फ़िल्म,नाटक,दूरदर्शन का मप्र,छ्ग से रिश्ता

{किश्त 50}

कभी छत्तीसगढ़,मप्र का हिस्सा होता था और पूरा क्षेत्र मप्र के अंतर्गत आता था।भोपाल,इंदौर,जबल पुर,रायपुर प्रमुख शहर होते थे। फिल्मी जगत में इन क्षेत्रों के लोगों ने अपना मुकाम बनाया और कई लोग अभी भी संघर्षशील है।लता मंगेशकर,आशा भोसले किशोरकुमार,हबीब तनवीर,सत्यदेव दुबे, किशोर साहू से लेकर सलीम जावेद सलमान खान,जयाभादुड़ी,जीनतअमान,शर्मिला टैगोर, रजा मुराद,जावेद अख्तर गीतकार प्रदीप,राहत इंदौरी से लेकर फिल्म निर्माता अनुराग बसु का संबंध यहीं से रहा है।प्रसिद्ध अभिनेता राजकपूर सहित शर्मिला टैगोर की यहां ससुराल है। अमिताभ बच्चन की भी ससुराल यहीं है।छग के कुछ का फ़िल्मों में योग दान रहा है।जिसमें छ्ग के हबीब तनवीर,सत्य देव दुबे किशोर साहू को शामिल किया जा सकता है, फिलहाल अनुराग बसु की भी चर्चा है कई लोग फिल्म दूरदर्शन के सिरियलों में अपनी धाक जमाने प्रयासरत हैँ। निर्देशक अभिनेता के रूप में हबीब तनवीर ने विश्व रंगमंच मेंअलग पह चान बनाई,छत्तीसगढ़ को विश्व से परिचित कराने के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।रायपुर में जन्मेँ लेने हबीब तनवीर ने 9 हिंदी फीचर फिल्मों में कार्य किया, रिचर्ड एटनवरो की प्रसिद्ध फ़िल्म ‘गांधी’ भोपाल गैस त्रासदी परबनी फिल्म शामिल है,चरणदास चोर,आगरा बाजार,गांव के नाम ससुराल मोर नाम दमाद,चंदैनी गोंदा आदि नाटक प्रमुख है।पद्मश्री, संगीतअकादमी,कालीदास,संगीत नाटकअकादमी फैलोशिप,पदमभूषण से भी सम्मानित किया गया। छ्ग के बिलासपुर में जन्मे सत्यदेव दुबे ने फिल्म निर्माता निर्देशक पटकथा लिखने के साथ अभिनय भी किया।नाटकययावती,हृदयवद,बादल सरकार के इंद्रजीत, उसका पगला घोड़ा,आधे-अधूरे,खामोशअदालत जारी है,आदि के मंचन में रंगमंच में अमिट योगदान दिया।अंधायुग, 100 नाटकों की श्रृंखला उनका रिकार्ड है।अंकुर,निशांत भूमिका,आक्रोश,विजेता,मंडीआदि फिल्मों के निर्माण,अभिनय में योग दान रहा है।संगीत नाटक अकादमी,राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार(पटकथा लेखन) पद्मभूषण से भी नवाजा गया था।छग में ही जन्मे किशोर साहू ने 1937से 1980 तक सिनेमा में योग दान दिया।अभिनेता फिल्म निर्देशक लेखक के रूप में उनका योगदान यादगार रहेगा।अभिनेता के रूप में फिल्म गाईड में’मार्को’ की भूमिका में थे।कालाबाजार, जुआड़ी पूनम की रात,काला पानी,इंसान में अभिनय तो वहीं निर्देशक के रूप में ‘धुवें की लकीर”घर बसाकर देखो’ ‘ड़े सरकार’ ‘सावन भादों’ ‘शरारत”कुंवारा बाप’ ‘नदिया के पार’,निर्माता के रूप में सावनआया रे,कालीघटा,बहुरानी,लेखक के रूप मेंऔरत,हरे कांच की चूडियाँ, दिलअपनाऔर प्रीत पराई,मयूर पंख फिल्मों में योगदान दिया।तो भिलाई मेंजन्मे,रायपुर में भी कुछ समय गुजारने वाले निर्माता निर्देशक लेखकऔर कलाकार अनुराग बसुअभी चर्चा में है।लाईन इन मेट्रो, काईट्स,गैंगस्टर, मर्डर,बर्फी,तुम सा नहीं देखा आदि फिल्मों में उनका योगदान रहा है,छग करीब दर्जन से अधिक लोग दूरदर्शन तथा फिल्मों में अभिनय लेखन,आवाज देने में लगे हैं।छग फिल्मों के निर्माण में मोहनसुंदरानी का भी योगदान रहा है। पुराने मप्र से कई कला कार लेखक,गायक, निर्माता, निर्देशकों का भी सिनेमा में योगदान रहा है,लताजी आशा भोसले का सम्बन्ध इंदौर से हैँ जिनका गायन विश्व में पसंद किया जाता है।खंडवा में जन्मे गायक किशोर कुमार ने अभिनय गायन मेंअलग स्थान बनाया है,प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता निर्माता राज कपूर का ससुराल जबलपुर और एम्पायर टाकीज, प्रेमनाथ का संबंध भी जबलपुर से रहा है।रजा मुराद,जीनत अमान का संबंध भी भोपाल से भी रहा है।सागर में कुछ साल रहने वाले सुधीरमिश्रा का नाम कला सिनेमा के लिये जाना जाता है,रात की सुबह नहीं है,खोया खोया चांद प्रमुख है।सुधीर,मप्र के पूर्व सीएम डीपी मिश्रा के पोते हैं।वैसे कम लोग ही जानते है कि डीपी मिश्रा ने अपने ही प्रोडक्शन हाउस में फ़िल्म ‘धुंआधार’ बनाई थी।सलीम जावेद की जोड़ी की जड़े भी इंदौर भोपाल की है। सलीम खान कम उम्र में ही बम्बई चले गये थे,तीनों बेटों सलमान,अरबाज, सोहेल इंदौर में ही जन्मे हैं।फिल्मी जगत की नायिका शशिकला गुना निवासी रह चुकी है।तो अभिनेता विजेन्द्र घाटगे का भी इंदौर होल्कर परिवार से नाता रहा,उनके वंशजअभी भी रहते थे।महान पेंटर, फिल्म गजगामिनी के निर्माता निर्देशक एमएफ हुसैनभी इंदौर से संबंद्ध रहे हैं।जावेदअख्तर ने भोपाल से अपनी पढ़ाई पूरी की तो ग्वालियर में रह चुके हैं।कवि प्रदीप कुमार,सदानंद किरकरे, राहत इंदौरी और निदा फाजली ने भी गीत कार के रूप मे फिल्मों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

जया बेटी तो शर्मिला बहु

सदी के नायक अमिताभ बच्चन का विवाह प्रसिद्ध लेखक तथापत्रकार तरूण भादुड़ी की बेटी जया से हुआ है।उनसे भी मेरी भोपाल में मुलाक़ात हो चुकी है।जया बच्चन का जन्म जबलपुर में हुआ तो उन्होंने कई साल भोपाल में भी गुजारे हैं।वही फिल्मों तथा राजनीति में भी जया का योगदान रहा है। फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने नवाब पटौदी से विवाह के बाद मप्र की बहु बन गई है। उनके पुत्र सैफ तथा पुत्री सोहा अली भी फिल्म में अभिनय से जुड़े हैं। कुछ नाम और भी हैं। कुल मिला कर फिल्मी जगत में मप्र-छग का भी एक बड़ा योगदान रहा है। यह बात और है कि कुछ ही लोगों को महत्व मिल सका है।

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