शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल भाजपा में क्षेत्रीय,जातिगत समीकरण को प्राथमिकता दी जा रही है,सीएम विष्णु देव साय आदिवासी वर्ग के हैं,सरगुजा क्षेत्र से हैं तो विस अध्यक्ष डॉ रमन सिंह सामान्य वर्ग से तथा दुर्ग संभाग से हैं,प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव सामान्य वर्ग से हैं, बस्तर संभाग का नेतृत्व करते हैं,एक डिप्टी सीएम विजय शर्मा ब्राह्मण हैं दूसरे डिप्टी सीएम अरुण साव बिलासपुर संभाग से हैं और पिछड़ा वर्ग का प्रति निधित्व करते हैं। किरण सिंहदेव का मंत्री बनना तय था पर उन्हें जातिगत समी करण, राजनीतिक उठा पटक के चलते ही पुन:पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है।छात्र राजनीति,संगठन के बाद जगदलपुर के महापौर हो कर विधायक बनने का सफऱ किरण तय कर चुके हैं,लोस चुनाव में अच्छी सफलता के बाद निकाय चुनावों में भी भाजपा को अच्छी सफलता मिलती है तो किरणकी सँगठनात्मक पकड़ और भी मजबूत हो जाएगी यह तय है। अब हरियाणा फार्मूले की मानें तो 3 मंत्री बन सकते हैँ! वहीँ एक साल से विधान सभा उपाध्यक्ष का भी पद रिक्त है। अब लगता है कि विधानसभा सत्र के बाद अप्रेल में ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकेगा…?
कहां सुनील कुमार और
कहाँ विवेक ढांड…..!
छत्तीसगढ़ में अभी तक के बने मुख्यसचिवों में सुनील कुमार की ईमानदारी, कार्य प्रणाली की चर्चा होती है वहीँ उनके स्थान पर सीएस बने विवेक ढांड अब शराब घोटाले में चर्चा में है,उनके आवास पर पहले भी आय कर का छापा पड चुका है, अब तो ईडी शराब घोटाला का सरगना बता रही है।वैसे विवेक को विरासत में ही अच्छी खासी जमीन,जाय दाद मिली है, शहर जमीनोँ को व्यवसायिक में बदलने से वैसे भी उनकी क़ीमतों में इजाफा हो गया है, आईए एस की नौकरी में इतनी तो आय हो ही गई होगी कि बुढ़ापा अच्छे से कट जाता फिर यह सब करने की क्या जरुरत थी!छ्ग राज्य बना, अजीत जोगी सीएम बने तो विवेक ढांड महत्वपूर्ण पदों पर रहे वे अविभाजित मप्र में अजीत जोगी के साले रत्नेश सालोमन ज़ब फूड मिनिस्टर थे और विवेक ढांड थे फूड डायरेक्टर.. वह सम्बन्ध काम आया, फिर छ्ग में डॉ रमनसिंह की सरकार बनी विवेक ढांड, सीएम के सचिव बने…बाद में उन्हें सीएम की नाराजगी के चलते हटाया गया…बाद में वें छ्ग के मुख्य सचिव भी बने…डॉ रमनसिँह के तीसरे कार्यकाल में शराब ठेकेदारों की जगह ‘सरकार शराब बेचेगी’ यह नीति बंनाने में विवेक ढांड की महत्वपूर्ण भूमिका रही, बतौर सीएस एक बड़े शराब ठेकेदार के परिजन के विवाह में 2/3 दिन दिल्ली में रहे यह भी उस समय चर्चा में रहा…?डॉ रमन के कार्यकाल में ही उन्हें ‘रेरा’ का अध्यक्ष बनाया गया तब वे काफ़ी पावरफूल रहे,बाद में भूपेश बघेल की सरकार बनी तो भी बिना किसी पद पर रहे पर एक तरह से सरकार के अघोषित सलाहकार भी रहे,आईएएस अफसरों की तैनाती में उनकी सलाह ली जाती थीज़ब भूपेश,साइंस कॉलेज में पढ़ते थे तब ढांड भी वहीँ सीनियर थे। बस इसी के चलते भूपेश सर कार में भारी पड़ने लगे.. उनके प्रिय अफसरों में अनिल टुटेजा,अमरमणि त्रिपाठी आदि भी थे,संचार सेवा के अधिकारी त्रिपाठी तो शराब विभाग में डॉरमन के समय मजबूत रहे और भूपेश की सरकार में भी पदस्थ रहे !नकली-असली शराब की सरकारी दुकानों से अवैध बिक्री कर करीब 2 हजार करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया,ईडी का कहना है कि छ्ग शराब घोटाला के सरगना थेविवेक ढांड..1981 बैच के आईए एस रहे विवेक ढांड छ्ग के मूल निवासी हैं,1मार्च 20 14 को मुख्य सचिव बने थे, लम्बे समय तक उनके सीएस रहने का रिकार्ड हाल ही में सीएस अभिताभ जैन ने तोड़ा है।बाद में वें रेरा के अध्यक्ष रहे,फिर भूपेश सरकार में उन्हें ‘नवा चार आयोग’ का अध्यक्ष बनाया गया था पर विष्णु देव की सरकार बनने के बाद बर्खास्तगी की आशंका के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। वैसे मुख्य सचिव सुनिल कुमार के रिटायर होने पर ढांड ने उनका का स्थान लिया था।
आईजी अमरेश के
सितारे हैं बुलंदी पर….
छत्तीसगढ़ में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही की है। रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देश पर 40 अलग अलग जगह से 62 लोगों को राजस्थान, ओड़िसा,रायपुर,बिलासपुर, राजनांदगाव, महासमुंद से गिरफ्तार किया है।इनमें 3 नाइजीरिया के लोग भी शामिल हैं।गिरफ्तार आरो पियों के खिलाफ 1435 रिपोर्ट देश के कई राज्यों में दर्ज है, जिसमें आरोपियों ने 84 करोड़ 88 लाख ₹ की ठगी की है,उनके खातों में ठगी की रकम 2करोड़ ₹ को होल्ड कराया गया है। अमरेश मिश्रा के सितारे बुलंदी पर हैं, हाल ही में उनके नेतृत्व में गरियाबंद क्षेत्र में नक्सलियों के बड़े लीडरों को मुठभेड़ में मारने में सफलता मिली हैं वहीँ कुछ आर्थिक अपराधोँ पर भी कड़ी कार्यवाही करनेका श्रेय भी इनको ही जाता है। यहां यह भी बताना जरुरी है कि रायपुर आईजी के साथ ही एसीबी/ईओडब्ल्यू के निदेशक भी हैं अमरेश मिश्रा।
चलपति के बाद अब
हिड़मा निशाने पर ……
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में 19 नक्सलियों को मारने की खबर है। सभी के शव और हथियार मिल चुके हैं।इसमें 1करोड़ का इनामी जयराम उर्फ चलपति भी मारा गया है।मामला मैनपुर थाने के इलाके का है।अब हिडमा निशाने पर है!बस्तर में आतंक का पर्याय खूंखार माड़वी हिड़मा को संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ पोडियाम भीमा जैसे कई और नामों से जाना जाता है,सुकमा उसका गढ़ माना जाता है। यहां पर होने वाली सभी नक्सल गतिविधियों पर उसका नियंत्रण रहता है। 1990 में नक्सलियों के संगठन से जुड़ा था । कई साल से सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी है। छग में कई नक्सली हमलों को अंजाम देने वाले दुर्दांत नक्सली का जन्म सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में हुआ था। गांव दुर्गम पहाड़ियों, घने जंगलों के बीच स्थित है, सामान्य कद-काठी वाले हिडमा का नक्सली संगठन में बड़ा नाम है।उसके नेतृत्व काबिलियत के बल पर ही 13 साल की उम्र में टॉप सेंट्रल कमेटी का सदस्य बना दिया गया। 2010 में ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76जवानों की शहादत में हिड़मा का नाम सामने आया था।20 13 के झीरम हमले में भी हिडमा की भूमिका थी। फिलीपींस में गोरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग ली है।हिडमा पर लाखों का लाख का इनाम है,एके 47 लेकर चलनेवाले हिडमा केपास 250/300 लडाकोँ का जत्था पहले रहता था। 20 साल पुरानी ब्लेक एंड व्हाइट फोटो ही सुरक्षाबल के पास उपलब्ध है।
और अब बस…….
0डीजीपी अशोक जुनेजा और सीएस अभिताभ जैन की सेवावृद्धि की चर्चा तेज है …!
0 रायपुर जिला भाजपा के पूर्व एमएलए अपनी पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष, भतीजे को नगर पालिका अध्यक्ष की टिकट दिलाने प्रयत्नशील हैं।
0रायपुर पुलिस शहर कप्तान पद पर तारकेश्वर पटेल की पुन:वापसी….