शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
झीरम घाटी नक्सली हमले की रिपोर्ट न्यायिक आयोग ने छग सरकार की बजाय राज्यपाल को सौंपने और छग सरकार द्वारा दो नए सदस्य शामिल करने को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।झीरम घाटी जांच आयोग के सचिव और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) संतोष कुमार तिवारी ने झीरम घाटी नक्सली हमले की रिपोर्ट आयोग ने राज्यपाल को सौंपी है , राज्यपाल ने रिपोर्ट छग सरकार को सौंप ने की भी ख़बर है। इधर राज्य की कांग्रेस सरकार ने झीरम काण्ड की जांच के लिए गठित आयोग में आंशिक बदलाव किया है। जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता मे गठित इस आयोग में 3 नए बिंदु जोड़े गए हैं। वहीं आयोग में दो नए सदस्यों को शामिल किया गया है। ज्ञातव्य है कि जस्टिस मिश्रा का तबादला हो गया है, अतः इस आयोग के अध्यक्ष पद पर न्यायमूर्ति सतीश के.अग्निहोत्री को नियुक्त किया गया है। वहीं न्यायमूर्ति जी.मिन्हाजुद्धीन पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय बिलासपुर सदस्य होंगे। आयोग अपनी जांच इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 6 माह के भीतर जांच पूरी करेगा तथा राज्य शासन को रिपोर्ट सौंपेगा। जांच के दौरान तकनीकी विषय या बिंदुओं पर आयोग किसी संस्था विशेषज्ञ की सलाह ले सकेगा।
कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई ने झीरम घाटी में मई 2013 के नक्सली हमले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग के भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बजाय राज्यपाल अनुसुइया उइके को रिपोर्ट सौंपने पर आपत्ति जताई. हमले में कांग्रेस के कई नेता मारे गए थे। भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान 25 मई को हुए हमले के बाद छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में आयोग का गठन 28 मई 2013 को किया गया था. न्यायमूर्ति मिश्रा अब आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘न्यायिक आयोग ने राज्य सरकार (कैबिनेट) के बजाय राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंपकर निर्धारित और स्वीकृत प्रक्रिया का उल्लंघन किया है।
आयोग के समक्ष कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुदीप श्रीवास्तव ने दावा किया कि राज्यपाल को ऐसी रिपोर्ट पर कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है और इसे न्याय के हित में राज्य सरकार को भेजा जाना चाहिए। इस बीच, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मलाल कौशिक ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपे जाने को लेकर कांग्रेस में इतनी ‘घबराहट’ क्यों है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए और कांग्रेस को रिपोर्ट के बारे में अपनी आपत्तियों को बताना चाहिए. इधर पूर्व मंत्री बृज मोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार द्वारा आयोग की रिपोर्ट सौंपने के बाद दो सदस्यों की नियुक्ति पर आपत्ति की है। यहां यह बताना जरुरी है कि छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले की झीरम घाटी में 25 मई 2013 को कांग्रेस की ‘परिवर्तन रैली’ के दौरान नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन प्रमुख नंद कुमार पटेल, विपक्ष के पूर्व नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित 29 लोग मारे गए थे।
विश्व के सर्वश्रेष्ठ आईपीएस बने छग के पुलिस महानिदेशक
1989बैच के आईपीएस अशोक जुनेजा को छग पुलिस का मुखिया (डीजीपी) बनाया गया है। रायपुर में ही आईपीएस प्रशिक्षण के रूप में इन्होंने अपनी नौकरी की शुरुवात की थी फिर रायपुर के एसपी भी रहे , वैसे विश्व के सर्वोत्तम पुलिस अफसर भी रह चुके हैं। कुछ सालों संभवत:2005 /06में संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में इटली के “विसेंजा ” में शांति मिशनों के लिए विश्व से 100पुलिस अफसरों का पेनल तैयार किया गया था। इनमें से उत्कृष्ठ 38अफसरों की ट्रेनिग के बाद परीक्षा और इंटरव्यूह में अशोक जुनेजा सर्वोत्तम कैडर के रुप में चयनित हुए थे याने विश्व के सर्वोत्तम अफसर….. यहां यह भी बताना जरूरी है कि उस प्रशिक्षण शिविर मे दुनिया के संघर्षरत इलाकों में शांति स्थापना, यूएनओ कि रहनुमाई में शांति रक्षक दलो द्वारा कर्तव्यों का पालन ,सूचना प्रबंधन, अंतर्राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन, मानवीय कानून और मानव अधिकारों की रक्षा, वीआईपी की सुरक्षा, जेलों की सुरक्षा, आदि महत्वपूर्ण विषय शमिल थे। वैसे छग में जुनेजा रायगढ़, बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर में एसपी, संचालक खेल और युवा कल्याण, परिवहन उप आयुक्त, आईजी बिलासपुर, दुर्ग , एडीजी गुप्तवार्ता, डीजी नक्सल आपरेशन आदि की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सम्हाल चुके हैं। साथ ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में कामन वेल्थ गेम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर चुके हैं तो नारकोटिक्स एंड ड्रग्स विभाग में भी अपनी सेवा दे चुके हैं।दरअसल डीजीपी डीएम अवस्थी को वैसे भी 2साल से अधिक समय हो चुका था और उनकी कार्यप्रणाली से सीएम बघेल, गृह मंत्री साहू नाखुश थे। काफ़ी दिनो से अवस्थी को हटाने की चर्चा थी। इधर अशोक जुनेजा को पांच आईपीएस को सुपरसीड करके पुलिस महानिदेशक बनाया गया है। डीएम अवस्थी को छोड़ दें तो जुनेजा से वरिष्ठ पांच आईपीएस हैं। अवस्थी 86 बैच के आईपीएस हैं। उनके बाद 87 बैच में स्वागत दास है। उनका रिटायरमेंट 2024 में है। स्वागत फिलहाल सेंट्रल डेपुटेशन पर आईबी में हैं। स्वागत के बाद 88 बैच में चार आईपीएस हैं। इनमें संजय पिल्ले सबसे सीनियर हैं। वे अभी डीजी जेल हैं। पिल्ले के बाद आरके विज, मुकेश गुप्ता और रवि सिन्हा हैं। रवि सिन्हा भी सेंट्रल डेपुटेशन पर हैं। उनका रिटायरमेंट 2024 में है। मुकेश गुप्ता हालांकि, निलंबित हैं और आरके विज अगले महीने रिटायर हो रहे हैं । छग में ही पदस्थ संजय पिल्ले का अभी कार्यकाल बचा है। वे जुलाई 2023 में रिटायर होंगे। जुनेजा संजय पिल्ले से एक महीने पहले रिटायर होंगे। ऐसे में पिल्ले के डीजीपी बनाने की संभावना अब नही दिखती है।
दुर्ग आईजी बने पाल
2003 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी ओपी पाल ने पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज का पदभार ग्रहण कर लिया। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज बनने से पूर्व वे पुलिस मुख्यालय रायपुर में आसूचना शाखा का कार्य भार संभाल रहे थे।
ओपी पाल इसके पहले दंतेवाड़ा, धमतरी, कोरिया, अम्बिकापुर, दुर्ग व राजधानी रायपुर के पुलिस अधीक्षक का दायित्व संभाल चुके हैैं। 4थी वाहिनी छत्तीसगढ सशस्त्र बल माना रायपुर के सेनानी के अलावा, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त का भी बखूबी कार्य भार संभाल चुके हैं। पाल की गिनती भी प्रदेश के संजीदा पुलिस अफसरों में होती है।
और अब बस….
0 कौन सा छतीसगढ़िया कलेक्टर इन दिनों चर्चा में है….?
0 पुलिस की व्यवस्था से सीएम की नाराजगी से डीजीपी बदला या कोई और कारण इसके पीछे है….?
0अब कुछ कलेक्टर और एसपी को बदलने की भी चर्चा तेज है…?
0एडीजी पवन देव, एस आर पी कल्लूरी को पुलिस मुख्यालय में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के संकेत मिल रहे हैं।