.
गरियबंद के गांधी मैदान में आयोजित ज़िला स्तरीय आमसभा को संबोधित करते हुए डॉ सत्यजीत साहू ने कहा कि गरियाबंद जिले सहित पुरे छत्तीसगढ के लिये यह गौरव की बात है कि हम सभी विश्व शांति और न्याय यात्रा के समर्थन अभियान में शामिल हुए हैं। एकता परिषद के संयोजक पीवी राजगोपाल के नेतृत्व में कनाडा में हो रही इस पदयात्रा का उद्देश्य सारे विश्व के सभी वंचितों के न्याय के लिये किये गये संघर्ष को मज़बूती देना और विश्व शांति के लिये अपील करना है। हमारी संस्कृति में आदिवासियों के गुरू पारी कुपार लिंगों, सदाशिव महादेव, प्रभु श्री राम , श्री कृष्ण , सभी ने वंचितों के न्याय देने और सामाजिक चेतना के उन्नयन के लिये यात्रा का माध्यम चुना था।
गरियबंद के विधायक जनक धुव्र ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह विडंबना ही है कि आज़ादी के सत्तहर साल बाद भी आदिवासी को जल जंगल ज़मीन के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है. वन अधिकार क़ानून का हर भुमिहीन को मिले यह कार्यपालिका की ज़िम्मेदारी है।
ज़िला जनपद सभापति लोकेश्वरी नेताम ने सभा में कहा कि जंगल और आदिवासियों का परस्पर रिश्ता सनातन है . हमारा अस्तित्व जंगल है। क़ानून ने हमें जो अधिकार दिया है उसे कोई रोक नहीं सकता। सभा को कल्याण सिंह कपिल, कृष्णा सिन्हा, रामलाल और एकता महिला मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्रध्दा कश्यप ने भी संबोधित किया।
आमसभा के आयोजक प्रयोग आश्रम एकता परिषद छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष सीताराम सोनवानी ने बताया कि आमसभा में पुरे गरियाबंद ज़िले के अस्सी गाँवों से आदिवासियों ने इस आयोजन में भाग लिया है। इस अवसर पर ग्रामीण आदिवासियों ने अपने आठ सूत्रीय ज्ञापन जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि को सौंपा।