रायपुर: हर साल सैकड़ों लोग घर से बिना बताए लापता हो जाते हैं। अज्ञात शव की शिनाख्त और लापता लोगों को तलाशना आसान नहीं है। ऐसे में कई मामलों की तफ्तीश बीच में ही रुक जाती है। अज्ञात शवों की शिनाख्त नहीं होने से खुदकुशी, हादसे या हत्या जैसे मामलों का राजफाश नहीं हो पाता था, लेकिन क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) योजना की ऑनलाइन सर्च माड्यूल ने पुलिस की तफ्तीश की राह आसान कर दी है।
जो लोग गुम हैं या जिनका शव अज्ञात हो। सर्च माड्यूल में क्लिक करते ही पूरा डाटा सामने
दरअसल, रायपुर समेत हर जिले से लापता हो चुके लोगों और अज्ञात शवों की छानबीन के लिए सीसीटीएनएस योजना शुरू की है। इसके तहत उन लोगों का डाटा सर्च माड्यूल में उपलब्ध होगा, जो लोग गुम हैं या जिनका शव अज्ञात हो। सर्च माड्यूल में क्लिक करते ही पूरा डाटा सामने आ जाता है।
सड्डू नाले में अज्ञात युवक की लाश…
विधानसभा पुलिस थाना प्रभारी बृजेश तिवारी ने बताया कि पिछले दिनों विधानसभा पुलिस ने सड्डू नाले में अज्ञात युवक की लाश मिलने की जानकारी सीसीटीएनएस पर अपलोड की थी। माना पुलिस थाने के कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार निषाद ने विधानसभा थाना के सीसीटीएनएस ऑपरेटर आरक्षक दुष्यंत बांधे से सड्डू नाले में मिले युवक के शव और गुम इंसानों के हुलियों की जानकारी लेकर बहुत बारिकी से मिलान किया।
युवक के शव के दाहिने हाथ में मां एवं दाहिने भुजा में अंग्रेजी का “के” अक्षर लिखा हुआ था। इसी के आधार पर देवेंद्र नगर पुलिस थाने में 11 फरवरी को गुमशुदा हुए कुबेर साहू उर्फ गुड्डू के हाथ पर बने टैटू और हाथ पर मिले टैटू का मिलान कर उसकी शिनाख्त एक हफ्ते के भीतर कर ली।
बारीकी से जांच करने पर साफ हुआ कि देवेंद्र नगर थाना में 11 फरवरी को जागृति नगर निवासी कुबेर साहू के लापता होने का एक केस दर्ज हुआ था। लिहाजा कुबेर की पहचान होने पर पुलिस की बीच में रुकी तफ्तीश अब फिर से शुरू हो गई है।
सीसीटीएनएस के सर्च माड्यूल से अज्ञात शवों की शिनाख्त करना अब आसान
पुलिस थानों के विवेचकों का कहना है कि सीसीटीएनएस के सर्च माड्यूल से अज्ञात शवों की शिनाख्त करना अब आसान हो गया है। इसका लाभ उठाकर आने वाले दनों में कई अनसुलझे मामले सुलझने की संभावना है। हालांकि, ऑनलाइन सर्च माड्यूल से अभी तक केवल कुबेर साहू के शव की शिनाख्त ही हो पाई है।
सीसीटीएनएस के सर्च माड्यूल में अज्ञात शव और लापता लोगों की जानकारी अपलोड होने से जांच करने में आसानी होगी। यह सिस्टम बेहद उपयोगी साबित हो रहा है।