यशवंत गिरी गोस्वामी ,धमतरी : कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लेना जरूरी है। जिले में 45 से अधिक उम्र के 96 % लोगों ने कोविड का पहला डोज ले लिया है वहीं जिले में सभी को मिलाकर अब तक दो लाख से अधिक लोगों ने टीका लगवा लिया है।
जिले में 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के वैक्सिनेशन की दूसरी खुराक का दर अपेक्षाकृत कम है। इसके मद्देनजर कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने टीकाकरण अभियान में समुदाय की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने ज़ोर दिया है कि टीका ही संक्रमण की कड़ी को तोड़ सकता है । इसलिए घर घर जाकर लोगों को समझाइश देने, टीकाकरण के लिए प्रेरित करने में कलेक्टर ने समुदाय के मुखिया,नगरीय निकायों के पार्षद, ग्राम पंचायत सरपंच, पंच,सचिव, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सहायक, मेट,युवा, वाॅलिंटियर्स इत्यादि की महत्ती भूमिका पर जोर दिया है।
उन्होंने इनका आह्वान किया है कि वे दूसरी खुराक के लिए पात्र लोगों तक सूचना पहुंचाने तथा लक्षित व्यक्तियों की पहचान कर टीकाकरण केन्द्र तक लाने में सहयोग करें।
कलेक्टर ने साथ ही अपील की है कि जिले के ऐसे लोग, जो दूसरी खुराक के लिए पात्र हो गए हैं, वे नियत समय पर दूसरा डोज जरूर लें। उन्होंने कहा कि जिन हितग्राहियों को पहली खुराक में कोविशील्ड का टीका लगा है, उन्हें दूसरी खुराक के रूप में कोविशील्ड और जिन्हें कोवैक्सीन का टीका लगा है, उन्हें दूसरी खुराक भी कोवैक्सीन की ही दी जाएगी, इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने जिलेवासियों को समझाइश दी है कि यदि कोविड वैक्सिनेशन की पहली खुराक के बाद हाथ-पैर में दर्द, बुखार आया तो घबराने की बात नहीं, यह सकारात्मक संकेत है, ना कि नकारात्मक। दूसरी खुराक में हो सकता है ऐसे लक्षण प्रकट नहीं हो। उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा टीकाकरण को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, वे उस पर ध्यान नहीं दें और कोविड टीके का दूसरे डोज जरूर लगवाएं।
सर्दी, खांसी, बुखार अथवा कोरोना संबंधी कोई लक्षण होने पर टीका लगवाना चाहिए अथवा नहीं संबंधी लोगों की संशय को दूर करते हुए कलेक्टर स्पष्ट किया कि सबसे पहले इसकी जांच कराएं। जांच कराने के बाद यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो कोरोना की दवाई का सेवन पहले करें। यदि कोरोना जांच कराने के बाद जांच रिपोर्ट नहीं आई है, और रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, तो सबसे पहले मितानिन किट में जो दवाईयां दी गई हैं, इसका सेवन किया जाए। यदि आप कोरोना सिम्टोमिक हैं तो मितानिन किट की दवाइयां संक्रमण की दर को कम करेंगी। उन्होंने कहा कि यदि रिपोर्ट पाॅजीटिव आती है तो तुरंत टीका नहीं लगवाएं, बल्कि छः सप्ताह बाद टीका लगवाएं। कलेक्टर ने कहा कि हमारे जिले में 119 टीकाकरण केन्द्र बनाए गए हैं। यदि किसी ग्राम पंचायत में शत्-प्रतिशत टीकाकरण का कार्य हो गया, उसे दूसरे ग्राम पंचायत में जहां हितग्राही हैं शिफ्ट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण केन्द्र में तीन कमरे होते हैं, एक टीका लगने वाला कमरा, दूसरा वेटिंग रूम और तीसरा आॅब्जर्वेशन रूम होता है। आॅब्जर्वेशन रूम में ग्राम पंचायत के एक वाॅलेंटियर को बैठाना चाहिए अथवा फ्लैक्स लगाकर टीकाकरण के बाद के सिमटम्स, टीका लगाने के फायदे, पैरासिटामोल दवा का सेवन कब और कैसे इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाए, ताकि हितग्राही टीकाकरण के बाद अपने आसपास के लोगों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित कर सके।