भोपाल। पूर्व मंत्री एवं विधायक जयवर्द्धन सिंह ने महिलाओं के सषक्तिकरण के लिये बजट में निर्धारित “जेण्डर बजट“ के उपयोग में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि राज्य सरकार “जेण्डर बजट“ के प्रति कितनी अगंभीर है वह इसी से परिलक्षित होता है कि 10 मार्च 2021 को उनके प्रष्न के उत्तर में जेण्डर बजट पर विभाग द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन में दी गई जानकारी को ही नकार दिया है। “जेण्डर बजट“ केवल एक औपचारिकता बनकर हर गया है। विधानसभा में दिये जा रहे उत्तर भी सही नहीं है। मैं अपने प्रष्न और सदन में मंत्री द्वारा दिये गये उत्तर और विभाग द्वारा जारी वार्षिक प्रषासकीय प्रतिवेदन के संबंधित अंष की छायाप्रति संलग्न कर रहा हूॅ। इससे स्पष्ट हो जायेगा कि “जेण्डर बजट“ और विधानसभा के प्रति सरकार कितनी अगंभीर है।
जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में विभागवार “जेण्डर बजट“ प्रदर्षित किया गया है। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग बजट अनुमान में “जेण्डर बजट“ में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है। इस विभाग के अन्तर्गत रोजगार की तीन महत्वपूर्ण योजनाओं में (1) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (2) मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना (3) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना आती है। इन तीनों योजनाओं के अन्तर्गत महिलाओं के स्वरोजगार एवं उद्यम विकास के लिये सरकार ने फूटी कौड़ी भी नहीं दी है। इसका मतलब है कि इन तीनों योजनाओं में महिला हितग्राहियों को राषि नहीं मिल सकेंगी। यह स्थिति प्रदेष के महिलाओं के लिये अत्यन्त पीड़ा दायक है।