स्टॉकहोम : भारतीय संगठन ‘लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एन्वायरमेंट’ (लाइफ) समेत चार कार्यकर्ताओं एवं समूहों को बाल संरक्षण से लेकर पर्यावरण की रक्षा तक के क्षेत्रों में समुदायों को सशक्त बनाने के प्रयासों के लिए ‘वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार’ के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार को ‘राइट लाइवलीहुड अवार्ड’ 2021 के नाम से जाना जाता है।
बाल संरक्षण से लेकर पर्यावरण रक्षा क्षेत्रों को सशक्त बनाने को लेकर मिला सम्मान
यह पुरस्कार देने वाले ‘स्वीडिश राइट लाइवलीहुड फाउंडेशन’ ने कहा, जलवायु संकट गहराने, शक्तिशाली सरकारी एवं कॉरपोरेट हितों व यहां तक कि आतंकी हमलों के खतरे के मद्देनजर 2021 के विजेता साबित करते हैं कि एकजुटता सभी के लिए बेहतर भविष्य की कुंजी है।
राइट लाइवलीहुड के इस बार के विजेताओं ने महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के लिए काम करने, समुदायों को संगठित करके एवं जमीनी स्तर पर पहलों को सशक्त बनाकर स्थानीय समुदायों के अधिकारों को हासिल करने और पर्यावरण संबंधी संरक्षण में योगदान दिया है। उसने कहा- भारत, कैमरून, रूस व कनाडा के इस साल के विजेताओं ने दर्शाया है कि समुदायों के मिलकर काम करने से स्थायी बदलाव लाया जा सकता है। ‘लाइफ’ भारत में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाला संगठन है।
दो वकीलों ने 2005 में की ‘लाइफ’ की स्थापना…
वकील ऋत्विक दत्ता और राहुल चौधरी ने पर्यावरणीय मुद्दों पर न्यायिक पहुंच का अभाव देखते हुए ‘लाइफ’ की स्थापना 2005 में की थी। दोनों भारत के प्रमुख जनहित वकील हैं। लाइफ के अलावा कनाडाई स्वदेशी अधिकार समर्थक फ्रेडा ह्यूसन, लड़कियों के साथ होने वाली यौन हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने वाली कैमरून की मार्थे वांडौ और एक रूसी पर्यावरणविद व्लादिमीर स्लिव्याक को भी पुरस्कार मिलेगा।
विजेताओं को मिलेंगे 1.15 लाख डॉलर…
इन पुरस्कारों की शुरुआत 1980 में स्वीडिश-जर्मन नागरिक जैकब वोन यूएक्सकुल ने की थी। विजेताओं को 10-10 लाख क्रोनोर (1,15,520 डॉलर) की राशि मिलेगी और उन्हें एक दिसंबर को एक डिजिटल समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। संगठन ने बताया कि 2021 में 89 देशों के 206 रिकॉर्ड उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया गया था।