वाशिंगटन : राष्ट्रपति जो बाइडन एक बार फिर भारतीय मूल की वकील वनिता गुप्ता के समर्थन में उतरे हैं। बाइडन ने कहा, मैंने ‘बहुत ही दक्ष और सम्मानित’ भारतीय मूल की वकील वनिता गुप्ता को न्याय मंत्रालय के लिए नामित किया है। उन्होंने अपना पूरा करियर नस्ली समानता और न्याय की लड़ाई में लगाया है।
बता दें कि यदि 46 वर्षीय गुप्ता के नाम की सीनेट में पुष्टि हो जाती है तो वे न्याय मंत्रालय में एसोसिएट अटॉर्नी जनरल के रूप में तीसरी रैंकिंग पर काम करने वाली पहली अश्वेत महिला अधिकारी होंगी। बाइडन ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर पुलिस अफसर को दोषी करार देने के बाद कहा कि राज्य, स्थानीय व संघीय सरकार तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सजग रहने की जरूरत है। इसीलिए मैंने वनिता को नामित किया है, जो इन सभी निकायों का भरोसा बहाल करने को प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, मैंने न्याय विभाग के लिए दो प्रमुख व्यक्ति – वनिता गुप्ता और क्रिस्टन क्लार्क को भी नामित किया है, जिनके पास प्रशासन की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक अनुभव और कौशल है जो असंवैधानिक पुलिसिंग को जड़ से खत्म करने और हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार करने के लिए है, और वे पुष्टि के योग्य हैं।
पिछले सप्ताह स्थगित हुई सुनवाई…
अमेरिकी सीनेट में वनिता गुप्ता के नाम की पुष्टि पर होने वाली सुनवाई पर मतदान पिछले हफ्ते टाल दिया गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि रिपब्लिकन सांसदों ने उनके नाम का विरोध किया था। विरोध का सबसे बड़ा कारण वनिता गुप्ता द्वारा किए गए वे ट्वीट हैं जिनमें कुछ रिपब्लिकनों की आलोचना की गई थी।