टोक्यो: हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती आक्रामक हरकतों को भारत और जापान मिलकर रोकेंगे। दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्री इस महीने के आखिर में टोक्यो में 2+2 स्तर की वार्ता करेंगे। जापान के मीडिया एनएचके की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जापानी विदेश मंत्री मोतेगी तोशिमित्सु और रक्षा मंत्री किशी नोबुयो भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। इससे पहले भारत-जापान विदेश और रक्षा मंत्रियों की वार्ता (2+2) 30 नवंबर, 2019 को नई दिल्ली में हुई थी।
एक और जापानी मीडिया एशिया निक्केई के मुताबिक, यह वार्ता उस वक्त होने जा रही है, जब चीन विवादित पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। हालांकि, जापानी पीएम सुगा योशिहिदे भी इसी सिलसिले में भारत आने की तैयारी में हैं। 2+2 स्तर की इस वार्ता में उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश रक्षा के क्षेत्र में ज्यादा सहयोग को लेकर चर्चा करेंगे। जापान और भारत ने पिछले साल ही एक करार पर दस्तखत किए थे, जिसके मुताबिक दोनों देशों की सेनाएं समुद्र में एक दूसरे को सहयोग करेंगी और भोजन व ईंधन मुहैया कराएंगी। वहीं, जापान टाइम्स ने कहा है कि दोनों देशों के मंत्रियों के बीच एशियाई क्षेत्र में आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत बनाने समेत कई और मुद्दों पर भी बात होगी।
दोनों ही देश मुक्त हिंद प्रशांत के पक्ष में…
एनएचके ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जापानी सरकार भारत को अपना करीबी सहयोगी मानती रही है और दोनों ही देश क्षेत्र में चीन के लगातार बढ़ते दबदबे को देखते हुए मुक्त और खुला हिंद प्रशांत क्षेत्र चाहते हैं। दोनों देशों ने इसके लिए एकजुट प्रतिबद्धता भी जताई है। बीते महीने ही क्वाड देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने अपने पहले सम्मेलन में मुक्त और खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र की पुरजोर वकालत की थी।
चीन का सबसे हैं पंगा…
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज्यादा विवाद हैं। खास तौर पर दक्षिण चीन और पूर्वी चीन सागरों में ड्रैगन का ब्रुनेई, जापान, मलयेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम से विवाद है। चीन इस क्षेत्र के ज्यादातर हिस्सों पर अपना दावा जताता रहा है।