हाकिम ए वक्त ने ये कैसा हिंदुस्तान कर दिया… बेजान इमारतों को भी हिंदू – मुसलमान कर दिया…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार ) 

आसार दिख रहे हैँ कि कुछ प्रदेशों सहित अगला लोस चुनाव हनुमान चालीसा, अजान, लाउडीस्पीकर, मंदिर -मस्जिद, बुलडोजर आदि को लेकर ही होगा, बेरोजगारी, मंहगाई, गरीबी, भुखमरी आदि जरुरी मुद्दे गौण हो जाएंगे……?नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 2020 के आंकड़े बताते हैं कि संप्रदायिक हिंसा, झड़पों में बीते साल के मुकाबले ज़बरदस्त उछाल आया है.बीते कुछ दिनों में भारत के अलग-अलग राज्यों से एक के बाद एक सांप्रदायिक झड़पों की घटनाएं सामने आई हैं. इनमें से सबसे हालिया घटना है दिल्ली के जहांगीरपुरी की, जहां हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा के दौरान हिंसा भड़की और 9 लोग इसमें घायल हो गए. वहीं मप्र के खरगोन में भी हालात बिगड़ गए थे।लेकिन सवाल अभी भी बरक़रार है कि देश में सांप्रदायिक दंगों की घटनाएं कितनी बढ़ी हैं?2020 में सांप्रदायिक हिंसा की कुल 857 घटनाएं हुईं, यह 2019 की तुलना में 94% अधिक थी…,सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में अचानक उछाल का अहम कारण दिल्ली है…. 2014 और 2019 के बीच दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों की केवल दो घटनाएं हुईं, लेकिन 2020 में दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों की 520 घटनाएं हुईं, जिससे देश भर के आंकड़ों में वृद्धि हुई…..?

कका” से परेशान हैँ
दोनों ‘बाबा’ …..?    

छ्ग में एक “कका” हैं और दो ‘ बाबा….. और इन्ही के इर्द-गिर्द ही छत्तीसगढ़ की राजनीति चल रही है,पहले एक जोगी भी थे पर उनके निधन के बाद छत्तीसगढ़ में कका, बाबाओं के बीच ही राजनीति चल रही है….छ्ग में एक कका है, अपने लगभग 3साल के कार्यकाल में ही गांव, गरीब, किसान, धान, गोबर तथा आम छत्तीसगढ़िया के रूप में अपनी एक छवि गढ़कर सभी 4 विधानसभा उप चुनाव कांग्रेस की झोली में डालकर 71विधायकों की बड़ी टीम तैयार कर चुके हैं, वहींअफसरशाही पर भी अंकुश लगा चुके हैँ…, कलेक्टर /एसपी सहित बड़े नौकरशाहों को हमेशा डर लगा रहता है कि कब उन्हें हटा दिया जाए…. दरअसल दिग्विजयसिंह और अजीत जोगी के मंत्रिमंडल में शामिल रह चुके भूपेश बघेल की कार्यप्रणाली में दोनों की छाप भी दिखाई देती है तो राजनीतिक गुरु वासुदेव चंद्राकर का जिद्दीपन भी दिखाई दे ही जाता है…. कम समय में ही वे कांग्रेस आलाकमान के काफी करीबी हो गये हैं… वहीं दोनों बाबा किसी मठ या मंदिर के बाबा नहीं है दोनों वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं।                               पहले चाउंरवाले फिर दारू वाले बाबा के नाम से चर्चित रहे पूर्व सीएम डॉ. रमनसिंह कवर्धा के पास एक छोटे से गांव ‘ठाठापुर’ के मूल निवासी रहे हैं हालांकि अब ‘ठाठापुर’ का नाम बदलकर रामपुर हो गया है। डॉ. रमनसिंह कवर्धा से ही विधायक बन चुके हैं फिर वे राजनांदगांव लोकसभा से सांसद बने और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। मोतीलाल वोरा को हराकर वे देश की राजनीति में चर्चित हो गये थे। 15साल तक छ्ग में सीएम की लम्बी पारी खेलने वाले डॉ रमन सिंह का बेटा अभिषेक सिंह पिता की जगह राजनांदगांव से सांसद भी रह चुका है और देश के कुछ युवा सांसदों में उनकी गिनती होती थी,
इधर दूसरे बाबा यानि टीएस सिंहदेव सरगुजा राजपरिवार से संबंधित है पिता अविभाजित म.प्र. के मुख्य सचिव रह चुके हैं तो मां म.प्र. मंत्रिमंडल की सदस्य रह चुकी हैँ । देश के अमीर विधायकों में ‘बाबा’ साहब की गिनती होती है। वे छग में अभी भी ‘वेटिंग इन सीएम’ खुद को मानते हैँ….? बाबा ने अपनी पूरी पढ़ाई छत्तीसगढ़ से बाहर ही की है। अविवाहित ‘बाबा’ को जनता जनार्दन की पीड़ा से तकलीफ होती है वे एक भावुक राजनेता हैं।टीएस सिंहदेव उम्र में डॉ. रमन सिंह से सिर्फ 16 दिन ही छोटे हैं। इसीलिए बड़ा होने के चलते सिंहदेव ने एक बार विधानसभा के भीतर कहा था कि डॉ रमन सिंह मेरे ‘दादा’ हैं। दादा अच्छे हैं पर उनकी सरकार अच्छी नहीं थी , दादा की तारीफ करता हूं पर सरकार की नहीं…। चलो गरीबों को सस्ता चांवल देने के कारण चाऊंर वाले बाबा के नाम से चर्चित डॉ. रमनसिंह ‘बाबा’ से ‘दादा’ तो बन ही गये हैं।दोनों ‘बाबा’ न जानें क्यों छत्तीसगढ़ के “कका” से परेशान रहते हैं। चाऊंर वाले ‘बाबा’ डॉ. रमनसिंह का कका से परेशान होना लाजिमी भी है क्योंकि रमन सिंह भाजपा में हैं और कका छ्ग के सीएम हैं…..पर कांग्रेस में होने के बाद भी अपनी ही पार्टी के कका (भूपेश बघेल) से टी.एस.सिंहदेव ‘बाबा’ परेशान रहते हैं। वे समय समय पर कका पर ‘वादा’ नहीं निभाने का आरोप भी लगाते रहते हैं….?

कॉंग्रेस के 40% विधायकों की सर्वे रिपोर्ट चिंतनीय ….

छ्ग के सीएम भूपेश बघेल सभी 90 विधानसभाओं में 4मई से दौरे पर निकलकर मौजूदा विधायकों की वर्तमान स्थिति सहित अपनी सरकार की घोषणाओं और उनके सबसे निचले स्तर पर क्रियान्वयन की पड़ताल करने जा रहे हैं वहीं इसके पहले कांग्रेस के विधायकों को लेकर एक सर्वे हुआ है। इसमें 40% से अधिक विधायकों (अधिकांश नये)की रिपोर्ट असंतोषजनक बताई जा रही है।वैसे इसमें 2-3मंत्रियों के नाम भी शामिल बताए जा रहे हैँ।इस शुरुआती फीडबैक ने संगठन की चिंता बढ़ा दी है। समन्वय समिति की बैठक में विधायकों की परफार्मेंस रिपोर्ट पर चर्चा हुई है। बताया जा रहा है, बैठक के दौरान विधायकों को सक्रियता बढ़ाने की हिदायत दी गई है। संगठन को सरकार से समन्वय कर काम करने को कहा गया। प्रेस से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पार्टी ने सभी विधायकों के कामकाज का सर्वे कराया है।आत्मावलोकन की आवश्यकता है। अभी समय है अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं। वे अपने कार्य व्यवहार के माध्यम से अपनी स्थिति बदल भी सकते हैं।छत्तीसगढ़ में सरकार और संगठन में तालमेल को लेकर बनाई गई कांग्रेस के प्रदेश समन्वय समिति की बैठक में विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट पर बात हुई है। बताया जा रहा है, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस रिपोर्ट के हवाले से कहा कि सरकार में रहते हुए भी कई विधायक संगठन की ओर से सौंपे काम नहीं कर रहे हैं। क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं को लेकर भी कुछ विधायकों पर सवाल उठे। सदस्यता अभियान के दौरान भी विधायकों ने रुचि नहीं ली। सबसे अलार्मिंग स्थिति बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के विधायकों की बताई गई।बताया जा रहा है। जो भाजपा मुक्त पिछले चुनाव में हो चुका है और भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी. पूरेँदेश्वरी बस्तर में ही अधिक ध्यान दे रही है।

23 यात्री रेल रद्द तो दबाव में 6बहाल भी …  

बढ़ते पेट्रोल डीजल की क़ीमतों से परेशान लोगों पर मॅहगाई का एक और अटैक आया है अब रेल से सफर करने वाले यात्रियों की तकलीफें और बढ़ गईं है….। वैसे शादी व्याह के मौसम में 23 रेल एक माह रद्द करने को लेकर छ्ग के सीएम भूपेश बघेल ने भी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने रेल मंत्री से भी बात की और 6 ट्रैन द बाव के चलते बहाल भी कर दी गईं है।छत्तीसगढ़ में चलने वाली करीब 23ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था । रेलवे की तरफ से बताया गया है कि ट्रैक अपग्रेडेशन वर्क की वजह से ये ट्रेनें नहीं चलाई जा सकेंगी। रेलवे प्रबंधन ने साफ कह दिया है कि उनके पास इन रेल गाड़ियों के रद्द होने के बाद कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।बिलासपुर रेलवे जोन की तरफ से जारी आदेश में ट्रेनों के परिचालन को रोकने का आदेश जारी किया गया है। अधिकांश ट्रेन 24 अप्रैल से 23 मई तक रद्द रहेंगी। कुछ ट्रेनें 3 मई, 17 मई तक रद्द रहेंगी। इनमें बिलासपुर से पंजाब, राजस्थान,विशाखापट्टनम,झारसुगडा और मप्र के रूट पर चलने वाली ट्रेनें शामिल थी।पर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस,समता सहित 6यात्री रेल बहाल करने की घोषणा से यात्रियों को कुछ राहत तो मिलेगी।

जहां एसपी थे वहीं आईजी,
जहां एएसपी थे वहीं एसपी…..   

छ्ग में सीएम भूपेश बघेल के 90 विधानसभा दौरे के पहले कुछ आईएएस और आईपीएस के तबादले के बाद यह समझा जा रहा है कि अभी एक फेरबदल और होगा। बहरहाल रायपुर में पहले एसपी रहे ओ पी पाल अब आईजी हो गये हैँ उन्होंने कार्यभार भी सम्हाल लिया है।इधर लम्बे समय तक कई जिलों की एसपी की पारी खेल चुके बद्री नारायण मीणा अब दुर्ग के आईजी बनाए गये हैं तो अजय यादव सरगुजा के अब आईजी होंगे अभी तक वे प्रभारी आईजी थे।पदोन्नति पाकर आईजी बने डॉ संजीव शुक्ला पीएचक्यू में चिटफण्ड मामलों के मुखिया की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सम्हालेंगे। रायपुर, दुर्ग बिलासपुर तथा जांजगीर में एएसपी (सिटी)तथा जशपुर में एसपी रह चुके विजय अग्रवाल जांजगीर के एसपी बनाए गए हैँ तो रायगढ़ में एसपी रह चुके राजेश अग्रवाल कों अब जशपुर का एसपी बनाया गया है। वहीं डीआईजी पदोन्नत होकर भी प्रशांत अग्रवाल (रायपुर )तथा सुश्री पारुल माथुर (बिलासपुर )में सेवाएं देते रहेंगे।

ओएसडी यानि जिला अस्तित्व में
आने पर एसपी….   

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा घोषित 5 नए जिलों 5 आईपीएस अधिकारियों को विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी ) बनाया गया है। इनमें राजेश कुकरेजा, एम आर अहीरे, टीआर कोशिमा, अंकिता शर्मा और अक्षय कुमार शामिल हैं।इसमें अहिरे, कोशिमा और कुकरेजा पहले भी जिलों में एसपी का कार्यभार सम्हाल चुके हैं…

नक्सलियों को मदद :
कृषि भूमि अटैच…

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की वित्तीय मदद को लेकर एक माओवादी समर्थक की 29.7 लाख रुपये कीमत की कृषि भूमि अटैच की है। अधिकारियों ने बताया कि अटैच की गई कृषि भूमि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में है और यह जमीन अश्विनी वर्मा और उसके छोटे भाई तामेश वर्मा के नाम पर है।ईडी ने अपनी जांच अश्विनी वर्मा और अन्य के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस की एफआईआर और 30 अक्तूबर, 2018 को दाखिल अंतिम रिपोर्ट के आधार पर शुरू की थी। इन लोगों पर प्रतिबंधित नक्सल संगठन की मदद करने का आरोप है। जांच में पता चला कि अश्विनी वर्मा ने नक्सलियों से बंद किए जा चुके 1000 और 500 के नोट लिए थे और इन नोटों को अलग-अलग लोगों को स्थानीय किसानों को दिया। इसके बदले में इन लोगों से अनाज और कृषि उत्पाद खरीदे गए। बाद में इन कृषि उत्पादों और अनाज को बेचकर पैसा हासिल किया गया। साथ ही अश्विनी वर्मा ने इस पैसे से राजनांदगांव में 29.75 लाख रुपये में कृषि भूमि खरीदी।

और अब बस….

0नये प्रशासनिक बदलाव के बाद एसीएस सुब्रत साहू अब वन विभाग के मुखिया हो गये हैँ तो मनोज पिंगुआ गृह विभाग के……
0वरिष्ठ आईपीएस राजेश मिश्रा अब स्पेशल डीजी होंगे तो पदोन्नत एडीज़ी दीपांशु काबरा परिवहन, जनसम्पर्क का काम देखते रहेंगे।
0कुछ बड़े जिलों में कलेक्टर बदले जाने की सुगबुगाहट भी तेज है।

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