 28030, भूटान में 72918 का टेस्ट हो चुका है।
अब तो एम्स में टेस्ट तथा इलाज होने का श्रेय केंद्र सरकार (भाजपा) लेने में पीछे नहीं है तो राज्यों में होने वाले टेस्ट तथा इलाज के लिए राज्य सरकार श्रेय ले रही है यानि कोरोना को भी भाजपा/कांग्रेस में बांटने के बयान सामने आ रहे हैं।
भारत के कुछ इलेक्ट्रानिक्स न्यूज चैनल तथा कुछ प्रिंट मीडिया के लोगों के लिए अब कोरोना की भयावहता खबर नहीं रही पहले तब्लीगी और मरकज पर कोरोना को लेकर निशाना बना चुके हैं… फ्रांस से महंगे दाम पर खरीदे गये 5 राफेल की खरीदी कुछ दिन बड़ी खबर रही… राफेल की गर्जना सुनकर पाकिस्तान थर-थर कांपने लगा है, इमरान तथा बाजवा सुरक्षित छिपने के ठिकाने की खोज में है, जिनपिंग अपना देश छोड़कर कहीं और भाग जाएगा। इसी के साथ अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन का समाचार में कई दिनों तक सुर्खियों में रहा, देश की आस्था का इस्तेमाल करने वाले राजनीतिक गिद्धों की तामझाम, परजीवी साधू संतों की भीड़, 500 वर्षों बाद राम को सही जगह मिली बस यही गूंजता रहा… दिखता रहा। दरअसल इन लोगों को कौन समझाए कि उन्माद में श्रीराम नहीं मिलेंगे। राम वहां हैं जहां आदर्श है, शील है, मर्यादा है, स्नेह है, करूणा है और सादगी है। राम जन्मभूमि पूजन का दिन राम के समक्ष अपनी सत्ता, सम्पत्ति, वैभव और शक्ति के प्रदर्शन का नहीं राम को अपने भीतर उतारने का दिन था। आजकल कलाकार सुशांत राजपूत की मौत पर मीडिया ट्रायल चल रहा है। मीडिया ने तो उसकी प्रेमिका रिया को लगभग हत्या का आरोपी साबित ही कर दिया है?
देश में कितने करोड़ लोगों की नौकरी चली गई, कुछ लाख लोगों की नौकरी कुछ महीनों में चली जाए तो आश्चर्य नहीं है, कितने उद्योग धंधे चौपट हो गये, कितने लोग अपने घर की वापसी में कोरोना काल में असामयिक कालकलवित हो गये, कोरोना के चलते कुछ लोग आत्महत्या कर रहे हैं, कई घरों में चूल्हा नहीं जल रहा है, बच्चे स्कूल जाने से वंचित है, शैक्षणिक सत्र पर सवालिया निशान लग रहा है, बैंकों के ऋण को चुकाना मुश्किल हो गया है। रिजर्व बैंक ने 31 अगस्त तक तो इएमआई स्थगित रखा है उसके बाद क्या होगा….। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा है यह समस्या आपके (केंद्र सरकार) के लाकडाऊन की वजह से पैदा हुई है, यह समय व्यवसाय करने का नहीं है बल्कि लोगों की दुर्दशा पर विचार करने का है। वैसे कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक से मिलकर बात कर रही है फिर सवाल उठता है कि अचानक भयानक नोटबंदी, जीएसटी, तथा चंद घंटों के नोटिस पर देश में लाकडाऊन करने वाली केंद्र सरकार 5-6 महीने में यह भी तय नहीं कर पाई कि कर्ज स्थगन के दौरान ब्याज की स्थिति कैसी रखनी है। यहां यह बताना जरूरी है कि सन 2019-20 में 1.85 लाख करोड़ का बैंक फ्राड हुआ है और 76 फीसदी फ्राड उद्योग जगत की तरफ से हुआ है…। छोटे कर्जदारों पर सख्ती और बड़े फ्राड करने वालों के प्रति सुस्ती आखिर क्या दर्शाता है। बहरहाल आत्मनिर्भर, 20 लाख करोड़ का पैकेज देने वाले केंद्र के मुखिया नरेन्द्र मोदी मन की बात करते हैं कभी विपदा को अवसर में बदलने की बात करते हैं, कभी मोर को दाना चुगाते नजर आते हैं पर उस गरीब माता-पिता के मन की बात भी तो समझे जिनके बच्चे रोटी के टुकड़ों के लिए मोहताज है स्थिति अभी और भी भयानक होगी यह भी तय है..।
मुख्य सचिव मंडल और?
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद मंडल का कार्यकाल 1 नवंबर 20 को पूरा हो रहा है पर राज्य सरकार ने इस अफसर की ऊर्जा देखकर 6 माह की सेवावृद्धि का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है। कोरोना महामारी के चलते 6 माह की सेवावृद्धि हो भी सकती है क्योंकि गुजरात में मुख्य सचिव को इसी केंद्र सरकार से 6 माह के कार्यकाल की सेवावृद्धि दी है। आर.पी. मंडल की सेवावृद्धि होती है (होना तय है) तो 1 अप्रैल 21 को वे सेवानिवृत्त होंगे ऐसे में सबसे बड़ा झटका 87 बैच के आईएएस चितरंजन खेतान को लगेगा क्योंकि 2 जुलाई 21 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं अब 2 माह के लिए तो उन्हें मुख्य सचिव बनाया नहीं जाएगा वैसे भी मंडल को मुख्यसचिव बनाने के बाद खेतान को मंत्रालय से बाहर बिलासपुर राजस्व मंडल में पदस्थ करके भूपेश सरकार ने एक तरह से संकेत दे ही दिया था पर मुख्यमंत्री के एक सलाहकार के भरोसे उनका प्रदेश के मुखिया बनने का सपना अभी भी टूटा नहीं है। वैसे मंडल की सेवावृद्धि होने/नहीं होने के बाद मुख्य सचिव की दौड़ में 87 बैच के ही बी.बी.आर. सुब्रमणियम (वर्तमान में मुख्य सचिव जम्मू-कश्मीर) का नंबर आता है। यदि वे मूल कैडर में लौटते हैं तो वे प्रमुख दावेदार होंगे क्योंकि उनके केंद्र से अच्छे संबंध है, जिससे छत्तीसगढ़ को लाभ मिल सकता है। वे 6 सितंबर 22 को सेवानिवृत्त होंगे। वहीं उसके बाद वरिष्ठता सूची में 89 बैच के अमिताभ जैन है जिन्हें 21 जून 25 तक अभी नौकरी करना है उसके बाद 91 बैच की रेणु जी पिल्ले का नंबर है इन्हें 16 फरवरी 28 तक अभी काम करना है। इन्हें सीएस बनाया जाता है तो छग की पहली महिला मुख्य सचिव का रिकार्ड बनेगा वहीं इनके बाद 92 बैच के सुब्रत साहू वरिष्ठता सूची में है। इन्हें 5 अगस्त 28 तक अभी नौकरी करना है। वैसे सुब्रत साहू अभी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ संबद्ध होने के साथ ही सरकार के काफी करीब है।
और अब बस….
0 छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते संक्रमित मरीजों तथा लगातार बढ़ रही मौतों की संख्या चिंता का विषय है।
0 पुलिस विभाग में 12-13 साल से निरीक्षक बन चुके लोगों को पदोन्नति का इंतजार है… एक टिप्पणी… डीजी की पदोन्नति भी तो 2-3 साल से लंबित है..।।
0 पिछली सरकार में संसदीय सचिव की नियुक्ति का उच्च न्यायालय तक जाकर विरोध करने वाले भाई मो. अकबर अब अपनी सरकार में संसदीय सचिव की नियुक्ति का जवाब देना पड़ रहा है…। वक्त -वक्त की बात है।