रायपुर। पूरे देश में बीजेपी ने बड़े जोरशोर से अपना स्थापना दिवस मनाया और पूरी ताकत दिखाने की कोशिश की। राजधानी रायपुर में भी एक आयोजन बीजेपी के पुराने कार्यालय में किया गया। मंच रायपुर के कुछ नेताओं को छोड़ दें तो सारे दिग्गज इसपर मौजूद रहे। मंच के ठीक सामने कार्यकर्ताओं के लिए सैकड़ों कुर्सियां लगवाईं गईं थीं। लेकिन जो हाल आयोजन का हुआ है वो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। मंच पर लगी कुर्सियों पर नेताओं की कतार लगी थी। सामने सुनने वाले कार्यकर्ता गायब ही रहे , खाली पड़ी कुर्सियां नेताओं से दूरियां बनाएं जाने की गवाही दे रही थीं।
अपने इलाके से नहीं जुटा सके कार्यकर्ता
मंच पर मौजूद नेताओं का कद पार्टी में भले ही बड़ा हो लेकिन स्थापना दिवस के आयोजन के कार्यकर्ताओं के बीच उनकी क्या पकड़ रह गई है ये जरूर उजागर हो गया। हालत ये थी को दिग्गज नेता अपने ही इलाके के भाजपाइयों को नहीं ला सके।
एक नेता दस को ले आता तो हो जाती भीड़
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ये बीजेपी को सबसे बुरा स्थापना दिवस का आयोजन रहा। नेता चाहते तो अपने साथ दस – दस कार्यकर्ता भी ले आते तो पूरी कुर्सियां भर जाती और आयोजन की इज्जत बच जाती।। जिम्मेदार जिलाध्यक्ष भी नहीं जुटा सके भीड़ राजधानी में जिस उम्मीद से शहर जिला अध्यक्ष की बड़े नेताओं ने अड़ कर ताजपोशी कराई वो भी अपनी क्षमता नहीं दिखा सके नहीं तो विरोधियों को चुप करा सकते थे। लगातार कमजोर साबित हो रहे जिलाध्यक्ष को लेकर अब मामला खासा विरोधी हो गया है। बड़े नेताओं से शिकायत के लिए सभी की तैयारी है ताकि राजधानी के संगठन को ठीक कमान करने वाला नेता मिल सके।
पूर्व सीएम और संगठन प्रमुख के सामने हुआ बुरा हाल
आयोजन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के अलावा संगठन प्रमुख सहित कई नेता मौजूद रहे । अब सवाल उठ रहे हैं कि ये हालात देखने के बाद बड़े नेता और निर्णय करने वाले किस किस को दोषी मानते हैं। संगठन का यही हाल अब चुनावी साल में चर्चा में है कि इनके भरोसे रहे तो क्या होगा … ।