मै अपने आप को सुलझा रहा हूँ…… तुम्हें लेकर कोई उलझन नहीं है……

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार)       

नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई हुई है,नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में 27 नक्सलियों को मार गिराया है,सबसे बड़ी बात यह है कि इन नक्सलियों में देश के विभिन्न प्रदेशों में 10 करोड़(छ्ग में डेढ़ करोड़) का इनामी नक्सली कमांडर बसवा राजू भी शामिल है, जो छग में लाल आतंक पर बड़ी चोट मानी जा रही है। क्योंकि बसवा राजू वो नाम था,जो छत्तीसगढ़ से तेलं गाना तक नक्सली संगठन को ऑपरेट करता था, वह कई वारदातों में शामिल रहा है।ऐसे में उसका ढेर होना नक्सल संगठन को सबसे बड़ी चोट माना जा रहा है।केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके खुद बसवा राजू के ढेर होने की बात कही है।उन्होंने सुरक्षाबलों के ऑपरेशन की सराहना की।छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले अबूझ माड़ में को सुरक्षा बलों – नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को सफलता मिली है।27 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया,सबसे खास बात यह रही कि इसमें सुरक्षा बलों ने 10 करोड़ के इनामी बसव राजू को भी मार गिराया है,जो अपने आपमें सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता है, क्योंकि बसव राजू केवल एक नक्सली नहीं बल्कि नक्सल नेटवर्क को बड़े दिमाग से हैंडल करनेवाला मास्टरमाइंडथा।*बसवराजू कौन था-सवाल यह उठता है कि बसव राजू कौन था, जिस पर सरकार ने एक-दो लाख नहीं बल्कि 10 करोड़ रुपये इनाम रखा था।नक्सली नेता बसवराजू का असली नाम नाम्बाला केशवराव था जो बसवराजू के नाम से जाना जाता था *महासचिव गणपति की जगह ली – नक्सली मोर्चे को संभालने की उसकी क्षमता को देख उसे बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई और बहुत जल्द उसने अपनी जगह बना ली थी। बसवा राजू ने 2018 में सीपी आई(माओवादी)महासचिव गणपति की जगह ली।गण पति या मुप्पाला लक्ष्मण राव पहले महासचिव थे, बताया गया है कि गणपति फिलीपींस भाग गया,खबर के मुताबिक,माओवादियों ने चिंतालनार में 76 सीआर पीएफ जवानों की हत्या की थी, झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला किया कई कोंग्रेसी नेताओं हत्या कर दी थी, इसका मास्टरमाइंड बसव राजू ही था,आंध्र के श्रीका कुलम जिले का रहने वाला था,छोटे उम्र से ही सीपी आई(एमएल) पीपुल्स वार ग्रुप की ओर उसका झुकाव था, वह 1980 के शुरु आती वर्षों में इसमें शामिल हो गया,वारंगल से *बी.टेक की डिग्री हासिल की थी- बासव राजू काफी पढ़ा लिखा था,उसने आरसीई वारंगल से स्नातक कीडिग्री हासिल की थी, माओवाद के प्रति झुकाव के पहले राजू,स्कूल,जूनियर कॉलेज में कबड्डी खिलाड़ी था,उसे नक्सल नेताओं में सबसे अधिक पढ़ा लिखा था।बताया जाता है कि कई छात्र जिन्होंने संस्थान में पढ़ाई की, माओवादी आंदो लन में शामिल होने के लिए आगे बढ़े।बसव, विस्फोटक विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता था,उसे सुरक्षाबलों के लिए इस्तेमाल होने वाले घातक आईईडी तैयार किए थे,वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी का सबसे वांछित व्यक्ति था, जिसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था,23 सितंबर, 2018 को माओवादी द्वारा तेलुगु देशम पार्टी के विधायक किदारी सर्वेश्वर राव,पूर्व विधायक सिवेरी सोमा की हत्या का मास्टर माइंड भी बसव राजू था,योजना बना कर उनकी हत्या कोअंजाम दिया था।

डीजीपी…अरुण देव हैं
सरकार की पसंद….                   

छग में पुलिस मुखिया अरुणदेव गौतम ही बने रहेंगे….प्रभारी के बाद अब स्थायी डीजीपी, सरकार उन्हें बना सकती है। उनके नेतृत्व में नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में वैसे भीउल्लेख नीय प्रगति हासिल हुई है, छ्ग में डेढ़ करोड़ के इनामी हार्डकोर नक्सली बसवा राजू साहित 27 को मारने को मामला हो, नक्सालियों के सुरक्षित कर्रेगुत्ता में सबसे लम्बा,सफलनक्सली विरोधीअभियान चलाने का मामला हो, सभी कसौटी पर गौतम सफल रहे हैं। यूपीएससी से वैसे डीजीपी के लिये गौतम के अलावा 2 अन्य अफसर पवन देव, जीपी सिंह के नामों की लिस्ट आई है पर विष्णुदेव सरकार की पहली पसंद अरुण देव गौतम ही हैं ऐसा कहा जा रहा है,जून के पहले सप्ताह इसका खुलासा हो जाएगा।

बांग्लादेशी व रोहिंग्याें को
तलाश करने ​एसटीएफ का गठन….. 

छत्तीसगढ़ में रह रहे अवैध अप्रवासी, घुसपैठिए जैसे बांग्लादेशी, पाकिस्तानी, रोहिंग्याओं की तलाशी के लिए प्रदेश के 33 जिलों में स्पेशल टास्क फोर्स (एस टीएफ) का गठन किया गया है।रायपुर में एएसपी ममता देवांगन को एसटी एफ का प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह दुर्ग में डीएस पी सत्यप्रकाश तिवारी, राजनांदगांव में राहुल देव शर्मा, कवर्धा में एएसपी पुष्पेंद्र सिंह बघेल, खैरागढ़ में एएसपी नीतेश गौतम, मोहला- मानपुर में डीएसपी नेहा पवार प्रभारी बनाये गये हैँ। अधिकांश जिलों में एएसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारियों को जिम्मे दारी साैंपी गई। साथ में इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हवलदार और सिपाही की टीम रहेगी।उल्लेखनीय है कि टास्क फोर्स राज्य में अवैध दस्तावेज या बिना दस्तावेज के रहनेऔर बाहर से आनेवालों की तलाश करेगी। इनकी कार्रवाई की हर माह रिपोर्ट 5 तारीख तक गृह विभाग को भेजनी होगी। एसटीएफ की पहली बैठक 5 जून को मंत्रालय में होगी। रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। मामले में एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को जो निर्देश दिए गए हैं उस पर प्रभावपूर्ण तरीके से काम किया जा रहा है। देशभर में अवैध प्रवासियों की जांच पड़ताल के निर्देश मिले थे,छत्तीस गढ़ को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से निर्देश प्राप्त हुए हैँ, घुसपैठियों की तलाश तेजी से जारी है। सभी 33 जिलों में स्पेशल टास्कफ़ोर्स (एसटीएफ) का गठनकिया गया है।

और अब बस…….

0 जून माह में छ्ग के मुख्य सचिव रिटायर हो जाएंगे… अगला मुखिया कौन बनता है इसको लेकर चर्चा तेज है?
0 मुख्य सूचना आयुक्त किस दिग्गज को बनाया जाता है, इस पर कई पूर्व नौकरशाहों की निगाह है!

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