बिप्लब् कुण्डू,पखांजुर : जंगल के अंदर वन्यप्राणियों के पीने के लिए वन विभाग लाखों रुपये खर्च कर तालाब का निर्माण करवाता है लेकिन निर्माणाधीन तालाब ही विवादों में फंस जाए तो क्या कहना। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। जहां पूर्व परलकोट (बांदे) वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आकमेटा सर्किल बेनुर गाँव के समीप कक्ष क्रमांक पी 1237 में वन विभाग के जिम्मेदार रेंजर (वन परिक्षेत्र अधिकारी) ने नियमों को ताक में रखकर तालाब का निर्माण करवाया है। तालाब का निर्माण जंगल के अंदर वन्य प्राणियों के पीने के लिए करवाया गया है परंतु इसके लिए हरे भरे पेड़ों की बलि दे दी गई है। विभाग द्वारा निर्माण कार्य में दर्जनों पेड़ों की जेसीबी मशीन से उखाड़ फेंकने और कटाई कराई गई है व सबूत मिटाने के लिए रेंजर द्वारा हरे भरे प़ेडों को स्थल से गायब कर दिया और कुछ को मिट्टी में दफनाये ताकि कोई सबूत नहीं मिल पाए।
निजी लाभ के लिए मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया गया…
पूरे जिलेभर में पलायन रोकने के लिए जिला प्रशासन अनेकों उपाय कर रहा है ताकि स्थानीय मजदूर अन्य राज्य पलायन नहीं करे। उन्हें गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो सके,लेकिन वन विभाग पूर्व परलकोट (बांदे) के रेंजर द्वारा नियमों को ताक में रखकर अपने और उच्च अधिकारियों को लाभ दिलाने के उद्देश्य से मजदूरों से कार्य नहीं करवाकर जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर से काम करवाया। अगर मजदूरों से काम करवाया जाता तो मजदूरों को रोजगार मिलता,लेकिन अधिकारी अपने निजी फायदे (लाभ) पहुंचाने के उद्देश्य से मशीनों से काम करवाया गया। बाद में तोड़ा बहुत काम मजदूरों से करवाया गया। तकि गांव में विवाद की स्थिति निर्मित ना हो।
किस योजना में हुआ काम नहीं बताना चाहते रेंजर…
वन्य प्राणियों के पानी पीने के लिए बनाया गया यह तालाब किस योजना से निर्मित हुआ है इसका सही जवाब भी विभाग के अधिकारी रेंजर देना ही नही चाहते फोन ही रिसीव नही करते और फोन को डिस्कनेक्ट कर देते है।
तालाब निर्माण स्थल पर सूचना बोर्ड भी नदारद…
इस तालाब के निर्माण कार्य को पूर्व परलकोट रेंजर द्वारा किस योजना से बनवाए है ये बता पाना मुश्किल है क्योंकि तालाब निर्माण स्थल पर सूचना बोर्ड नही लगाया ताकि लोगों को जानकारी नही मिल सके ऐसे में देखना होगा कि यह कार्य किस योजना में स्वीकृत हुई है। तो ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है तालाब कैसे बना और किस योजना व इसकी लागत राशि क्या होगी?
इस संबंध पर मुख्य वन संरक्षक कांकेर एस.एस.डी बड़गिया ने बतलाया किस योजना से तालाब निर्माण कराया गया में देखा कर बता पाऊँगा अगर हरे भरे पेड़ो को कटा गया है तो जांच कर कार्यवाही होगी। सूचना बोर्ड लगाने के लिए रेंजर को कहा जाएगा।