बिप्लब् कुण्डू,पाखंजुर : परलकोट क्षेत्र में बीएसएनएल की इकलौता नेटवर्क व्यवस्था जो महीना के 30 दिन में लगभग 20 दिन ही बंद रहता है। भोले भाले जनताओं से कम्पनी रिचार्ज तो करवा लेता है लेकिन सेवाओ के नाम पर अदृश्य हो जाते है। लोगो का कहना है कि बीएसएनएल नेटवर्क जब से लगा है तब से कभी भी ठीक से संचालित नही हुआ।
उपोभोक्ताओ का पैसा बर्बाद हो रहा…
प्रत्येक दिन नेटवतक बंद हो जाना और एकबार नेटवर्क बंद होने के पश्चात कम से कम 24 से 48 घंटे बाद में चालू होने क्षेत्रो के लिए आम बात हो गयी है। इस विषय मे लोगो ने कई बार बीएसएनएल के उच्च अधिकारियों को जानकारी दिया, धरना प्रदर्शन किया, ज्ञापन दिया लेकिन बीएसएनएल के अधिकारी कर्मचारियो का इस ओर किसी भी प्रकार की कोई ठोस कदम उठाते नही देखा। लोगो का कहना है कि बीएसएनएल के अधिकारियों के लापरवाहि और गैर जिम्मेदाराना रवैया के कारण उपोभोक्ताओ का पैसा बर्बाद हो रहा है।
टेलीफोन है लाइन भी चालू है लेकिन ना तो फोन आता है ना ही लगता है..?
उपोभोक्ता प्रत्येक माह कंपनी के नियमानुसार सिम कार्ड को रिचार्ज करवाते है किंतु किया गया रेचटगे का 30 प्रतिशत भी उपयोग नही कर पाते है, वजह है ज्यादातर नेटवर्क का बंद होना। बीएसएनएल की लाइफ लाइन सेवा तो मानो बन्द ही हो गया। उपोभोक्ताओ का कहना है कि टेलीफोन है लाइन भी चालू है लेकिन टेलीफोन में न फ़ोन आता है और न ही फोन कर पाते है। सिम कार्ड में रिचार्ज करते है लेकिन नेटवीरक न रहने से न कॉल कर पाते है और न ही मोबाइल में इंटरनेट चला पाते है। ब्रॉडबैंड उपोभोक्ताओ का कहना है कि प्रत्येक महीने सिर्फ बिल का पैसा ही जमा करते है किंतु सेवा का लाभ सिर्फ 15 दिन ही ले पाते है।
एक ही जवाब आता है कि केबल कटा है टाइम लगेगा…
उपोभोक्ताओ के द्वारा किया गया अग्रिम बिल पेमेंट जो कि विभिन्न माध्यमो से होती है उसकी लगभग 50 से 60 प्रतिशत बिल्कुल विफल हो जाती है। कांकेर मुख्यालय से दूरी होने के कारण भानुप्रतापपुर में एसडीओटी का नियुक्ति एवं कार्यालय बनाया गया किन्तु जब उपोभोक्ताओ के द्वारा शिकायत किया जाता है तो वह कार्यालय के अधिकारियो द्वारा सिर्फ जांच कर ठीक कर देने का आश्वसन ही दिया जाता है। आजकल प्रत्येक दिन लगभग इंटरनेट एवं नेटवर्क सेवाएं बन्द हो जाता है और लगभग 24 से 48 घंटे के बाद चालू होता है। इस विषय पर पूछने से एक ही जवाब आता है कि केबल कटा है और ठीक करने में थोड़ा टाइम लगेगा।
आजकल समस्त कार्य लगभग ऑनलाइन हो जाने से लोगो का इंटेरनेट पर नोरभर ज्यादा रहना पड़ता है किंतु बीएसएनएल की लाचर सेवाओ के कारण समस्त क्षेत्रवासी परेशान रहते है जिसका सूद लेने वाला भी कोई नही है। दरअसल किसी भी नेटवर्क की केबल जब जमीन के अंदर से बिछाया जाता है तब कम से कम एक मीटर जमीन के नीचे से होना नियम के तहत होती है किंतु बीएसएनएल के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ज्यादातर केबल तार जमीन के ऊपर या फिर जमीन के सतह पर ही बिछा हुआ है जो बीएसएनएल भानुप्रतापपुर क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों का गैरजिम्मेदारी दर्शाता है। उपोभोक्ताओ का कहना है कि अब बीएसएनएल के खिलाफ उग्र आंदोलन करना होगा और शासन प्रशासन को जानकारी दे कर एवं इनकी मदद से जिम्मेदार अधिकारि कर्मचारियो पर कार्यवाही करवाने की मांग भी करेंगे।
जिओ का 3 वर्षों से कार्य चल रहा है टॉवर लग भी चुका है नेटवर्क को चालू न करने से लोगो मे निराशा…
इस प्रकार बीएसएनएल उपोभोक्ताओ का मेहनत की पैसा को लूट नही सकता इसका हिसाब तो देना ही होगा। क्षेत्र में विगत लगभग 3 वर्षों से जीओ नेटवर्क का कार्य चल रहा है वह प्रत्येक गांव जहा आबंटित हुआ है जिओ का टॉवर लग भी चुका है किंतु अब तक सभी नेटवर्क को चालू न करने से लोगो मे निराशा छाया हुआ है।
जिओ नेटवर्क बर्तमान में चल रहा है क्षेत्र में वह बीएसएनएल के साथ संबंध कर बीएसएनएल केबल से ही चला रहे है किंतु प्रत्येक दिन बीएसएनएल बन्द हो जाने से जिओ नेटवर्क भी बंद हो जाता है जिससे जिओ का फायदा भी उपोभोक्ता नही उठा पा रहे है।
बीएसएनएल की सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये है कि इनके पास उपरोक्त पॉवर बैकअप तक नही है जब भी बिजली बंद हो जाती है तब नेटवर्क भी बंद हो जाती है। इस प्रकार की असुविधा से जूझ रहे कापसी, पखांजुर एवं बांदे के उपोभोक्ता सबसे ज्यादा प्रभावित है जबकि क्षेत्रो में मुख्य कंट्रोल आफिस पखांजुर होने के वावजूद भी यह नेटवर्क और इंटरनेट की सुविधा ठप है। बीएसएनएल की इतनी लाचार सेवाएं परलकोट में दे रहे है कि अगर उपोभोक्ता नया लैंडलाइन कनेक्शन लगाना चाहे तो बीएसएनएल के अधिकारियों का कहना है कि पोर्ट खाली नही है और कनेक्ट नही दे सकते। इस प्रकार की लाचार और गैरजिम्मेदाराना सेवाओ से परेशान उपोभोक्तागन अब अगर सेवाएं ठीक न हुआ तो उग्र आंदोलन करने की बात कह रही है।