भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में बताया कि शिवराज सरकार के संरक्षण में बच्चों के पोषण आहार सप्लाई का जो घोटाला हुआ, एक-एक करके उसकी परतें अब खुलती जा रही हैं, अगर कमलनाथ सरकार ने ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ न छेड़ा होता तो यह कभी पता न चल पाता कि बच्चों के जीवन से गंभीर खिलवाड़ करते हुए पोषण आहार व स्किम्ड मिल्क पाउडर बिना जांच के सीधे आंगनवाड़ियों को सप्लाई किया जा रहा था।
जारी अपने वक्तव्य में श्रीमती ओझा ने कहा कि प्रदेश की राजधानी भोपाल के शाहजहानाबाद स्थित गोदाम से मिले स्किम्ड मिल्क पाउडर को सीधे आंगनवाड़ियों तक पहुंचाने के निर्देश, फरवरी 2018 में, तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी ने दिए थे, उसके बावजूद बच्चों के पोषण के लिए आया दूध, आंगनवाड़ी केंद्रों की बजाय गोदाम में रखवा दिया गया। साफ है कि शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुए पोषण आहार घोटाले से इस मामले के सीधे तार जुड़े हैं और यह भी पूरी तरह स्पष्ट है कि माफियाओं व ‘महानुभावों’ ने बच्चों के हिस्से का दूध उनके तथाकथित ‘मामा’ की सरकार के संरक्षण के चलते, गोदामों में कालाबाजारी के उद्देश्य से ही जमा करवाया था।
श्रीमती ओझा ने कहा कि यह शर्मनाक है कि अवैध उत्खनन, ई-टेंडरिंग, डंपर, सिंहस्थ, पेंशन, पौधारोपण, संबल योजना और ओडीएफ जैसे महाघोटाले करने वाली शिवराज सरकार ने, पोषण आहार और व्यापमं जैसे घोटाले भी कर डाले जिनसे प्रदेश के उन बच्चों के भविष्य, स्वास्थ्य और जीवन के साथ भी गंभीर खिलवाड़ हुआ, जिनको तथाकथित ‘मामा’ और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपना ‘भांजा-भांजी’ बताते थे।
अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि अपने पूरे कार्यकाल में केवल घोटाले करने, झूठी घोषणाएं करने और मुंह चलाने की बजाय यदि शिवराज सरकार ने वास्तव में कुछ ठोस, जनहितैषी और विकासोन्मुख कदम उठाए होते तो प्रदेश की तुलना झारखंड और बिहार की बजाय कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली से हो रही होती। शुक्र है कि अब प्रदेश को एक ऐसी जनहितैषी सरकार मिली है, जो न केवल विकास और प्रगति के रोड-मैप पर काम कर रही है बल्कि अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन के प्रति संवेदनशीलता दर्शाते हुए, पिछली सरकार के सभी घोटालों को उजागर कर, सभी दोषियों को सजा दिलाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।