डॉ सत्यजीत साहू ने नई दिल्ली प्रवास मे जलपुरुष राजेंद्र सिंह से गांधी शांति प्रतिष्ठान में मुलाक़ात की . एडवोकेट संतोष ठाकुर और सुरज दुबे समेत छत्तीसगढ़ की टीम के साथ राजेंद्र सिंह ने जल संरक्षण के अपने अभियान के बारे में शरूवाती दिनों से लेकर अभी तक किये गये संघर्षों के बारे में बताया।
जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने बातचीत में कहा कि जल के बिना जीवन और हरियाली की कल्पना नहीं की जा सकती है। जलवायु परिवर्तन में जल का विशेष महत्व है। जल के संवर्धन के लिए सभी को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा।
जल पुरुष रमन मैग्सेसे विजेता तथा वाटर स्टॉकहो नोबेल प्राइज विजेता राजेंद्र सिंह ने डॉ सत्यजीत को बताया कि पांच तरह के प्रयास करने होंगे। पहला, भारत में जल सारक्षता को बढ़ावा देना होगा। शुरू से ही पाठ्यक्रमों में जल संरक्षा को जरूरी विषय के तौर पर शामिल करना होगा। दूसरा, हर स्तर पर जल संरक्षण को अनिवार्य किया जाना चाहिए। अनुशासित होकर जल के उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए। तीसरा, जल, पोखर, तालाब को जानो जैसे विषयों पर वेबिनार किए जाने चाहिए। कोरोना काल में इस तरह के वेबिनार के बेहद सकारात्मक परिणाम मिले। लोगों ने प्रकृति की संरक्षा से जुड़े प्रयास आगे आकर किए। चौथा प्रयास जल के बौद्धिक अभ्यास से ज्यादा व्यावहारिक अभ्यास पर जोर देना होगा। पांचवां प्रयास गांव व शहर में जल संरक्षण की बाध्यता के प्रविधान हों।