मुख्यमंत्री द्वारा किसान हित को सर्वोपरी रखते हुए छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में देश का पहला इथेनॉल प्लांट स्थापित होगा

भुवन पटेल, कवर्धा : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में पीपीपी मॉडल से स्थापित होने वाले देश के पहले इथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में अनुबंध निष्पादन समारोह का आयोजन मुख्यमंत्री निवास में हुआ। यह अनुबंध भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने तथा छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल लिमिटेड के मध्य 30 वर्षों के लिए किया गया। इथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में सरकार के गठन के साथ ही किसानों से संबंधित मुद्दे सर्वोपरि रहे हैं, सर्वप्रथम कृषि ऋणों की माफी की गई तथा गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए शक्कर कारखानों की आर्थिक कठिनाई के स्थाई निदान के लिए पीपीपी मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। पी.पी.पी. मॉडल से ईथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में यह पहला उदाहरण है।


इथेनाल प्लांट हाईब्रीड टेक्नालाजी से बनेगा, जिसमें गन्ना पेराई सीजन के दौरान सीधे गन्ने के जूस से तथा आफ सीजन के दौरान मोलासीस से इथेनाल बनाया जाएगा। गन्ने के रस को इथेनाल में डायवर्ड करने के कारण अधिक जूस की जरूरत पडे़गी उसकी पूर्ति के लिए किसानों से अधिक से अधिक गन्ना क्रय किया जाएगा। कारखाने में गन्ने का रस निकालने के लिए और यूनिट लगायी जाएगी। किसानों को गन्ने के मूल्य का भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सकेगा। मुख्यमंत्री द्वारा किसान हित को सर्वोपरी रखते हुए योजना का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए गए।

किसानों को समय पर गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हो पाने संबंधी समस्या के निराकरण के लिए शक्कर उत्पादन के अतिरिक्त इथेनॉल उत्पादन के विकल्प पर विचार किया गया। शक्कर का डायवर्सन कर इथेनॉल उत्पादन ही एक दीर्घकालिक समाधान है। राज्य शासन की मंत्री परिषद् की बैठक में प्रदेश के सभी चारो कारखानों भोरमदेव कवर्धा, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल पण्डरिया, मां महामाया केरता एवं दंतेश्वरी मैया बालोद में पी.पी.पी. मोड से इथेनॉल प्लांट स्थापना का निर्णय लिया गया। कोरोना जनित विपरीत परिस्थितियों, विपरीत आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र की आर्थिक एवं तकनीकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पी.पी.पी. मॉडल का चयन किया गया। राज्य शासन के निर्णय के पालन में प्रथम चरण में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में पी.पी.पी. मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में न्यूनतम 40 के.एल.पी.डी. क्षमता के ईथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु देश का पीपीपी मॉडल से पहला उदाहरण होने के कारण निवेशक चयन के लिए प्रक्रिया के सूक्ष्म पहलूओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर निविदा सफलतापूर्वक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से पूर्ण की गई।

सर्वप्रथम निवेशकों के साथ प्दअमेजवते डममज का आयोजन करते हुए निवेशकों का पक्ष सुना गया। कोरोना काल के कारण प्रक्रिया को पूरी करना एक चुनौती थी, अतः वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से तथा प्रत्यक्ष में उपस्थित निवेशकों के साथ चर्चा की गई, कुल 34 निवेशकों के द्वारा प्दअमेजवते डममज में भाग लिया गया। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने द्वारा निवेशक चयन हेतु दो चरणों त्थ्फ एवं त्थ्च् में निविदा आमंत्रित की गई तथा पूरी कार्यवाही मध्य मार्च, 2020 से प्रारंभ कर अक्टूबर, 2020 के प्रथम सप्ताह में पूर्ण की गई। कोरोना जनित विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी केवल 7 माह के भीतर पी.पी.पी. चयन की प्रक्रिया पूर्ण की गई।उच्चतम निविदाकार छत्तीसगढ़ डिस्टीलरीज लिमिटेड द्वारा 40 के.एल.पी.डी. क्षमता के लिए राषि रूपये 5.27 करोड़ (पॉच करोड़, सत्ताईस लाख रुपये) प्रति वर्ष की निविदा स्वीकार करते हुए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा द्वारा लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया गया है। निवेशक द्वारा 40 के.एल.पी.डी. से अधिक क्षमता का इथेनॉल संयंत्र स्थापित किया जाता है, तो उसके द्वारा प्रतिवर्ष अधिक लाइसेंस फीस का भुगतान कारखाने को किया जावेगा। पी.पी.पी. मॉडल के अंतर्गत कारखाने द्वारा लाइसेंस पर केवल भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। संयंत्र की पूरी लागत निवेशक के द्वारा वहन किया जाना है। निवेशक द्वारा राशि 100.00 करोड़ रुपये से अधिक का विनिवेश किया जायेगा। निवेशक के साथ 30 वर्ष का अनुबंध निष्पादन किया जा रहा है। संयंत्र का निर्माण माह दिसम्बर 2021 में पूर्ण कर अगले पेराई सीजन से उत्पादन प्रारंभ करने की योजना है। शक्कर कारखाने से सम्बद्ध इथेनॉल उत्पादन में मूल फीड स्टॉक शीरा अर्थात् मोलासिस होता है। निवेशक को मोलासिस के अतिरिक्त गन्ने के रस एवं अन्य फीड स्टॉक उपयोग की स्वतंत्रता है। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में निवेशक चयन की कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात मॉ महामाया सहकारी शक्कर कारखाना मर्या, केरता, अंबिकापुर में निवेशक चयन की कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है।

ईथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु सहकारिता विभाग नोडल प्रषासनिक विभाग है। समारोह में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, कारखाने के जिले से सम्बद्ध मंत्री मोहम्मद अकबर, अपर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन सुब्रत साहू, विशेष सचिव सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं हिमशिखर गुप्ता, छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी की ओर से प्रबंध संचालक शलभ केडिया, अनुबंध हस्ताक्षरकर्ता अरण्य केडिया अपने अधिकारियों के साथ तथा प्रबंध संचालक, भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना भूपेन्द्र ठाकुर एवं सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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