कोरोना संक्रमण/मध्यप्रदेश में अपरिपक्व निर्णय और दिशाहीन प्रयास
इंदौर।भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेशनल मीडिया काॅर्डिनेटर अभय दुबे ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मध्यप्रदेश अपरिपक्व निर्णयों और दिशाहीन प्रयासों के चलते कोरोना माहमारी के भीषणतम संकट में फँस गया है । जारी एक वक्तव्य में श्री दुबे ने कहा कि
ये बात सही है कि कोई भी राजनैतिक दल की सरकार ये नहीं चाहेगी कि उसके प्रदेश में महामारी बढ़े और सरकार की छवि धूमिल हो। यह बात भी विशेष रूप से रेखांकित करनी होगी कि इंदौर में इस महामारी से लड़ने के लिये बेहद दक्ष और कुशल प्रशासनिक अधिकारी काम कर रहे हैं इसलिए यहाँ प्रयासों की कमी की बात नहीं की जा रही है लेकिन यहाँ दिशाहीन प्रयासों का प्रश्न है । उन्होंने कहा कि सरकार महामारी से निपटने के लिए विज़न की अपेक्षा सिर्फ़ टेलीविज़न में लगी है ।
आइए मध्यप्रदेश के भाजपा नेतृत्व के अदूरदर्शी निर्णयों से उत्पन्न हुए हालातों पर प्रकाश डालते हैं । इस विषय में बहुत बात हो चुकी कि मध्यप्रदेश और इंदौर में कितने लोग संक्रमित हैं,कितनों को अपने प्राण रोज त्यागने पड़ रहे हैं इत्यादि ।
दुबे ने बताया कि डब्लूएचओ की चीफ़
साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन भारत के संदर्भ में कहती हैं कि जिन जिलों को संक्रमण मुक्त घोषित किया गया है वहाँ की सच्चाई हमें नहीं पता क्योंकि हमने वहाँ टेस्ट नहीं किया है । नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमोलाजी के जयप्रकाश मुलिएल कहते हैं कि लॉक डाउन में हम सिर्फ़ वाइरस से छिपने की कोशिश कर रहे हैं । लॉक डाउन का फ़ायदा तब ही है जब हम अधिक से अधिक रेपिड टेस्टिंग करेंगे अन्यथा लॉक डाउन खुलते ही हम फिर वायरस की चपेट में तेजी से आ जाएंगे । अर्थात तेजी से टेस्टिंग ही फ़िलहाल महामारी को रोकने का एकमात्र तरीका है ।
दुबे के मुताबिक मुझे बताया गया है कि आज इंदौर में सिर्फ़ 7 ही पॉज़िटिव केस आए हैं ।एक बार के लिए लगा कि हम शायद नियंत्रण की ओर बढ़ रहे हैं फिर पता लगा कि RT-PCR मशीनों के टेस्टिंग किट बहुत घटिया क्वालिटी के आए हैं इसलिए ज़्यादा टेस्टिंग नहीं हो पा रही है और लगभग 1300 से 1500 सेंपल फिर दो तीन दिनों में इकट्ठे हो गए हैं । जब उनके परिणाम आएंगे तब फ़िर आँकड़ा बढ़ेगा । इसका अर्थ साफ़ है कि अब तक हम इस संक्रमण के पीछे भाग रहे हैं । जाँच में जब तक इसके आगे नहीं निकलेंगे तब तक कामयाब नहीं होंगे।इसका बहुत अच्छा समाधान मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज जी को चिट्ठी लिखकर सुझाया था कि रेपिड एंटी बॉडी टेस्ट कराइए जिसका रिज़ल्ट 30 मिनिट में आता है और ख़र्च सिर्फ़ 300 रु ।
RT -PCR टेस्ट में पहले कोविड 19 डीएनए में तब्दील होता है इसलिए 12 से 24 घंटे का समय लगता है ।
30 अप्रैल को केंद्र सरकार ने चाइना को रेपिड टेस्टिंग किट का ऑर्डर किया । 4 अप्रेल को आईसीएमआर ने टेस्टिंग के लिए गाइडलाइन जारी की । दो दिन पहले केंद्र सरकार के पास रेपिड टेस्टिंग किट भारत आ भी गई मगर आज तक भी मध्यप्रदेश में कोई बताने वाला नहीं है कि मध्यप्रदेश के हिस्से की 50 हज़ार टेस्टिंग किट का क्या हुआ । तमिलनाडु , राजस्थान , दिल्ली की सरकारों ने उनके यहाँ रेपिड एन्टी बॉडी टेस्टिंग करते हुए फ़ोटो भी आज पोस्ट की है । मुझे खुशी होगी अगर यह सूचना हमारे प्रदेश से भी आए ।
उन्होंने कहा कि एक दुखद पहलू और है कि मध्यप्रदेश सरकार ने निजी चिकित्सालयों को अभी एक दिन पहले ही रेपिड टेस्टिंग की अनुमति दी है ,जबकि 4 अप्रैल को ही इसकी गाईडलाइन्स जारी कर दी गई थी । अब शिवराज जी का विशेष विमान दिल्ली जाए तो सिर्फ़ सेंपल टेस्टिंग के लिए नहीं, केंद्र सरकार से रैपिड एंटी बॉडी किट भी साथ लाए ।