चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों की टिप्पणियों से राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों के निशाने पर आए कांग्रेस हाईकमान ने आखिरकार अपने तेवर कड़े कर दिए हैं। गुरुवार को पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने हाईकमान के निर्देश पर अमल करते हुए नवजोत सिद्धू से कहा है कि वे अपने सलाहकारों को तुरंत हटाएं।
हरीश रावत ने एक निजी चैनल पर दिए साक्षात्कार में कहा कि सिद्धू को अपने सलाहकारों को हटा देना चाहिए और अगर सिद्धू ऐसा नहीं करेंगे तो हाईकमान खुद सख्त फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि यह सलाहकार सिद्धू के निजी हैं, न कि कांग्रेस के सलाहकार हैं। कांग्रेस को ऐसे सलाहकारों की कोई जरूरत नहीं है। वह अगर ऐसे सलाहकारों को नहीं हटाते तो हाईकमान सीधे तौर पर सिद्धू के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकता है।
सिद्धू सलाहकारों को हटा दें नहीं तो पार्टी के प्रदेश प्रभारी होने के नाते यह काम वह खुद (रावत) भी कर सकते हैं। रावत ने इस निर्देश के साथ नवजोत सिद्धू को हाईकमान के तेवरों के संकेत भी दे दिए हैं। अब यह सिद्धू पर निर्भर है कि वह स्थिति को कैसे संभालते हैं। अगर हाईकमान की इच्छा के विपरीत चलते हैं तो संभव है कि उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़े।
टिप्पणियों से नहीं रुक रहे सिद्धू के सलाहकार…
नवजोत सिद्धू द्वारा अपने सलाहकार के तौर पर नियुक्त प्रो. प्यारा लाल गर्ग और मालविंदर सिंह माली ने हाल के दिनों में कश्मीर और पाकिस्तान के मुद्दों के अलावा कैप्टन सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार अभद्र और विवादास्पद टिप्पणियां कीं। जिन्हें लेकर एक तरफ कांग्रेस हाईकमान राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों खासकर भाजपा के निशाने पर आ गई। वहीं पंजाब में कांग्रेस को विपक्ष और जनता से सामने फजीहत झेलनी पड़ी।
उधर, भारी विरोध के बावजूद सिद्धू अपने सलाहकारों के व्यवहार पर अब तक चुप्पी साधे हैं। पिछले सप्ताह जवाब तलब किए जाने पर सिद्धू ने सलाहकारों का बचाव करते हुए हाईकमान से कहा कि उनके सलाहकारों के बयान तोड़मरोड़ कर पेश किए जा रहे हैं। माली ने कश्मीर को लेकर अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा किया हुआ है, कश्मीर एक आजाद देश था।
माली के इस बयान के बाद कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर कड़े विरोध का सामना करना पड़ा और सफाई भी देनी पड़ी।