शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
राज्यों की सरकारों को अयोग्य ठहराकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 साल से उपर के सभी लोगों को केंद्र की तरफ से नि:शुल्क कोरोना वैक्सीन लगाने की घोषणा कर ही दी वैसे भी 45 साल से उपर के लोगों को तो केंद्र सरकार मुफ्त वैक्सीन दे ही रही थी। असल में बिना किसी तैयारी के राज्यों को अलग दर पर वैक्सीन देने सहित वैक्सीन की उपलब्धता केंद्र द्वारा अपने पास रखने का वैसे भी विरोध हो रहा है। वैक्सीन निर्माता कंपनियां भी राज्यों की जगह सीधे केंद्र से बात कर वैक्सीन उपलब्ध कराने की बात कर रही थी, कई राज्यों में इसी के चलते वैक्सीन की सुलभता नहीं होने के कारण वैक्सीनेशन प्रभावित हो रहा था…..? विपक्ष ही नहीं भाजपा शासित राज्यों ने भी केंद्र से वैक्सीनेशन अपने हाथ में लेने तथा मुफ्त में सुलभ कराने की पुरजोर मांग की गई थी। जो भी हो राज्यों का दबाव हो या सर्वोच्च न्यायालय की टीका-टिप्पणी हो मोदी सरकार ने मुफ्त वैक्सीनेशन का निर्णय ले लिया है पर वैक्सीन की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती तो है ही….
पीएम केयर फंड ने कोरोना की पहली लहर के समय मई 2020 में ही कोरोना बचाव के लिए 3100 करोड़ की घोषणा की थी जिसमें 2 हजार करोड़ आक्सीजन वैँटिलेटरपर,1 हजार करोड़ उन मजदूरों को उनके मूल निवास पहुंचाने संसाधनों के लिए दिये थे। वहीं मात्र 100 करोड़ रुपये वैक्सीनेशन के लिए दिये थे। जबकि उस समय अमेरिका जैसे बड़े राष्ट्रों ने वैक्सीनेशन के लिए बड़ी रकम अग्रिम में दे दी थी, वैसे अभी तक की स्थिति में भारत में 6 माह के भीतर 24 करोड़ वैक्सीन के डोज जनता को लगाये जा चुके हैं इसमें भी केवल 3 करोड़ लोग कोविशील्ड या कोवैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं। अब सवाल उठना लाजिमी है कि 140 करोड़ लोगों को दोनों डोज लगाने में कितने माह- कितने साल लग, जाएँगे…,? सवाल यह भी उठ रहा है कि वैक्सीन की उपलब्धता भारत के सभी राज्यों में करना भी बड़ी चुनौती है, हालांकि वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने अधिकाधिक उपलब्धता का आश्वासन भी दिया है वहीं कुछ अन्य देशों सहित कंपनियों की वैक्सीन भी भारत में सुलभ होने से बड़ी उम्मीद बढ़ी है…।
80 करोड़ गरीब….?
भारत में आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी सहित अन्य प्रधानमंत्रियों ने देश में गरीबी हटाने कुछ नहीं किया….., गरीबी हटाने की जगह गरीब हटा दिये गये…. यह आरोप भाजपायी पानी पी-पी कर लगा रहे हैं, प्रधानमंत्री अटलजी के कार्यकाल को भी विस्मृत सा करने वाले मोदी भक्त बस मोदी शासन के 7 साल की तारीफ करने में लगे रहते हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की है कि देश की 80 करोड़ आबादी को मुफ्त अनाज दीपावली तक यानि नवंबर माह तक देंगे यानि देश की लगभग 140 करोड़ की कुल आबादी में 80 करोड़ अभी भी गरीब हैं क्योंकि उन्हें केंद्र मुफ्त अनाज नहीं देगी तो वे भूखे मरने की हालत में आ जाएंगे…..तो सवाल तो उठता है कि 7 साल में गरीबी हटाने मोदी सरकार ने क्या किया…? आधार कार्ड को बैंक से जोडऩे, मुफ्त गैस सिलेंडर, जीएसटी की एक रुपता , मुफ्त मकान, नोटबंदी, कश्मीर की स्वायत्तता, राम मंदिर के निर्माण से पेट की भूख तो नहीं मिटती है साहब……, कहां गया प्रति वर्ष 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा….? अजीत प्रेमजी यूनिवर्सिटी बैंगलूर की स्टडी के अनुसार कोरोना अवधि 1 मार्च से 30 अप्रैल 2021 तक करीब 23 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे खिसक गये हैं तो कोरोना महामारी के चलते मार्च 21 में भारत में बेरोजगारी की दर 6.5 फीसदी है, कोरोना के कारण सीएमआई ने तालाबंदी के कारण 27 फीसदी बेरोजगारी के आंकड़े दिये थे पर दूसरी संस्थाओं के आंकड़े 50 से 60 प्रतिशत बेरोजगारी दिखा रहे हैं। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनामी की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 20 में ही देश के 20 से 30 वर्ष की आयु के 2.7 करोड़ युवाओं की नौकरी चली गई, लॉकडाउन के बाद तो स्थिति बिगड़ी ही है। दुकानें, कारखाने , बाजार, रेस्टरां, होटल, पर्यटन उद्योग की हालात पहले के लाकडाऊन से बिगड़े हैं तो अभी भी खास सुधरे नहीं है, जब प्रधानमंत्री ही 80 करोड़ को मुफ्त अनाज देने की बात कर रहे हैं तो भारत कीआर्थिक हालात साफ दिखाई दे रही है।
प्रशासनिक सर्जरी और….
छत्तीसगढ़ में हाल ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हुई है जिसमें कुछ कलेक्टरों को हटाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है तो कुछ आईएएस अफसरों को कलेक्टर भी बनाया गया है।
राजधानी रायपुर के कलेक्टर भारती दासन (आईएएस 2006 बैच) को विशेष सचिव मुख्यमंत्री के साथ जनसंपर्क विभाग के आयुक्त तथा संचालक जनसंपर्क की जिम्मेदारी दी गई है तो वहां पदस्थ तारण प्रकाश सिन्हा को कलेक्टर राजनांदगांव बनाया गया है। रायपुर के कलेक्टर के पद पर 2009 बैच के सौरभ कुमार को पदस्थ किया गया है। सौरभ अभी नगर निगम रायपुर के आयुक्त थे तथा दंतेवाड़ा के भी कलेक्टर रह चुके हैं। वहीं 2005 बैच के राजनांदगांव के कलेक्टर रहे टीपी वर्मा को खाद्य विभाग के साथ ट्रांसपोर्ट की भी जिम्मेदारी दी गई है। वैसे वर्मा की एक राजनेता से बड़ी निकट की रिश्तेदारी है। वहीं कोरबा की कलेक्टर रही किरण कौशल को मार्कफेड का एमडी बनाया गया है। तो 2010 बैच की रानू साहू को कलेक्टर कोरबा बनाया गया है, 2011 बैच के जितेंद्र शुक्ला को जांजगीर का कलेक्टर बनाया गया। 2013 बैच के इंद्रजीत चंद्रपाल को बलरामपुर तथा इसी बैच के अजीत बंसल को मुंगेली का कलेक्टर बनाया गया है। वहीं 2015 बैच के प्रभात मलिक को नगर निगम रायपुर का आयुक्त बनाया गया है।
पति हटा, पत्नी कलेक्टर….
धमतरी में जयप्रकाश मोर्य (2010 बैच) कलेक्टर थे तो उनकी पत्नी रानू साहू पर्यटन की एमडी थी। इस प्रशासनिक फेरबदल को जय प्रकाश मोर्य को धमतरी कलेक्टर के पद से हटाकर डायरेक्टर खनिज तथा टाऊन एण्ड कंट्री बनाया गया है यह काफी महत्वपूर्ण पद होता है वहीं रानू साहू (2010 बैच) को कोरबा का कलेक्टर बनाया गया है। कोरबा ऐसा जिला रहा जहां महिला कलेक्टर किरण कौशल को हटाकर वहां महिला रानू साहू को ही पदस्थ किया गया है।
जीजा, साला दोनों कलेक्टर
छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग के आयुक्त तथा संचालक रहे 2012 बैच के आईएएस तारण प्रकाश सिन्हा को कलेक्टर राजनांदगांव बनाया गया है वहीं उनके साले वैभव श्रीवास्तव (2009 बैच) तो उप्र के रायबरेली जैसे महत्वपूर्ण जिले के कलेक्टर हैँ lवैभव पहले पीलीभीत, मऊ तथा अम्बेडकर नगर के भी कलेक्टर रह चुके हैं। वहीं तारण सिन्हा ने पीएससी से प्रशासनिक सेवा में प्रवेश किया था। वे रायगढ़, दुर्ग, रायपुर जिले में एसडीएम, नगर निगम रायपुर में आयुक्त, जांजगीर जिले में जिला पंचायत के सीईओ तो रह चुके हैं वहीं संचालक संस्कृति, पंचायत के साथ ही मुख्य सचिव के सचिव, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव, आयुक्त तथा संचालक जनसंपर्क की भी जिम्मेदारी ढाई साल सम्हाल चुके हैं। जिस दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपना कार्यभार सम्हाला था उसी दिन पहला आदेश संचालक जनसंपर्क तारण प्रकाश सिन्हा का निकाला था। उन्हें काम करने वाला अधिकारी माना जाता है। पत्रकारों की सम्मान निधि 5 से बढ़ाकर 10 हजार करने, ब्लाक स्तर पर पत्रकार अधिमान्यता, इलाज की राशि 50 हजार से 2 लाख करने, कोरोना में मृत पत्रकारों के परिजनों को 5 लाख की सहायता राशि आदि देने के राज्य सरकार के निर्णय में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।
और अब बस….
0पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 100पार कर लिये हैँ, मप्र के बालाघाट में 106:25 ₹लीटर पेट्रोल बिक रहा है l
0 कुछ विधायकों के दिल्ली में होने की खबर की चर्चा जमकर है।
0 छत्तीसगढ़ के 2 पुलिस अधीक्षक एक जिले विशेष में पदस्थ होने दबाव बनाने की खबर है।
0 पुलिस अधीक्षकों की तबादला सूची क्यों अटक गई है…?
0 डीआईजी ओमप्रकाश पॉल को जनवरी 2021 में आईजी बन जाना था, वहीं 3 एसपी को डीआईजी पदोन्नत होना है पर देर क्यों हो रही है।
0 एक एडीजी पदोन्नति के बाद सरकारी अफसरों, कर्मचारियों की आर्थिक हालात पर निगाह रखने वाले हैं।