विपुल कनैया, राजनांदगांव: ककेतरा में 22 अगस्त 2020 को 3 वर्ष की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म एवं हत्या के फैसले पर राजनांदगांव जिला न्यायालय में पाक्सोएक्ट के तहत फ़ासी की सजा सुनाई गई जो छत्तीसगढ के इतिहास में इस एक्ट के तहत प्रथम सजा है।
जीवन दान संस्था के अध्यक्ष महेन्द्र लाल जंघेल ने बताया कि शुरुवात से ही बच्ची के परिजनों एवम ककेतरा के ग्रामीणों के साथ ऐसे जगन्य अपराध हेतू फ्लैग मार्च, विरोध प्रदर्शन करती आई,केस के प्रत्येक पेशी में संस्था के सदस्य परिजनो के साथ हिम्मत बन कर खडे रहे,जिसके 13 माह बाद फैसले के आने से अब संतोष है।
इसी के साथ इस ऐतिहासिक फैसले को उचित ठहराते हुए एवं समाज की जागरूकता हेतु सभी समाजसेवक जन एवम पुलिस विभाग के साथ महावीर चौक में बच्ची के परिजनों के साथ बच्ची की दिव्य आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई तथा 2 मिनट का मोन रखा गया।
श्रद्धांजलि सभा में पुलिस विभाग से सुरेशा चौबे, लोकेश कुमार देवांगन, चेतन, श्रीवास्तव जी, राजनांदगांव नगर निगम महापौर श्रीमती हेमा देशमुख रा.गौ रक्षा वाहिनी प्रदेश अध्यक्ष संतोष टूरहाटे, समाजसेवी अर्चना दास,डॉ साधना तिवारी,सुश्रीमणि भास्कर गुप्ता,नेहा गुप्ता,समस्त पत्रकार गण,आदि वरिष्ठ उपस्थित रहे साथ ही साथ रा.गौ रक्षा वाहिनी के अंशुल कसार,सत्यम जयसवाल,राहुल ताम्रकार शुभम श्रीवास्तव,शुभांशु नाविक एवम जीवनदान संस्था के हरीश भानूशाली,राजा सिंघ, विष्णु देवांगन, शांतिलाल साड़ील आदि उपस्थित रहें।