राज्य सरकार के त्वरित निर्णयों एवं कार्यों से सभी वर्गों में नई उम्मीद जगी
रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के अभिभाषण के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। छŸाीसगढ़ राज्य की पांचवीं विधानसभा के सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। आप लोगों ने छत्तीसगढ़ विधान सभा को आदर्श परंपराओं और अनुपम कार्यप्रणाली का गढ़ बनाया है इसके लिए मै आप सभी को साधुवाद देती हूं। मुझे आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि नये वर्ष 2020 में भी आप लोग जनता के नुमाइंदे के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह पूरी लगन और निष्ठा से करते हुए जनता के सपनों को पूरा करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि यह बड़े ही गौरव का विषय है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर वर्षभर कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है जिसकी शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 को विशेष सत्र के आयोजन के साथ हुई। देश में अपनी तरह की इस नई पहल से प्रदेश की छवि उज्जवल हुई। अपनी संस्कृति, धरोहर और विभूतियों के सम्मान की परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए मेरी सरकार ने रायपुर में स्वामी विवेकानंद स्मारक, भगवान राम वनगमन परिपथ के विकास की दिशा मंे कार्य शुरू करके बहुत ही सकारात्मक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को आगामी 10 वर्षों के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव पारित करने मंे आप लोगों का योगदान दर्ज होना निश्चय ही सौभाग्य का विषय है। मेरी सरकार ने त्वरित निर्णयों तथा विभिन्न कार्यों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़े तबकों सहित सभी वर्गों में नई उम्मीद जगाई है। प्रदेश में नगरीय निकायों तथा त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता से संपन्न हुए तथा इससे निचले स्तर पर लोकतंत्र को मजबूती मिली। इस महती जिम्मेदारी को पूरा करने में सहयोगी अमले और मतदाताओं को बधाई प्रेषित करती हूं।
निर्दोष आदिवासियों को प्रकरणों से मुक्ति का मार्ग हुआ प्रशस्त
राज्यपाल ने कहा कि एक साल पहले बस्तर के बहुत से आदिवासी परिवारों की जिंदगी आपराधिक प्रकरणों के कारण बेहद कष्ट में थी। मेरी सरकार ने इसके लिए जस्टिस ए. के. पटनायक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसकी सिफारिश पर निर्दोष आदिवासियों को प्रकरण से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जो उनके लिए बहुत बड़ी आर्थिक और सामाजिक राहत भी है। बस्तर में लोहण्डीगुड़ा, आदिवासियों को न्याय दिलाने का प्रतीक बन गया है। इससे जल-जंगल-जमीन पर उनके अधिकार को रेखांकित करने में मेरी सरकार सफल हुई है। प्रसन्नता का विषय है कि सरकार गठन के मात्र एक माह की अल्प अवधि में ही जमीन वापसी की सारी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई, और यह संदेश भी प्रखरता के साथ गया कि मेरी सरकार आदर्श पुनर्वास कानून का पालन कराने के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने अनुसूचित जनजाति की वनों पर निर्भरता, वनों पर निर्भर आजीविका के विषयों को काफी गंभीरता से लेते हुए ‘अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम-2006’ के विभिन्न प्रावधानों का उचित पालन करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ दिलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत जहां एक तरफ पूर्व में निरस्त दावों की पुनः समीक्षा की जा रही है। वहीं सामुदायिक वन अधिकारों के तहत बड़े पैमाने पर ग्रामीणों को जमीन के अधिकार पत्र देने के लिए भी बड़े कदम उठाये जा रहे हैं। मेरी सरकार ने दशकों से उपेक्षित रहे बस्तर के अबुझमाड़ क्षेत्र की विशेष चिन्ता की गई है और वहां के निवासियों को वन अधिकार पत्र देने की विशेष पहल की जा रही है।
समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज खरीदने एक हजार से अधिक हाट बाजारों में संग्रहण केन्द्र स्थापित
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने राज्य के कुल वन क्षेत्र का लगभग 55 प्रतिशत हिस्सा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के जिम्मे किया है। इससे 11 हजार 185 गांवों में 7 हजार 887 वन प्रबंधन समितियों के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के 15 लाख और अनुसूचित जाति के 5 लाख सदस्य वन संरक्षण के साथ ही अधोसंरचना और आजीविका के अवसरों में विस्तार के भागीदार बने है। समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 2500 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 हजार रू. प्रति मानक बोरा की है, जिसके कारण विगत वर्ष 15 लाख से अधिक परिवारों को 602 करोड़ रूपए का भुगतान हुआ। इस दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए मेरी सरकार ने विगत एक वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 8 से बढ़ाकर 22 कर दी है। एक हजार से अधिक हाट-बाजारों पर संग्रहण केंद्र तथा वन-धन-विकास केंद्र की स्थापना की गई है। 50 हजार आदिवासी महिलाओं को इन केन्द्रों से जोड़ा गया है। वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि होने पर क्षतिपूर्ति सहायता राशि 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रू. की गई है, वहीं दूसरी ओर कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़, सरगुजा वन मंडलों के 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रों में ‘लेमरू एलिफेंट रिजर्व’ बनाने की दिशा में कार्यवाही प्रगति पर है। इस प्रकार मेरी सरकार वन-जन, वन्य पारितंत्र जैसे सभी पहलुओं पर कार्यरत है।
लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए अनेक कदम
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधाएं देते हुए प्री-मेट्रिक छात्रावास एवं आवासीय विद्यालयों सहित आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति दर बढ़ाकर 1000 रू. प्रतिमाह कर दी है। मेट्रिकोत्तर छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए भोजन सहायता की राशि बढ़ाकर 700 रू. प्रतिमाह कर दी गई है। 17 नये एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शुरू किये गये हैं। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मेरी सरकार लगभग 15 हजार स्थाई शिक्षक-शिक्षिकाआंे की भर्ती कर रही है जिससे 7 हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकायें आदिवासी अंचलों की शालाओं को मिलंेगे। मेरी सरकार ने बस्तर व सरगुजा संभाग के साथ कोरबा जिले में अनुसूचित जनजाति युवाओं की बहुलता को देखते हुए जिला संवर्ग के तहत तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों में भर्ती की अवधि 31 दिसम्बर 2021 तक बढ़ा दी है। बस्तर और सरगुजा संभाग में स्थानीय लोगों की भर्ती में तेजी लाने के लिए ‘‘विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड’’ का गठन, कौशल उन्नयन और रोजगारपरक प्रशिक्षण के अनेक उपाय किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को मजबूत करने की दिशा में अनेक नये कदम उठाये हैं। बस्तर, सरगुजा तथा मध्य क्षेत्र के लिए पृथक-पृथक आदिवासी विकास प्राधिकरण गठित किये गये हैं और मुख्यमंत्री के स्थान पर स्थानीय विधायकों को ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर पदस्थ किया गया है।
प्रशासनिक विकेन्द्रीयकरण कर जनता के नजदीक पहुंचने उठाए गए कारगर कदम
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने प्रशासनिक विकेन्द्रीयकरण के माध्यम से जनता के अधिक से अधिक निकट पहुंचने तथा उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के कारगर कदम उठाए हैं, जिसके तहत प्रदेश के 28वें जिले के रूप में ‘‘गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही’’ 10 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आ गया है। त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं का भी विस्तार किया गया है। दूर-दूर फैले गांवों का परिसीमन कर 704 नई ग्राम पंचायतें गठित की गई हैं, जिनमें से 496 नई पंचायतें अनुसूचित क्षेत्रों में हैं। पेसा क्षेत्रों के लिए नियम बनाने हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना’ के अंतर्गत अब तक सृजित 685 लाख मानव दिवसों में से 287 लाख मानव दिवस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। मेरी सरकार ने सार्वभौम पीडीएस के माध्यम से लगभग 65 लाख परिवारों को खाद्यान्न और पोषण सुरक्षा दी है। 35 किलो चावल देने का वायदा निभाया है, जिसमें से अन्त्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा राशन कार्डों के माध्यम से लगभग 26 लाख परिवारों को 1 रूपये प्रतिकिलो की दर पर चावल देने का इंतजाम किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचलों में पोषण सुरक्षा के लिए मेरी सरकार ने विशेष इंतजाम किये हैं। अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवारों को निःशुल्क रिफाइन्ड आयोडाइज्ड नमक दिया जा रहा है। अनुसूचित विकासखण्डों एवं माडा क्षेत्र में लगभग 25 लाख परिवारों को प्र्रतिमाह 2 किलो चना 5 रूपये प्रति किलो की दर पर प्रदाय किया जा रहा है। बस्तर संभाग में महिलाओं एवं बच्चों में आयरन की कमी दूर करने के लिए जनवरी 2020 से अंत्योदय, प्राथमिकता एवं मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के राशन-कार्डधारी परिवारों को दो किलो गुड़ 17 रूपये प्रतिकिलो की दर पर प्रदाय किया जा रहा है।
सरकार के काम-काज से किसानों का विश्वास सरकार तथा खेती किसानी के प्रति मजबूत हुआ
राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को विश्व के सामने प्रस्तुत करने के लिए मेरी सरकार ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया, जिसमें 24 प्रदेशों, 6 अन्य देशों के 1800 कलाकारों ने सीधी भागीदारी निभाई। वहीं, विभिन्न दलों के चयन के लिए ब्लॉक स्तर से शुरू हुई प्रतियोगिता में 15 हजार से अधिक आदिवासी कलाकार शामिल हुए। मेरी सरकार ने किसानों को प्रति क्विंटल धान के लिए 2500 रू. देने, अल्पकालीन ऋण माफी के साथ ही मक्के की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने, उद्यानिकी फसलों का विस्तार करने जैसे अनेक किसान हितकारी कदम उठाये हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिल रही है। मेरी सरकार के काम-काज से किसानों का विश्वास सरकार तथा खेती किसानी के प्रति मजबूत हुआ है। यही वजह है कि एक साल में ब्याज मुक्त कृषि ऋण प्रदाय ने 4 हजार करोड़ रू. के आगे निकलने का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों में उत्पादित शक्कर को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लिया जा रहा है। कवर्धा स्थित शक्कर कारखाने में इथेनॉल प्लांट की स्थापना की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। पंडरिया और अंबिकापुर के सहकारी शक्कर कारखानों में भी इथेनॉल प्लांट लगाये जाएंगे। धान से इथेनॉल बनाने के लिए भी पुरजोर कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोंडागांव जिले के ग्राम कोकोड़ी में 136 करोड़ रूपये की लागत से मक्का प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जा रही है। सुकमा से लेकर सरगुजा तक प्रदेश में अनेक स्थानों पर फूड पार्क, कृषि तथा वनोपज प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की दिशा में ठोस प्रगति की जा रही है।
ग्रामीण संस्कृति के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को मिली नई दिशा
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार की अभिनव पहल ‘‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’’ से ग्रामीण संस्कृति के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को नई दिशा मिली है। जिसके अंतर्गत 1000 से अधिक जलाशयों के वैज्ञानिक ढंग से विकास के कदम उठाए जा रहे हैं। 4000 से अधिक ग्राम पंचायतों में गौठानों का विकास किया जा रहा है जिसमें से प्रत्येक विकासखंड में एक ‘मॉडल गौठान’ बनाया जा रहा है। घुरवा कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 3 लाख 14 हजार मीट्रिक टन जैविक खाद का निर्माण और उपयोग किया गया है। अब इस कार्यक्रम का समुचित विस्तार हो रहा है। मेरी सरकार जल संसाधन विकास के सारे विकल्पों पर भी गंभीरता से कार्य कर रही है। समग्र और समन्वित प्रयासों के लिए जल संसाधन नीति तैयार की जा रही है। सिंचाई विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। वर्तमान में निर्मित योजनाओं से लगभग 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वास्तविक सिंचाई हो पाती है। इसे बढ़ाकर 5 वर्षों में दोगुना करने के लिए 55 सूक्ष्म सिंचाई 2,292 लघु 80 उद्वहन सिंचाई योजनाएं तथा 689 एनीकट,स्टापडेम का का कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए अनेक कदम
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए जनभागीदारी बढ़ाने और संस्थाओं के सशक्तिकरण का काम तेजी से कर रही है। छत्तीसगढ़ पंचायत अधिनियम, 1993 में संशोधन करके उम्मीदवारों की न्यूनतम योग्यता में कक्षा का मापदण्ड हटाकर साक्षर कर दिया है। इसी प्रकार चुनकर न आने की स्थिति में निःशक्तजनों को नामांकित करने का प्रावधान किया है। ग्रामीण अधोसंरचना के विकास हेतु ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के अंतर्गत 3 हजार 700 किलोमीटर से अधिक 355 सड़कों तथा 10 वृहद पुलों के निर्माण हेतु 2 हजार 210 करोड़ रू. की लागत की परियोजनाओं की स्वीकृति हाल ही मे प्राप्त की गई है। इसे मिलाकर प्रदेश में प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्मित सड़कों की लम्बाई 40 हजार 690 किलोमीटर हो जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना, मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ जैसी सभी योजनाओं में भी तेजी लाई जाएगी। ग्रामीण अंचलों में घर पहुंच बैंकिंग सेवाएं बढ़ाने के लिए 3 हजार ‘बीसी सखी सेवा’ शुरू करने का लक्ष्य है और 1 हजार ने काम शुरू कर दिया है। सर्वाधिक नक्सल प्रभावित 8 जिलों में एक वर्ष में 32 नई बैंक शाखाएं खोली गई हैं। इस प्रकार बैंक शाखाओं और एटीएम को मिलाकर ऐसी सुविधा के 869 केंद्र बन गए। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं जिसमें से कुछ प्रमुख का उल्लेख करना चाहूंगी। मैनपाट में बंद पड़ा कालीन उत्पादन का कार्य फिर से शुरू किया गया, 175 करोड़ रू. के हाथकरघा वस्त्रों की खरीदी सरकारी विभागों द्वारा की गई। ‘अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन’ के माध्यम से बुनकरों, शिल्पकारों, कृषि-उद्यानिकी-वन उत्पादों से आजीविका चलाने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को देश और दुनिया के ग्राहकों से जोड़ा गया। मेरी सरकार ने गौठानों से लेकर छोटेे कारखानों तक को ऐसे उत्पादों के लिए प्रेरित किया है जो अपनी माटी की महक और कलाकारी की चमक से बाजारों में अपनी जगह बना रहे हैं। मुझे विश्वास है कि महिलाओं, किसानों, वन-निवासियों को समूह गतिविधियों के लिए संगठित और प्रोत्साहित करने के बेहतर नतीजे आएंगे।
युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए बहु-आयामी प्रयासों पर बल
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों को सम्मान-सुरक्षा और सुविधा का जीवन मुहैया कराने के लिए अनेक प्रयास किये गए हैं। औद्योगिक स्थापनाओं में सेवारत कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है। असंगठित श्रमिकों के कल्याण हेतु समग्र नीति का निर्माण किया जा रहा है। संगठित श्रमिकों तथा निर्माण श्रमिकों के कल्याण हेतु नए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा ‘दुकान एवं स्थापना अधिनियम’ के अंतर्गत पंजीकृत संस्थानों को वार्षिक नवीनीकरण से छूट दी गई है। 10 से कम श्रमिकों वाले संस्थानों, संविदा श्रम अधिनियम में नवीनीकरण की छूट जैसी अनेक रियायतों से राहत का दायरा बढ़ा है। मेरी सरकार ने युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए बहु-आयामी प्रयासों पर बल दिया है, जिसके तहत् प्रदेश में 10 आदर्श महाविद्यालयों की स्थापना, 54 महाविद्यालयों में अधोसंरचना विकास हेतु आर्थिक सहायता दी गई है, वहीं दूसरी ओर सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ा अधिकारी के लगभग 1 हजार 500 पदों पर भर्ती की जा रही है। 34 सरकारी कॉलेजों में लगभग 4 हजार तथा 56 अशासकीय कॉलेजों में 6 हजार सीटें बढ़ाई गई हैं। हर जिले में कन्या छात्रावास की उपलब्धता को अनिवार्य बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने युवाओं के कैरियर के अवसरों को बढ़ाने के लिए पढ़ाई के साथ खेल और अन्य विधाओं पर भी ध्यान दिया है। छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण का गठन, राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को मिलने वाली पुरस्कार राशि में वृद्धि और राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन इसी दिशा में किए गए प्रयास हैं। जिसका असर युवाओं के उत्साह और उनकी रचनात्मक सोच में वृद्धि के रूप में दिखाई पड़ रहा है। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित युवा महोत्सव में प्रदेश के 7 हजार से अधिक युवाओं ने रायपुर आकर 37 विधाओं में 821 प्रस्तुतियां दी, इस प्रकार युवाओं में उमंग, भाई-चारे और समन्वय को नई दिशा मिली।
आवासीय तथा निर्माण संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी उठाये गए सार्थक कदम
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने समाज के कमजोर और मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक समस्याओं को हल करने का वायदा भी पूरी शिद्दत से निभाया है। छोटे भूखण्डों की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक हटाने, गाइड लाइन दरों में 30 प्रतिशत की कमी, पंजीयन शुल्क में 2 प्रतिशत की कमी जैसे जमीनी फैसलों से लाखों लोगों को राहत मिली। लगभग 1 लाख छोटे भूखण्डों का सौदा हुआ और इससे कई परिवारों में शादी, शिक्षा और कई जरूरतों के लिए पैसे का इंतजाम हुआ। नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्गफीट तक की सरकारी जमीन के 30वर्षीय पट्टे, फ्री-होल्ड अधिकार, भू-भाटक से छूट, नामांतरण-डायवर्सन में सरलता, भुइयां सॉफ्टवेयर से जन सुविधा जैसे अनेक फैसलों से जन-जीवन को इस बात का अहसास हुआ कि सरकार उनके साथ है। मेरी सरकार ने आवासीय तथा निर्माण संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी सार्थक कदम उठाये हैं। कॉलोनी-टाउनशिप के विकास हेतु अनापत्तियां-अनुमतियां ‘सिंगल विंडो’ से देने की प्रणाली विकसित की गई है। ऑनलाइन भवन तथा विकास अनुज्ञा की व्यवस्था से पारदर्शिता और सुगमता बढ़ेगी। नदियों की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों और स्थानीय निकायों को समन्वय के साथ काम करने की प्रणाली विकसित की गई है तथा एक्श़न प्लान बनाया गया है। बस्तर में ‘इंद्रावती विकास प्राधिकरण’ का गठन किया गया है।
सबकी सेहत के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने सबकी सेहत का ध्यान रखते हुए 2 महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’ के तहत प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी 56 लाख परिवारों को 5 लाख रूपए तक एवं शेष राशन कार्डधारी परिवारों को 50 हजार रूपए तक के उपचार की सुविधा मिलेगी। ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’ के अंतर्गत दुर्लभ व गंभीर बीमारियों के लिए 20 लाख रूपए तक की स्वास्थ्य सहायता दी जाएगी। मेरी सरकार ने शहरों और गांवों में रहने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति परिवारों की सेहत संबंधी विशेष जरूरतों को काफी बारीकी से समझा है। ‘मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना’ आदिवासी अंचलों में ऐसे परिवारों के लिए जीवनदायिनी बन गई है, जो किसी भी कारण से अस्पताल नहीं पहुंच पाते थे। जनवरी 2020 तक 2 हजार 343 हाट बाजारों में 17 हजार 150 शिविर आयोजित किए गए, जिसका लाभ 10 लाख 3 हजार मरीजों को मिला। इसी प्रकार ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’ के अंतर्गत 3 हजार 318 शिविर आयोजित किए गए, जिसका लाभ 1 लाख 45 हजार से अधिक मरीजों को मिला। राज्य में मलेरिया उन्मूलन हेतु पहली बार बस्तर संभाग के मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों से मलेरिया परजीवी को समूल नष्ट करने हेतु ‘मलेरिया मुक्त बस्तर’ अभियान चलाया जा रहा है। 15 जनवरी से 14 फरवरी 2020 तक बस्तर संभाग अंतर्गत उन सभी क्षेत्रों में जिनका वार्षिक परजीवी सूचकांक 10 से अधिक है, वहां घर-घर सघन जांच तथा पूर्ण उपचार किया गया। इस अभियान में दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा एवं नारायणपुर जिले के सभी विकासखण्ड तथा बस्तर, कांकेर व कोण्डागांव जिले के 3 विकासखण्ड के 39 उप स्वास्थ्य केन्द्र शामिल हैं।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत् सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपये की गई
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की नयी पीढ़ी को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने हेतु प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ शुरू किया गया है। जिसके तहत् आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रोटीनयुक्त पोषण के लिए चना, फल, अण्डा आदि सामग्री वैकल्पिक रूप से उपलब्ध कराने की नई शुरूआत की गई है। इस अभियान में डीएमएफ, सीएसआर से लेकर जनभागीदारी तक सबका सहयोग लिया जा रहा है। मेरी सरकार ने महिलाओं के अधिकारों, आजीविका व स्वावलंबन के विषयों पर गंभीरता से विचार किया है और अनेक कदम उठाए हैं। सहायक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का मानदेय 700 रूपये से 1500 रूपये तक बढ़ाया गया है। 10 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को नर्सरी स्कूल के रूप में विकसित करने हेतु कार्यवाही शुरू की गई है। 2 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत् सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपये की गई हैै। मेरी सरकार ने सबको पीने का साफ पानी देने के लिए मिनी माता अमृत धारा नल-जल योजना, गिरौधपुरी धाम समूह नल-जल योजना, राजीव गांधी सर्व-जल योजना, मुख्यमंत्री चलित संयंत्र पेयजल योजना, सुपेबेड़ा पेयजल योजना जैसी अनेक पहल की है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने बिजली उत्पादन के साथ बिजली के उपभोग को विकास का पैमाना बनाने की रणनीति अपनाई है ताकि समाज के हर वर्ग को गुणवŸाापूर्ण बिजली आपूर्ति सुगमता से हो। प्रति माह 400 यूनिट तक बिजली खपत पर बिजली बिल आधा करने का वादा भी पूरा किया गया है। प्रदेश में विद्युत अधोसंरचना के विस्तार तथा उपभोक्ता सेवा में सुधार का कार्य दु्रतगति से किया जा रहा है। मेरी सरकार ने सड़क अधोसंरचना के विस्तार में भी तेजी लाई है। एक वर्ष में 28 वृहत पुल के काम पूरे किए गए जबकि 119 का काम प्रगति पर है। प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 10 हजार किलोमीटर लम्बी सड़कों के निर्माण हेतु समयबद्ध कार्ययोजना बनाई गई है, जिससे इसमें निवेशित राशि का लाभ अतिशीघ्र प्रदेश की जनता को मिले।
विश्वास, विकास और सुरक्षा की त्रिवेणी से कानून और व्यवस्था को संवारा
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने विश्वास, विकास और सुरक्षा की त्रिवेणी से कानून और व्यवस्था को संवारा है। राज्य की नक्सल पुनर्वास कार्य-योजना को और अधिक आकर्षक बनाया गया है। प्रदेश में चिट्फण्ड, सायबर अपराध, मानव तस्करी रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अंजोर रथ, जनमित्र, ग्राम रक्षा समितियाँ, सीनियर सिटिजन सेल, महिला हेल्प डेस्क आदि ने सामुदायिक पुलिसिंग के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। पुलिस बल का मनोबल बढ़ाने की दिशा में सप्ताहिक अवकाश से लेकर रिस्पांस भत्ता देने तक अनेक कदमों ने भूमिका निभाई है। सचेत पुलिस बल और न्याय दिलाने की स्वस्फूर्त पहल के कारण नक्सली हिंसा और अपराधों में कमी आई है। इस स्थिति को बनाए रखना और बेहतर बनाना अपने आप में एक चुनौती है। मेरी सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत् नशाबंदी के संबंध में अध्ययन हेतु राजनीतिक समिति, सामाजिक समिति, प्रशासनिक समिति गठित की है। वर्ष 2019-2020 में 50 मदिरा दुकानों को बंद किया गया है, वहीं 1 अप्रैल 2020 से 49 बीयर बार बंद करने का भी निर्णय लिया गया है। शराब व्यसन मुक्ति अभियान के तहत नशामुक्ति अभियान दल का गठन प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में किया जा रहा है। मेरी सरकार के कामकाज के कारण छत्तीसगढ़ को देश के नए विश्वास के रूप में देखा जा रहा है। अपने संसाधनों का सम्मान, राज्य में वैल्यू एडीशन, नई औद्योगिक नीति से लेकर सामाजिक सद्भाव तक की इसमें बड़ी भूमिका है। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन ने अपनी सार्थकता साबित की है। विकास का नया-दौर, सबकी खुशहाली और सबकी भागीदारी का नया-दौर साबित हो, इसके लिए आप सबकी एकजुटता के साथ विकास की गति आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे ऐसा मेरा अटूट विश्वास है।