संयुक्त राष्ट्र : शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अगस्त माह की अध्यक्षता के दौरान भारत ने कई वैश्विक मुद्दों पर ठोस परिणाम हासिल किए। इनमें अफगानिस्तान की जमीन का अन्य देश के खिलाफ आतंक के लिए इस्तेमाल न होने देने का प्रस्ताव पारित होना अहम सफलता रही।
15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में गैर-स्थायी सदस्य के रूप में फिलहाल भारत का दो साल का कार्यकाल चल रहा है, जिसके तहत उसे अगस्त माह के लिए अध्यक्ष पद मिला था। इस सफल अध्यक्षता के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने साथी देशों का आभार जताया।
उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, यूएनएससी के सहयोगियों को उनके जबरदस्त समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं, जिससे हमारी अध्यक्षता सफल हो पाई और कई ठोस नतीजे निकलकर आए।
शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र से करार भी हुआ…
भारत का अपनी अध्यक्षता के दौरान जोर शांति स्थापना पर रहा। उसने शांति को लेकर प्रौद्योगिकी के लिए साझेदारी पर संयुक्त राष्ट्र के साथ एमओयू का भी आदान-प्रदान किया। इस दौरान अफगानिस्तान के अलावा म्यांमार, सीरिया, यमन और मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा पर भी चर्चा हुई।
खासतौर पर अफगान संकट को लेकर तीन सत्र आयोजित हुए और 16 व 27 अगस्त को प्रेस वक्तव्य भी जारी हुए। खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शांतिरक्षा और प्रौद्योगिकी विषय में दो कार्यक्रमों की अध्यक्षता की। अध्यक्षता खत्म होने से ठीक पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के नेतृत्व में यूएनएससी की बैठक में अफगानिस्तान पर प्रस्ताव पारित किया गया।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई शिखर बैठक…
इस दौरान पीएम मोदी की अध्यक्षता में वर्चुअल शिखर बैठक भी हुई। उनकी अध्यक्षता में समुद्री सुरक्षा पर बैठक, शांतिरक्षा, प्रौद्योगिकी और आतंकवाद से मुकाबले पर ध्यान देना अहम बातें रहीं।
कई देशों ने दी बधाई…
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने भारत को सफल अध्यक्षता की बधाई देते हुए कहा, आपके नेतृत्व और लचीलेपन से कई चुनौतीपूर्ण मु्द्दों, खासतौर पर अफगानिस्तान के हालात को लेकर मदद मिली। वहीं, ब्राजील मिशन, यूएई मिशन, स्विट्जरलैंड मिशन, नॉर्वे मिशन और संयुक्त राष्ट्र में कतर के प्रतिनिधि ने भी भारत को सफल अध्यक्षता पर बधाई दी।