उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो…. न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )      

छत्तीसगढ़ राज्य युवा हो चुका है। पुरखों की कल्पना के बाद एक नवंबर 2000 को वह शुभ दिन आया…. जिस दिन छत्तीसगढ़ राज्य का सपना साकार हुआ। पहले मुख्यमंत्री बने आईएएस, आईपीएस रह चुके नौकरशाह अजीत कुमार जोगी तो पहले राज्यपाल बने पूर्व आईपीएस अफसर दिनेश नंदन सहाय, पहले विधानसभा अध्यक्ष बने अविभाजित म.प्र. में भी विस अध्यक्ष रह चुके राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला। पहले नेता प्रतिपक्ष बने नंदकुमार साय। पहले मुख्य सचिव बनने का सौभाग्य हासिल हुआ अरूण कुमार को तो पहले पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बने श्री मोहन शुक्ला, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पहले चीफ जस्टिस बने जस्टिस शिशाक…।

वीसी पहले केन्द्रीय मंत्री….            

भारत की आजादी के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले पहले छत्तीसगढ़ में रहने वाले विद्याचरण शुक्ल के नाम का रिकार्ड है। 1966 में ही वे संसदीय कार्य एवं संचार उप मंत्री बन गये थे। उसी के तत्काल बाद गृह उपमंत्री, राज्यमंत्री गृह, वित्त रक्षा योजना, सूचना एवं प्रसारण, नागरिक आपूर्ति, सहकारिता, विदेश, जलसंसाधन तथा संसदीय कार्यमंत्री का भी कार्यभार सम्हाला था। 1977 से 1979 तक जनता पार्टी शासनकाल में बृजलाल वर्मा, उद्योग, संचार तो पुरुषोत्तम कौशिक पर्यटन, विमानन तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री का केंद्र में कार्यभार सम्हाला था।माटी पुत्र चंदूलाल चंद्राकर ने भी केंद्र में नागरिक उडयन, कृषि मंत्री का दायित्व सम्हाला तो 1973 से 77 तक अरविंद नेताम भी शिक्षा, समाज कल्याण एवं संस्कृति उपमंत्री तो 93 से 96 तक कृषि राज्यमंत्री का दायित्व सम्हाल चुके हैं। नरहरि साय,संचार राज्यमंत्री, (77 से 79) लरंग साय (77 से 79), मोतीलाल वोरा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, नागरिक विमानन मंत्रालय ( 98 से 99) रमेश बैस, इस्पात एवं खान मंत्री (98 से 99) रसायन उर्वरक राज्यमंत्री, सूचना एवं प्रसारण, पर्यावरण राज्यमंत्री (99 से 2004 तक) डॉ. रमन सिंह उद्योग राज्यमंत्री (99 से 2003) दिलीप सिंह जूदेव, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (99 से 2003) विष्णुदेव साय भी राज्यमंत्री श्रम कल्याण रहे तो वर्तमान में रेणुका सिंह भी केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री हैं।

पहला आईएएस कौन….?      

छत्तीसगढ़ राज्य में पहला आईएएस पहला आईपीएसऔर पहला आइएफएस कौन बना यानि जो छग कैडर का बना हो, म.प्र. कॉडर से छग काडर में आने वाले आईएएस, आईपीएस तो कई मिलेंगे पर हाल ही में किसी ने सवाल उठाया कि पहला आईएएस पहला आईपीएसऔर पहला आइएफएस कौन था….जो छत्तीसगढ़ राज्य कॉडर में आया था। जाहिर था कि राज्य बनने के बाद 2001 बैच में जो सीधी भर्ती से आईएएस/आईपीएस/आइए फएस पहला बना हो वही पहला कहलाएगा काफी जांच पड़ताल के बाद पता चला कि छत्तीसगढ़ में पहली आईएएस शहला निगार 2001 बैच की आईएएस हैं। मूलत: बिहार में 31 मार्च 1973 को जन्मी मेडम एमफिल (राजनीतिक शास्त्र)हैं तो 2 सितंबर 2001 को चयन हुआ और इन्हें 2001 बैच आबंटित हुआ। इसके बाद 2002 बैच के 7 आईएएस बने जिसमें रोहित यादव, कमलप्रीत सिंह, (बृजेश चंद्र मिश्रा, हेमंत पहारे, दिलीप वासनीकर, अमृत कुमार खलखो, आलोक अवस्थी (सभी प्रमोटी आईएएस) शामिल हैं तो 2003 बैच में अविनाश चंपावत, रितु सेन,परदेशी कोमल सिद्धार्थ तथा कंगाले रीना बाबा साहेब शामिल हैं इस तरह 2001 से 2003 के बीच शहला, रितु तथा रीना तीन महिला आईएएस छग कॉडर में आई थीं।

पहला आईपीएस कौन….?     

छत्तीसगढ़ कॉडर बनने के बाद म.प्र. काडर छोड़कर आने वालों में कई आईपीएस अफसर श्री मोहन शुक्ला, पी.के.दास, आर.एस.एल. यादव, अशोक दरबारी, ओपी राठौर, आर.एन. उपाध्याय, डीएम अवस्थी, गिरधारी नायक, मो. अंसारी, संजय पिल्ले, आर.के. विज, अशोक जुनेजा, मुकेश गुप्ता आदि कई बड़े नाम हैं। जिनमें से कई डीजीपी, डीजी भी बन चुके हैं पर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहला आईपीएस अफसर कौन था जिसे सीधे छत्तीसगढ़ कॉडर आबंटित हुआ था। छत्तीसगढ़ राज्य में पहला आईपीएस अफसर बनने का रिकार्ड डॉ. आनंद छाबड़ा के नाम है। 2001 बैच के यह आईपीएस अफसर 17 जनवरी 1976 को पंजाब में जन्में हैं। एमबीबीएस डॉ. आनंद छाबड़ा 2 सितंबर 2001 को आईपीएस ज्वाईन किया तथा 2001 बैच इन्हें आबंटित किया गया। वर्तमान में ये रायपुर जोन के आईजी तथा प्रदेश गुप्तचर शाखा के मुखिया की संयुक्त जिम्मेदारी निभा रहे हैं। डॉ. आनंद छाबड़ा के बाद 2002 बैच के के.सी. अग्रवाल (प्रमोटी) 2003 बैच में 5 आईपीएस अफसर वरिष्ठता क्रम में सुंदरराज पी, ओमप्रकाश पाल, रतनलाल डांगी, एस.एस. सोरी, टीआर पैकरा शामिल हैं तो 2004 बैच में 5 आईपीएस को छग कॉडर सीधे आबंटित हुआ जिसमें नेहा चंपावत, अभिषेक पाठक, अंकित गर्ग, अजय यादव, बद्रीनारायण मीणा शामिल हैं। 12 आईपीएस अफसरों में नेहा चंपावत को छग की पहली महिला आईपीएस होने का गौरव प्राप्त है तो अजय यादव (एसएसपी रायपुर) को पहला छत्तीसगढिय़ा अफसर (बस्तर में जन्म) होने का गौरव प्राप्त है… छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद …।

आईएफएस राकेश चतुर्वेदी का रिकार्ड….     

छत्तीसगढ़ में जन्में वर्तमान में वन विभाग के मुखिया राकेश चतुर्वेदी मप्र के 1985 बैच के आईएफएस हैं और छग से पहले आईएफएस बनने का रिकार्ड उनके नाम बना था। छग राज्य बनने के बाद केरला की मूल निवासी परणिता पाल (जन्म 21 जून 1975) एमएससी (फारेस्टी) पहली आईएफएस अफसर बनने का सौभाग्य हासिल किया वहीं इसी 2001 बैच के ही राकेश कलाजे, शालिनी रैना, मो. शाहिद, जनकराम नायक, अभय के श्रीवास्तव, 2002 बैच के सोमादास, राजेश कुमार पांडे, सुरेश प्रसाद पैकरा, भानुप्रताप सिंह, सोबरन सिंह कंवर, 2003 बैच के राजेश कुमार चंदेले, अनुराग श्रीवास्तव,फुलजेन्स टोप्पो शामिल हैं। वैसे छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जनकराम नायक पहले छत्तीसगढिय़ा है जिन्हें आईएफएस का एवार्ड मिला।

और अब बस……….

0 रायपुर में कलेक्टर रहे अजीत जोगी छग के पहले मुख्यमंत्री, नजीब जंग दिल्ली के उपराज्यपाल तो सुनील कुमार, आर.पी.मंडल तथा अभिताभ जैन मुख्य सचिव बनने में सफल रहे।
0 छत्तीसगढ़ में आईपीएस का प्रशिक्षण लेने वाले विवेक जौहरी आज म.प्र. के डीजीपी हैं तो अरूणा मोहन राव स्पेशल डीजी म.प्र. हैं।ऋषि शुक्ला सीबीआई के बतौर संचालक रिटायर हुए हैँ l
0 छत्तीसगढ़ में ही जन्में पढ़े-बढ़े अभिताभ जैन मुख्य सचिव हैं तो राकेश चतुर्वेदी वन विभाग के मुखिया हैं।
0 साईंस कालेज रायपुर में पढ़े भूपेश बघेल आज छग के मुख्यमंत्री हैं तो इसी कालेज में पढ़े विवेक ढांड पूर्व में मुख्य सचिव रह चुके हैं। इंजीनियरिंग कालेज रायपुर में पढ़े आर.पी.मंडल भी मुख्य सचिव बन चुके हैं।
0 विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके रविन्द्र चौबे अविविभाजित म.प्र. तथा छत्तीसगढ़ में मंत्री बनते रहे हैं। अभी भी भूपेश मंत्रिमंडल के सदस्य हैं।
0 आयुर्वेदिक कालेज रायपुर में पढऩे वाले डॉ. रमन सिंह 15 साल छग के मुख्यमंत्री रहे तो डॉ. शिव डहरिया अभी भूपेश सरकार में मंत्री हैं।
0 दुर्गा कालेज छात्रसंघ अध्यक्ष रहे मो. अकबर वर्तमान में भूपेश सरकार में कबीना मंत्री हैं।
0 छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में प्रवेश लेेने वाले बृजमोहन अग्रवाल म.प्र. तथा छग में लंबे समय तक मंत्री रहने का रिकार्ड बना चुके हैं।

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