शेख इमरान, गरियाबंद। जिले के नगर पंचायत फिंगेश्वर स्थित सूखा नदी में लम्बे समय से ट्रैक्टर चालकों द्वारा लगातार अवैध रेत व मिट्टी उत्खनन कर धड़ल्ले से परिवहन किया जा रहा है। जिससे अब नदी किनारे अंतिम संस्कार कर दफ़न किये गए शवों का मानव कंकाल बाहर निकल रहे है। सतनामी समाज के गरियाबंद जिला अध्यक्ष दूजलाल बंजारे और राजश्री ठण्डन फिंगेश्वर सतनामी समाज के अध्यक्ष सहित आशाराम गृतलहरें ने बताया कि यह स्थल उनके समाज का मुक्तिधाम है लेकिन यहां से अवैध रेत व मिट्टी ट्रैक्टर चालक निकाल रहे है जिससे अंतिम संस्कार कर दफ़नाए हमारे पूर्वजों की कंकाल बाहर निकल रहे है। जिसको लेकर समाज के लोग अवैध खनन करने वालो पर आक्रोश व्याप्त करते हुए प्रशासन से तत्काल कार्यवाही की मांग करते हुए यहां अवैध रेत व मिट्टी खनन को बंद करवाने की मांग कर रहे है।
*सुबह शाम धड़ल्ले से चल रहा खनन!*
फिंगेश्वर के सूखा नदी में सुबह 5 बजे से शाम 5-6 बजे तक अवैध रेत निकालने कई ट्रैक्टर लग लाते है और नदी से रेत और नदी के किनारे से मिट्टी निकालते है, खनन इतना ज्यादा हो चुका है कि कई सालो से अंतिम संस्कार के तहत दफ़नाए शवों का अवशेष क्षतविक्षत हालात में बाहर निकल रहे है। इतना ही नही बल्की रेत के साथ नदी के तटों से लगे मिट्टी का कटाव भी लगातार हो रहा इस तरह के खनन से। अब तो मुक्तिधाम के स्थान को भी नही छोड़ा जा रहा है नतीजा रेत व मिट्टी के साथ अब मानव कंकाल भी बाहर निकल रहे है।
*और भी निकल चुके है कंकाल*
यह पहला मामला नही है जहां मानव कंकाल निकला है इससे पहले भी इस तरह के कंकाल निकला चुके है। बावजूद रेत व मिट्टी उत्खनन कर परिवहन करने वाले लोग बाज नही आ रहे है। और अपनी मानवता भी शायद भूल गए है। वही प्रशासन भी इन पर अंकुश लगाने में नकाम है। मामले को लेकर अब सतनामी समाज के लोग काफी आक्रोशित है और रेत व मिट्टी परिवहन करने वालो पर कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे है।