शंकर पांडे (वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक )
छत्तीसगढ़ में हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव में 2 कांग्रेस विधायकों ने क्रास वोटिंग की है…।कांग्रेस के कुल 71 विधायक हैं पर जसवंत सिन्हा को 69 मत ही मिले हैं।वैसे कॉंग्रेस के लिये यह कोई नई बात नहीं है..? पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा समर्थित प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के पक्ष में भी 2 कॉंग्रेसी विधायकों ने मतदान किया था पर किसी पर भी कार्यवाही नहीं की गईं थीं क्यों…?कांग्रेसी यह बताने में सफल नहीं हो सके हैं कि राष्ट्रपति के चुनाव में उनके किन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। खैर किन कांग्रेसी विधायकों ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की इसका खुलासा तो हो ही नहीं सका और इस बार भी किसने क्रास वोटिंग की इसका भी खुलासा हो सकेगा ऐसा लगता नहीं है…?चूँकि यह चुनाव काफी गोपनीय होता है। भाजपा ने तब भी दावा किया था कि राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की।
2022 चुनाव में
क्रास वोटिंग…
छ्ग में उप चुनावों की जीत के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 71 हो गईं है वहीं भाजपा के 14, जोगी कांग्रेस के 3 तथा बसपा के 2 इस तरह 19 विधायक हैँ। इन गैर कांगेसी विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा समर्थित द्रोपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान किया था तो कांग्रेस ने यशवंत सिन्हा को समर्थन दिया था… पर राष्ट्रपति चुनाव में छ्ग से द्रोपदी मुर्मू को कुल 21 मत मिले हैँ जबकि उन्हें 19मत मिलना था…!इसका मतलब कांग्रेस के 2 विधायकों का मत भी द्रोपदी मुर्मू को मिला है… अब क्रास वोटिंग करने वाले 2कॉंग्रेसी विधायक आदिवासी हैँ या गैर आदिवासी हैं इसका पता नहीं है…?
2017 चुनाव में भी
हुई थी क्रास वोटिंग….
पिछले 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में
छत्तीसगढ़ से राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को 52 और मीराकुमार को 35 विधायकों के मत मिले। छग विधानसभा में भाजपा के 49 विधायक तब थे , निर्दलीय (बागी भाजपा) विधायक विमल चोपड़ा का समर्थन मिलने से यह संख्या 50 हो गई थीं । इसके बाद भी 2 अन्य विधायकों का मत कोविंद के पक्ष में गया? राजनीतिक क्षेत्र में 2 विधायकों के क्रॉस वोटिंग को लेकर जमकर चर्चा रही थी। कांग्रेस के विधायकों की संख्या 39 थीं , एक विधायक बसपा का था।बसपा ने तो मीराकुमार को समर्थन देने की राष्ट्रीयस्तर पर ही घोषणा कर दी थी इस हिसाब से राष्ट्रपति उम्मीदवार मीराकुमार को छग से 40 विधायकों का मत मिलना था। कांग्रेस से अलग होकर अमित जोगी, आर के राय तथा सियाराम कौशिक ने भी मीराकुमार को समर्थन की बात की थी।
चलो इन तीन विधायकों को भी अलग माने तो भी 36 कांग्रेसी विधायकों का मत तो मीरा कुमार को मिलना ही था पर मत मिले सिर्फ 35….? तब जोगी कांग्रेस के तीनों विधायकों ने मीराकुमार के पक्ष में मतदान किया है ऐसा कहा था ऐसे में कांग्रेसी विधायक की पार्टी के प्रति निष्ठा पर सवाल खड़े हो रहे थे । एक कांग्रेसी नेता ने तो रेणु जोगी पर ही क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाकर उन्हें उपनेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने तक की मांग कर डाली है। खैर भाजपा उत्साहित थीं और कांग्रेसी एक-दूसरे को शक की निगाह से देख रहे थे ।