नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने अमेरिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़े जाने पर खेद व्यक्त किया। इसके अलावा उन्होंने फिर दोहराया कि 22 जनवरी को किसानों को दिया गया सरकारी प्रस्ताव अभी भी वही है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का समाधान बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के हवाले से सभी दलों के नेताओं को कृषि कानूनों पर सरकार के रुख की जानकारी दी।



सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से जो कहा, उसे हम दोहराना चाहते हैं। हमने कहा कि हम आम सहमति तक नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन हम आपको प्रस्ताव दे रहे हैं और आप (किसान) विमर्श कर सकते हैं। मैं सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हूं। सरकार का प्रस्ताव अब भी वही है। कृपया इसे अपने अनुयायियों तक पहुंचाएं। इसका समाधान बातचीत के जरिए ही निकलेगा। हम सभी को राष्ट्र के बारे में सोचना होगा।’
बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत और शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भांडेर ने किसान आंदोलन पर बात की जबकि जनता दल यूनाइटेड के सांसद आरसीपी सिंह ने कानूनों का समर्थन किया।
सत्र की शुरुआत के बाद हुई बैठक
इस बार सत्र की शुरुआत के बाद सर्वदलीय बैठक हुई। जबकि प्रथा अनुसार, सत्र शुरू होने से पहले यह बैठक की जाती है। आमतौर पर इस तरह की सर्वदलीय बैठक दोनों सदनों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए संसद के सत्र की शुरुआत से पहले की जाती है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शुक्रवार को सदन के फ्लोर लीडर्स (सत्ता और विपक्ष के नेता) के साथ बैठक की थी। इसमें भाग लेने वाले नेताओं से उन्होंने कहा था कि लोकसभा में सभी दलों के नेताओं से सदन की गरिमा का सम्मान करने का अनुरोध किया जाता है और कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए उनका सहयोग भी मांगा गया है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण का हुआ था बहिष्कार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दलों ने शुक्रवार को बहिष्कार किया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि सरकार को किसानों के आंदोलन का समाधान ढूंढ़ना चाहिए।