नई दिल्ली : भारत में प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक के पद को महिलाएं सुशोभित कर चुकी हैं। अब भारत को पहली महिला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मिलने की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने जिन नौ जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी है, उसमें तीन महिलाओं के नाम भी शामिल हैं। हालांकि, भारत को पहली महिला जीफ जस्टिस के लिए 2027 तक का इंतजार करना होगा।
नौ जजों की होनी है सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति…
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के नवंबर 2019 में सेवानिवृत्त हो जाने के बाद से कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को नियुक्ति के लिए एक भी नाम की सिफारिश नहीं भेजी थी। न्यायमूर्ति नरीमन के 12 अगस्त को बाहर होने के बाद से सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की जगह खाली थी, लेकिन 18 अगस्त यानी आज न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा भी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद 10 लोगों की जगह सुप्रीम कोर्ट में खाली हो जाएगी।
नौ नाम में तीन महिला जज…
कॉलेजियम की ओर से जो नाम केंद्र सरकार को नियुक्ति के लिए भेजे गए हैं, उसमें कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना का नाम शामिल है, जो पदोन्नत होकर देश की पहली महिला सीजेआई बन सकती हैं। इसके अलावा तेलंगाना हाईकोर्ट की हिमा कोहली व गुजरात हाईकोर्ट की बेला त्रिवेदी के नाम की सिफारिश भी कॉलेजियम ने की। इन तीन महिला जज के अलावा कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस अभय श्रीनिवास, गुजरात के विक्रम नाथ, सिक्किम के जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, केरल के सीटी रविकुमार व एमएम सुंदरेश भी शामिल हैं।
अभी सुप्रीम कोर्ट में है सिर्फ एक महिला जज…
सुप्रीम कोर्ट में हाल-फिलहाल सिर्फ एक महिला जज हैं। इनका नाम है जस्टिस इंदिरा बनर्जी लेकिन, जस्टिस बनर्जी अगले साल 2022 सितंबर में सेवानिवृत्त हो जाएंगी। बता दें अभी तक सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ आठ महिला जजों की ही नियुक्ति हुई है। अगर केंद्र सरकार कॉलेजियम की सभी सिफारिशों को मान लेता है तो सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी। केंद्र सरकार कॉलेजियम की ओर से भेजी गई सिफारिशों को समीक्षा के लिए वापस भेज सकता है, लेकिन अगर कॉलेजियम दोबारा उन नामों की संतुति करता है तो केंद्र सरकार को इसको मानना अनिवार्य होगा।