सौंदर्यीकरण के नाम पर रायपुर शहर की धरोहर धीरे-धीरे कम होती जा रही अगली पीढ़ी के लिए क्या बचेगा..!

रायपुर। सौंदर्यीकरण के नाम पर सप्रे और दानी गर्ल्स स्कूल के मैदान के इस्तेमाल का मामला शांत नहीं हो रहा है. नगर निगम के फैसले के विरोध में जनता भी खुलकर विरोध में उतर आई है. आम नागरिकों के अलावा कई सामाजिक संगठन भी इस आंदोलन में जुड़े हुए है

धर्मराज महापात्रा ने बताया कि शहर का सबसे ऐतिहासिक मैदान सप्रे स्कूल, दानी स्कूल का मैदान छत्तीसगढ़ की आन बान शान और पहचान है. जिस तरह से सौंदर्यकरण के नाम पर सप्रे स्कूल मैदान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, हम उसके खिलाफ आज सड़कों पर है. बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर यह नए नए प्रयोग और इस प्रयोग के जरिए रायपुर शहर में जो ऐतिहासिक धरोहर है उसके साथ बार-बार अन्याय होता है. पहले भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी, तब चौपाटी के नाम पर बूढ़ा तालाब के अंदर मैदानों को छीनने की कोशिश की गई. आज कांग्रेस भी उसी को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है.

गौतम बंदोपाध्याय ने कहा कि सवाल यह है कि जो शिक्षा स्थान और सार्वजनिक संपत्ति है. उस जमीन को विकास, सौंदर्यीकरण, व्यापारीकरण के नाम पर नगर निगम के द्वारा साजिश रची जा रही है. जनता के हित के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जिसका विरोध करते हैं. यह रायपुर शहर की धरोहर है. सार्वजनिक संपत्ति धीरे-धीरे कम होती जा रही है. अगली पीढ़ी के लिए क्या बचेगा.

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