राहुल गांधी की ‘चाय-नाश्ते’ की बैठक में पहुंचे विपक्षी दलों के नेता, आप और बसपा ने बनाई दूरी

नई दिल्ली : पेगासस जासूसी, तीनों नए कृषि कानूनों व महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने और बैकफुट पर धकेलने के लिए विपक्ष लंबी लड़ाई पर मंथन कर रहा है। सरकार की मुश्किल बढ़ाने के लिए विपक्षी दल के नेता सदन के बाहर सामांतर संसद चलाने की रणनीति बना रहे हैं और इसके लिए वे सभी राहुल गांधी द्वारा आयोजित चाय-नाश्ते की बैठक में भाग ले रहे हैं। यह बैठक कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हो रही है। ताजा जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी और बसपा का कोई नेता इस बैठक में नहीं पहुंचा है।

इन सभी पार्टियों के नेताओं ने लिया बैठक में भाग…
कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना, राजद, सपा, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), केरल कांग्रेस (एम), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, टीएमसी और लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के नेता इस बैठक में भाग ले रहे हैं।

सरकार पर दबाव बनाने की हर संभव कोशिश…
टीएमसी सूत्र ने कहा, पेगासस और किसान आंदोलन मामले में विपक्ष की कोशिश हर वह दांव आजमाना है जिससे सरकार दबाव में आए। अगर प्रमुख विपक्षी दल समानांतर संसद चलाने के प्रस्ताव पर सहमति देते हैं तो इससे न सिर्फ इस मुद्दे को राष्ट्रव्यापी प्रचार मिलेगा, बल्कि इस मुद्दे पर अपनी हठधर्मिता के कारण सरकार बैकफुट पर होगी।

कांग्रेस को सेल्फ गोल का भी डर…
टीएमसी के इस प्रस्ताव पर राहुल ने बैठक तो बुलाई है लेकिन कांग्रेस को इससे ‘सेल्फ गोल’ का भी डर सता रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट नहीं की है। पार्टी को लगता है कि समानांतर संसद चलाने के फैसले के कारण पार्टी आलोचनाओं का शिकार भी हो सकती है।

केंद्र का रुख साफ, पेगासस पर नहीं कराएगा कोई चर्चा…
पेगासस जासूसी मामले में सरकार और विपक्ष के बीच का रास्ता निकलने की कोई उम्मीद नहीं है। कार्य मंत्रणा समिति की पिछली दो बैठकों में सरकार ने साफ कर दिया कि वह पेगासस मामले में किसी भी तरह का चर्चा नहीं कराएगी। दूसरी ओर विपक्ष सदन की कार्यवाही चलाने के लिए हर हाल में पेगासस पर चर्चा के साथ इस मामले में सरकार की ओर से जांच की घोषणा करने की शर्त से पीछे हटने केलिए तैयार नहीं है।

 

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